डेंगू मच्छरों से होने वाली ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति की जान भी ले सकती है। यही वजह है कि समय-समय पर इसे लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट के जरिए अलर्ट जारी किया जाता है। खासतौर पर बारिश के सीजन में मच्छरों से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि, डेंगू से बचाव के लिए उसके बारे में जानकारी नहीं बल्कि सही जानकारी का पता होना भी बेहद जरूरी है। आज हम लाए हैं इस बीमारी से जुड़े 5 मिथक और बता रहे हैं उनकी असलियत के बारे में: मिथक 1एक बार डेंगू होने पर यह दोबारा नहीं हो सकता, यह बात आपने कई लोगों से सुनी होगी लेकिन सच्चाई तो यह है कि डेंगू के चार तरह के वायरस होते हैं। एक वायरस से अगर आप प्रभावित हुए तो आपकी बॉडी अगली बार उससे लड़ने के लिए तैयार रहती है लेकिन बाकी के तीन वायरस शरीर को चपेट में ले सकते हैं। मिथक 2डेंगू से जुड़ा सबसे बड़ा मिथक यह है कि इसे फैलाने वाले एडीज मच्छर सिर्फ दिन में काटते हैं। सच यह है कि ये मच्छर दिन में ज्यादा ऐक्टिव रहते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ये शाम या रात में व्यक्ति को नहीं काट सकते। मिथक 3प्लेटलेट्स में कमी को हमेशा डेंगू की ओर इशारा नहीं होती। संभव है कि यह किसी और वजह से हो रहा हो, इसलिए टेस्ट करवाना जरूरी है। मिथक 4माना जाता है कि डेंगू के मच्छर मॉनसून में ज्यादा पनपते हैं, लेकिन सच तो यह है कि गर्मियों में और बारिश के बाद के मौसम में इन्हें पनपने का मौका मिलता है। यही वजह है कि उस इलाके में डेंगू का ज्यादा कहर होता है जहां पानी जमा हो। मिथक 5आमतौर पर कहा जाता है कि एडीज मच्छर किसी भी तापमान में पनप सकते हैं लेकिन ऐसा है नहीं। मच्छर की यह प्रजाति सिर्फ उस वातावरण में बढ़ सकती है जहां तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो।
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