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Friday, July 2, 2021

Whey Protein से कहीं ज्‍यादा ताकतवर है आलू-चावल से बना ये प्रोटीन शेक, शुगर लेवल करे कंट्रोल

डायबिटीज से ग्रसित मोटे लोगों को ब्लड शुगर लेवल की हर वक्त निगरानी करनी पड़ती है। जरा सा ध्यान हटने पर ब्लड में अधिक मात्रा में शुगर हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। वैसे ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित रखने के लिए रोगी कई उपाय करते हैं, लेकिन अब उनके लिए आलू और चावल प्रोटीन शेक एक बेहतर विकल्प हो सकता है। Science Daily में छपे एक अध्ययन के अनुसार, प्लांट बेस प्रोटीन शेक मिल्क बेस व्हे प्रोटीन का संभावित विकल्प है।जर्नल Nutrients, में प्रकाशित एक अध्ययन में सुझाव दिया है कि आलू और चावल प्रोटीन शेक इस उद्देश्य के लिए दूध आधारित व्हे प्रोटीन शेक के संभावित विकल्प हैं। यहां तक की Centre for Nutraceuticals at the University of Westminster के ऑथर्स ने कहा है कि आलू और चावल प्रोटीन शेक ब्लड शुगर लेवल को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और वे प्रोटीन की तुलना में इंसुलिन में स्पाइक्स को कम करने में फायदेमंद है। इसलिए डायबिटीज वाले लोगों को आलू और चावल प्रोटीन शेक का सेवन करना चाहिए।

ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए आलू और चावल प्रोटीन शेक का ऑप्शन चुन सकते हैं। हाल ही में एक स्टडी में साबित हो चुका है कि इस तरह के प्लांट बेस प्रोटीन , व्हे प्रोटीन से ज्यादा फायदेमंद है ।


Whey Protein से कहीं ज्‍यादा ताकतवर है आलू-चावल से बना ये प्रोटीन शेक, शुगर लेवल करे कंट्रोल

डायबिटीज से ग्रसित मोटे लोगों को ब्लड शुगर लेवल की हर वक्त निगरानी करनी पड़ती है। जरा सा ध्यान हटने पर ब्लड में अधिक मात्रा में शुगर हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। वैसे ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित रखने के लिए रोगी कई उपाय करते हैं, लेकिन अब उनके लिए आलू और चावल प्रोटीन शेक एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

Science Daily

में छपे एक अध्ययन के अनुसार, प्लांट बेस प्रोटीन शेक मिल्क बेस व्हे प्रोटीन का संभावित विकल्प है।

जर्नल Nutrients, में प्रकाशित एक अध्ययन में सुझाव दिया है कि आलू और चावल प्रोटीन शेक इस उद्देश्य के लिए दूध आधारित व्हे प्रोटीन शेक के संभावित विकल्प हैं। यहां तक की Centre for Nutraceuticals at the University of Westminster के ऑथर्स ने कहा है कि आलू और चावल प्रोटीन शेक ब्लड शुगर लेवल को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और वे प्रोटीन की तुलना में इंसुलिन में स्पाइक्स को कम करने में फायदेमंद है। इसलिए डायबिटीज वाले लोगों को आलू और चावल प्रोटीन शेक का सेवन करना चाहिए।



​क्या है आलू और चावल प्रोटीन
​क्या है आलू और चावल प्रोटीन

बता दें कि आलू प्रोटीन एक प्लांट बेस प्रोटीन उत्पाद है, जो आलू स्टार्च प्रोडक्शन से मिलता है। जबकि चावल काप्रोटीन शरीर को अमीनो एसिड नामक पोषक तत्व देता है। राइस प्रोटीन में अमीनो एसिड के प्रकार शरीर को ब्लड में बहुत ज्यादा शुगर से बचाने में मदद कर सकते हैं। ये ब्लड प्रेशर और ब्लड फैट को भी कम करने में मददगार हैं। इन्हें किसी भी प्रोटीन पाउडर की तरह पूरे दिन में लिया जा सकता है।



​इंसुलिन को बढ़ने से रोके
​इंसुलिन को बढ़ने से रोके

अध्ययन के दौरान शाकाहारी प्रोटीन शेक पीने वालों का ब्लड इंसुलिन कम बढ़ता हुआ देखा गया। आलू के प्रोटीन ने इंसुलिन को बढऩे से भी रोका । निष्कर्षों के आधार पर शोधकर्ताओं ने बताया कि प्लांट बेस प्रोटीन जैसे आलू और चावल प्रोटीन शेक के सेवन से मठ्ठा प्रोटीन की तुलना में

ब्लड शुगर लेवल बेहतर तरीके से कंट्रोल

होता है। इसका मतलब ये है कि शाकाहारी प्रोटीन शेक पीने से उन लोगों को फायदा हो सकता है , जिन्हें अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने की जरूरत होती है। इनमें डायबिटीज और मोटापे से जूझ रहे लोग शामिल हैं।



​प्रोटीन ब्लड शुगर को कैसे कंट्रोल करता है
​प्रोटीन ब्लड शुगर को कैसे कंट्रोल करता है

हमारा शरीर कुछ प्रोटीन बनाता है। लेकिन अन्य प्रोटीन हमें आहार से मिलते हैं। मठ्ठा, मांस, टोफू जैसी प्रोटीन फूड शरीरर को जरूरी प्रोटीन बनाने में मदद करते हैं। इन्हीं में से एक है आलू और चावल प्रोटीन शेक। इस प्रोटीन शेक के सेवन से पेट भरा हुआ महसूस होता है।

यह पाचन को धीमा करने के साथ ब्लड शुगर स्पाइक्स को भी रोकता है। इतना ही नहीं, ये आपको ज्यादा मात्रा में खाने से रोकने और

वजन घटाने में भी मददगार

है। वेजिटेरियन लोगों के लिए अलग-अलग तरह के प्लांट बेस प्रोटीन ऑप्शन उपलब्ध हैं, जेसै सोया, चावल , गेहूं, मटर प्रोटीन ।



​हाई ब्लड शुगर के हेल्थ रिस्क-
​हाई ब्लड शुगर के हेल्थ रिस्क-

एक सामान्य ब्लड शुगर लेवल 140 mg/dL से कम होता है। यदि भोजन खाने के दो घंटे बाद रीडिंग 200 mg/dL से ज्यादा है, तो यह डायबिटीज की निंशानी है। जबकि 140 से 199 mg/dL के बीच एक रीडिंग प्रीडायबिटीज का संकेत देती है। लेकिन हाइपरग्लेसेमिया तब तक लक्षण पैदा नहीं करता जब तक की ब्लड शुगर लेवल 180 से 200 mg/dL से ऊपर न हो। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो हाई ब्लड शुगर अंगों को ब्लड की आूपर्ति करने वाली वैसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इस स्थिति का तुरंत इलाज किया जाना चाहिए।

आलू और चावल प्रोटीन शेक बेशक ब्लड ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित रखते हैं, लेकिन डायबिटीज वाले लोगों को ध्यान देना चाहिए कि वे अपने प्रोटीन सेवन के लिए केवल प्रोटीन शेक पर निर्भर न रहें।





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