अगर लंबे समय से आप जिम जॉइन करने के बारे में सोच रहे हैं लेकिन कभी आलस तो अभी किसी और वजह से इसे जॉइन नहीं कर रहे हैं तो हाल ही हुई एक स्टडी जिम जॉइन करने की जायज वजह बन सकती है। बॉडी फिटनेस और ब्रेन शार्पनेस से जुड़ी एक रिसर्च में 12 सौ से अधिक लोगों को शामिल किया गया। इन सभी की उम्र 30 साल के आस-पास थी। इस रिसर्च में सभी पार्टिसिपेंट्स को अंडरवॉटर ब्रेन स्कैन, यादाश्त, शार्पनेस, निर्णय लेने की क्षमता और तार्किक स्तर पर अपनी बात रखने के पैमानों पर परखा गया। इन सभी के साथ ही हर्टबीट्स को भी जांचा गया। स्डटी में साफ था कि यहां फिटनेस का अर्थ मसल मेकिंग से नहीं है। शोधकर्ताओं ने पाया कि फिट लोग दो मिनट के वॉक टेस्ट में काफी तेज गति से रिद्म के साथ चले। जांच के दूसरे पैरामीटर्स पर भी वे अपने कॉलीग्स, जो उनकी तुलना में कम फिट थे, उनसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। फिट लोग दिमागी स्तर पर काफी मजबूत और बेहतर थे। साथ ही फिट महिलाओं और पुरुषों के मस्तिष्क के सफेद पदार्थ के हिस्से में स्वस्थ तंत्रिका फाइबर पाए गए। शोधकर्ताओं के अनुसार, दिमाग में पाया जानेवाला सफेद पदार्थ (वाइट मैटर) उच्च गुणवत्ता वाले तंत्रिका संचार के लिए महत्वपूर्ण है। रिसर्च के रिजल्ट के तौर पर सामने आया कि बड़ी संख्या में फिट लोग अपने कम फिट कॉलीग्स की तुलना में वर्कप्लेस पर भी बेहतर प्रदर्शन करते हैं। रिसर्च टीम के प्रमुख डॉ जोनाथन रिपल ने कई थिअरीज के जरिए यह साबित किया कि स्ट्रॉन्ग बॉडी में ही स्ट्रॉन्ग ब्रेन रहता है। उनका कहना है कि एक्सर्साइज से इंफ्लेमेशन में कमी आती है, जिससे दिमाग की नसों को लाभ पहुंचता है। रिपल जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ मंस्टर में सायकॉलजिस्ट और न्यूरोसाइंटिस्ट हैं।
from Health Tips in Hindi , natural health tips in hindi, Fitness tips, health tips for women - डेली हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स फॉर वीमेन | Navbharat Times https://ift.tt/2O4P6d8
via IFTTT
No comments:
Post a Comment