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Monday, December 28, 2020

कोरोना के साथ, 2020 में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा खोजे गए ये आयुर्वेदिक उपाए

भारत को आयुर्वेद का वरदान मिला हुआ है जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के कई उपाए दिए गए हैं, और यह आज का नहीं बल्कि हज़ारों सालों के अपनाए गए उपाए हैं। जो 2020 में कोरोना वायरस के समय कई घरों में आजमाए गए। इसके साथ भारत सरकार ने भी आयुष मंत्रालय द्वारा कुछ दिशा-निर्देश जारी किए जिससे हर व्यक्ति अपनी देखभाल घर पर ही कर सकता है। इन आयुर्वेदिक उपचारों को करने से ना सिर्फ कोरोना से बचा जा सकता है, बल्कि और दूसरी बीमारी भी ठीक हो सकती है। तो आइए आज हम इस आर्टिकल के जरिए कई सारे आयुर्वेदिक उपचारों जानें। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए 2020 में कई सारे उपचार लोगों ने अपनाए। जैसे च्यवनप्राश, रत्नाप्राश, आंवला जूस/सिरप, अश्वगंधा पाउडर, कवाथ, त्रिफला, गिलोय, आयुर डिफेंस, अमृत कलश जैसे आयुर्वेदिक उपचार लोगों के अपनाए।

जहां हम साल 2020 का बांहें खोल कर स्वागत कर थे, वहीं हमने आने वाले खतरे के बारे में सोचा भी नहीं। साल 2020 रगुजरने वाला है, लेकिन उससे पहले चलिए देखते हैं कि लोगों ने कोरोना वायरस के अलावा भी इंटरनेट पर कौन-कौन सी चीजें सबसे ज्‍यादा सर्च की।


Year-End: कोरोना के साथ, 2020 में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा खोजे गए ये आयुर्वेदिक उपाए

भारत को आयुर्वेद का वरदान मिला हुआ है जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के कई उपाए दिए गए हैं, और यह आज का नहीं बल्कि हज़ारों सालों के अपनाए गए उपाए हैं। जो 2020 में कोरोना वायरस के समय कई घरों में आजमाए गए। इसके साथ भारत सरकार ने भी आयुष मंत्रालय द्वारा कुछ दिशा-निर्देश जारी किए जिससे हर व्यक्ति अपनी देखभाल घर पर ही कर सकता है।

इन आयुर्वेदिक उपचारों को करने से ना सिर्फ कोरोना से बचा जा सकता है, बल्कि और दूसरी बीमारी भी ठीक हो सकती है। तो आइए आज हम इस आर्टिकल के जरिए कई सारे आयुर्वेदिक उपचारों जानें। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए 2020 में कई सारे उपचार लोगों ने अपनाए। जैसे च्यवनप्राश, रत्नाप्राश, आंवला जूस/सिरप, अश्वगंधा पाउडर, कवाथ, त्रिफला, गिलोय, आयुर डिफेंस, अमृत कलश जैसे आयुर्वेदिक उपचार लोगों के अपनाए।



​1. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा कैसे बनाएं ?
​1. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा कैसे बनाएं ?

काढ़ा के ऐसी दवा है जो आयुर्वेद में हर छोटी और मौसमी बीमारी को ठीक करती है।

हर बीमारी के लिए एक अलग काढ़ा

बनाया जाता है। इसमें कई सारे एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और यह एंटी-फ्लू, खांसी और मौसमी वायरस से भी बचाता है। काढ़ा बनाने के लिए अदरक, लौंग, काली मिर्च, दालचीनी को मिक्स करें और इसे एक गिलास उबलते पानी में डालें और 20 मिनट तक उबालें। इसके बाद जब पानी आधा रह जाए फिर एक छन्नी से छान लें। अब इसे गिलास में डालें, शहद मिलाएं और आपका काढ़ा तैयार है।

च्यवनप्राश, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए

सबसे अच्छा उपाए है, क्योंकि इसमें लगभग 40 जड़ी-बूटियां होती हैं। कहा जाता है कि ऋषि चव्हाण इसे रोज़ खाते थे जिससे वे हमेशा जवां रहे। अगर इसका सही इस्तेमाल किया जाए तो यह न केवल इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए उपयोगी है बल्कि शरीर के कई अन्य बीमारियों से भी बचाता है।



​2 . बालों के झड़ने और रूसी के लिए आयुर्वेदिक उपचार
​2 . बालों के झड़ने और रूसी के लिए आयुर्वेदिक उपचार

हमारे शरीर में उपस्थित कफ और वात दोष के असंतुलित हो जाने पर सिर की त्वचा पर सफेद पपड़ी जैसी फफूंदी जमने लगती है जिसे रूसी कहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में वात-पित्त-कफ दोष पाए जाते हैं। इसमें सबसे पहला उपाए है कि आप अपने बालों को साफ रखें। इसके लिए बालों को धोने के लिए केटोकोनाज़ोल, सेलेनियम सल्फाइड या जिंक से युक्त शैम्पू का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा जड़ी-बूटियां आंवला, भृंगराज, शिकाकाई, रीठा और एलोवेरा रूसी को रोकने, और बालों को पोषण और पुनर्जीवित करने का काम करते हैं।



​3 . आयुर्वेदिक बेस्ट इम्युनिटी बूस्टर
​3 . आयुर्वेदिक बेस्ट इम्युनिटी बूस्टर

अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है तो आप किसी भी बीमारी से लड़ लेंगे। कोशिश करें कि अपनी इम्युनिटी को प्राकृतिक रूप से मजबूत करें जिससे हवा में मौजूद बैक्टीरिया से आप बचे रहें। इसके लिए आप आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे आप कई सारी बीमारियों बचे रहेंगे। इसके लिए सबसे अच्छा है आंवला। आंवला में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जरूर पिएं ये जूस, सर्दी खांसी से भी मिलेगी राहत



​4. आयुर्वेद से ठीक करें पीसीओएस
​4. आयुर्वेद से ठीक करें पीसीओएस

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में वजन तेजी से बढ़ता है। इसके लिए मेथी का सेवन करें। मेथी शरीर में ग्लूकोज के चयापचय को बढ़ावा देती है और इंसुलिन को बढ़ने से रोकती है। मेथी के बीजों को रात को पानी में भिगो दें और खाली पेट एक चम्मच भीगे हुए बीजों का शहद के साथ सेवन कर लें। दोपहर के भोजन एवं रात के भोजन से पहले भी इसे लें। इसके साथ आप अन्य आयुर्वेदिक दवाओं जैसे शतावरी, हल्दी, विभीतकी, त्रिकटु-चूरन, हरितकी चूरन, हिंगवष्टक-चूरन, चित्रकादि-गुटिका का भी प्रयोग कर सकते हैं।



​5. आयुर्वेदिक चिकित्सा अंडों की क्वालिटी को बढ़ाए
​5. आयुर्वेदिक चिकित्सा अंडों की क्वालिटी को बढ़ाए

महिलाओं में अंडों की क्वालिटी और मात्रा में सुधार करने के लिए शतावरी खाना बेहतरीन उपाए है। इसके साथ अश्वगंधा, कुमारी, लोधरा, अशोका, कापिकाचू का हर्बल औषधीय मिश्रण भी अंडों की गुणवत्ता में सुधार करता है। तिल के बीज महिलाओं में अंडों के स्वास्थ्य को बूस्ट करने का बेहतर तरीका है। इन बीजों में जिंक की मात्रा ज्यादा होने से ये अंडे को स्वस्थ बनाये रखते हैं।



​6.फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक ठीक करने के आयुर्वेदिक उपचार
​6.फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक ठीक करने के आयुर्वेदिक उपचार

कालमेघ इसके लिए एक बेहतरीन दवा है जिससे फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक को आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसमें अल्काइलाइन्स, पॉलीसेकेराइड्स और कैफिक एसिड पाए जाते हैं जिससे फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज खुलता है।



​7. मुंहासों का आयुर्वेदिक उपचार
​7. मुंहासों का आयुर्वेदिक उपचार

मुंहासे हटाने का आयुर्वेदिक उपाय

एलोवेरा जेल है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लामेट्री गुण मुंहासों को पनपने से रोकने के साथ ही इससे संबंधित सूजन को कम करते हैं। साथ ही एलोवेरा में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण भी बैक्टीरिया को त्वचा पर पनपने से रोक सकता है।

इम्‍यूनिटी बूस्‍टर है अदरक का ये टेस्‍टी काढ़ा, सर्दी में बीमारियों से बचने के लिए रोज करें इसका सेवन



​8. एसिडिटी के आयुर्वेदिक उपचार
​8. एसिडिटी के आयुर्वेदिक उपचार

एसिडिटी एक आम समस्या है, लेकिन कभी-कभी यह गंभीर रूप धारण कर लेती है। जैसे

पेट में दर्द, जलन और एसिडिटी

के कारण सूजन होना। ऐसी स्थिति में, आप अक्सर एसिडिटी के लिए दवाइयां लेते हैं, लेकिन इसके बजाए आप आयुर्वेदिक उपचार आजमाएं। जैसे- पपीता खाएं। छाछ को जीरा और अजवाइन के साथ पिएं। अदरक का एक टुकड़ा चबाएं।



​9. गठिया के दर्द / घुटने की सूजन का आयुर्वेदिक उपचार
​9. गठिया के दर्द / घुटने की सूजन का आयुर्वेदिक उपचार

सेब का सिरका एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरा होता है, इसलिए इसे मांसपेशियों के दर्द और अर्थराइटिस से राहत देने में सहायक माना जा सकता है। घुटने के दर्द का उपचार मेथी से संभव हो सकता है। मेथी दानों में लिनोलेनिक और लिनोलिक एसिड पाए जाते हैं, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी अर्थराइटिक प्रभाव डाल सकते हैं और घुटने के दर्द से राहत दे सकते हैं।



​10 . रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपचार
​10 . रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपचार

आयुर्वेदिक तरीकों से भी लो ब्लड प्रेशर से छुटकारा पा सकते हैं। आपको बता दें कि आयुर्वेद में लो ब्लड प्रेशर को पित्त और वात जैसे दो दोषों का असंतुलन का परिणाम बताया गया हैं, जिसमें आयुर्वेदिक उपचार हाई बीपी के इन दोनों दोषों को संतुलित करता हैं। गाजर और पालक का जूस लो ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए लगभग 200 ग्राम गाजर के रस में एक चौथाई पालक का रस मिलाकर पिएं। लो बीपी के कारण अगर चक्कर आने की शिकायत हो, तो आंवले के रस में शहद मिलाकर खाने से बहुत जल्दी राहत मिलती है। इसके अलावा आंवले का मुरब्बा भी ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए एक बेहतर विकल्प बन सकता है।





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