बॉलिवुड के लेजेंड्री ऐक्टर स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता फैलाने में हमेशा आगे रहते हैं। इतना ही नहीं वह अपनी सेहत से जुड़ी परेशानियां और बीमारियों के बारे में भी लोगों को खुलकर बताते हैं ताकि लोग अपनी सेहत को लेकर लापरवाही न करें। बिग बी ने अपनी दो सबसे बड़ी बीमारियों हेपेटाइटिस और टीबी को लेकर भी अक्सर खुलकर बात की है और लोगों से कहा कि बीमारी का समय रहते पता चलना कितना जरूरी है वरना बाद में कॉम्प्लिकेशन बढ़ने पर समस्याएं बढ़ती जाती हैं। रीढ़ की हड्डी की टीबी को समझने की गलती की पिछले दिनों अमिताभ बच्चन ने टीबी से जुड़ी अपनी लड़ाई के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्हें की बीमारी हो गई थी जिसे वह सालों तक बैक पेन समझने की गलती करते रहे। उनकी इस गलती की वजह से टीबी के इलाज में काफी वक्त लगा और 1 साल से भी ज्यादा समय तक उनका कठिन ट्रीटमेंट चला। बिग बी ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं चला कि उन्हें स्पाइनल ट्यूबरक्लॉसिस की बीमारी है और वह रीढ़ की हड्डी में हो रहे दर्द को सामान्य बैक पेन समझते रहे। 4-5 साल तक दर्द झेलने के बाद टीबी हुई डायग्नोज बिग बी ने कहा कि उन्हें लग रहा था कि कुर्सी पर काफी देर तक बैठे रहने की वजह से उन्हें पीठ और कमर में दर्द हो रहा है। लेकिन करीब 4-5 साल तक इस दर्द को झेलने के बाद डायग्नोज हुआ कि उन्हें हकीकत में की बीमारी हो गई थी। इसके बाद उन्होंने पूरी गंभीरता के साथ अपनी बीमारी का इलाज करवाया और तब कहीं जाकर वह टीबी-फ्री हुए। अमिताभ बच्चन ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि बीमारी का समय पर पता चलना बहुत जरूरी है क्योंकि जितनी जल्दी बीमारी की पता चलता है, मरीज की जान बचाना उतना ही आसान हो जाता है। 2-3 हफ्ते से ज्यादा पीठ में दर्द हो तो डॉक्टर से करें संपर्क डॉक्टरों की मानें तो हाल के दिनों में ऐसे केसों की संख्या में इजाफा हुआ है जो पीठ दर्द को मामूली मानकर अनदेखा करते रहे। समस्या बढ़ने पर डॉक्टर के पास पहुंचे, तो स्पाइनल टीबी निकलकर सामने आई। दो-तीन हफ्ते तक पीठ में दर्द रहने के बाद भी आराम न मिले, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। आंकड़ों के मुताबिक, डॉक्टर के पास पहुंचने वाले पीठ दर्द के केसों में से 10 फीसदी मरीजों में रीढ़ की हड्डी की टीबी का पता चलता है। इसका सही समय पर इलाज न करवाने वाले लोगों में स्थायी रूप से अपाहिज होने का खतरा भी बना रहता है। इसकी पहचान भी जल्दी नहीं हो पाती है। बीमारी के मुख्य लक्षण -पीठ में अकड़न -रीढ़ की हड्डी में असहनीय दर्द -रीढ़ की हड्डी में झुकाव -पैरों और हाथों में हद से ज्यादा कमजोरी और सुन्नपन -हाथों और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव -यूरीन पास करने में परेशानी -रीढ़ की हड्डी में सूजन -सांस लेने में दिक्कत लंबा चलता है इलाज सामान्य टीबी का इलाज 6 महीने में हो जाता है, लेकिन स्पानइल टीबी को दूर होने में 12 से 18 महीने का वक्त लग सकता है। गौरतलब है कि टीबी के कीटाणु फेफड़े से खून में पहुंचते हैं और कई बार रीढ़ की हड्डी तक इसका प्रसार हो जाता है। बाल और नाखून छोड़कर टीबी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। जो लोग सही समय पर इलाज नहीं कराते या इलाज बीच में छोड़ देते हैं, उनकी रीढ़ की हड्डी गल जाती है, जिससे स्थायी अपंगता आ जाती है। किसी भी आयु वर्ग के लोग रीढ़ की हड्डी के टीबी का शिकार हो सकते हैं। टीबी बैक्टीरिया शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे दिमाग, पेट और अन्य हड्डियों को भी प्रभावित कर सकता है।
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