मीजल्स यानी खसरा अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसी या छींक के साथ निकलने वाली बूंदों के हवा में फैलने व दूसरे व्यक्ति के इसके संपर्क में आने से फैलती है। संक्रमण होने पर शुरुआती लक्षण 10 से 12 दिन बाद दिखाई देते हैं ऐसे में व्यक्ति का इलाज भी उसी समय शुरू हो पाता है। कैसे बचेंखसरे से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है इसका वैक्सीन लगवाना। आमतौर पर डॉक्टर 12 से 15 महीने की उम्र में पहले वैक्सीनेशन की सलाह देते हैं। इसके बाद इसका दूसरा वैक्सीन 4 से 6 साल की उम्र में लगाया जाता है। अगर बचपन में यह वैक्सीन न लगाया जाए तो बड़े होने पर भी इसे लगावाया जा सकता है। दोनों वैक्सीन के बीच में चार सप्ताह का अंतर रखना होता है। किन्हें होता है ज्यादा खतरा - ऐसे लोग जिन्होंने बचपन में नहीं लगवाया होता है उन्हें इस वायरस की चपेट में आने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। - ऐसी जगह जाना जहां पर खसरा फैला हुआ हो या फिर खसरे से पीड़ित व्यक्ति के पास जाने पर व्यक्ति इसकी चपेट में आ सकता है। - विटमिन ए की शरीर में कमी हो तो खसरे के वायरस से एंटीबॉडीज अच्छे से लड़ नहीं पाती है और व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाता है। इस विटमिन की कमी के कारण खसरा हो जाने पर व्यक्ति को ज्यादा परेशानी भी उठानी पड़ती है। यह भी पढ़ें: लक्षणखसरे के लक्षण आमतौर पर 10 से 12 दिन बाद दिखाई देना शुरू होते हैं। ये लक्षण हैं: - बुखार आना - सूखी खांसी होना - नाक बहना - गले में दर्द बने रहना - आखें लाल होना - मुंह में सफेद और ब्लू स्पॉट्स नजर आना - हाथ-पैरों पर रेड रैश आ जाना इनमें से कोई भी लक्षण नजर आएं तो बेहतर है कि आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर सही समय पर इसका इलाज शुरू नहीं किया जाए तो इससे निमोनिया और अंधापन तक हो सकता है।
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