Myth And facts of Urinary Tract Infections: यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी यूरिन मार्ग में संक्रमण होना आम बात है। लेकिन इस बारे में कई तरह के मिथक हैं जिसके बारे में आपको जानकारी होना जरूरी है।
Myth And facts of Urinary Tract Infections: यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी यूनिर मार्ग में संक्रमण होना आम बात है। इस समस्या की शिकार पुरुष और महिला दोनों ही होते हैं। लेकिन फीमेल को यूटीआई का जोखिम ज्यादा होता है। ये संक्रमण यूरिनरी सिस्टम यानी गुप्तांग के किसी भी हिस्से में हो जाता है।
अधिकांश यूटीआई बैक्टीरिया के कारण होते हैं, लेकिन कुछ फंगल इंफेक्शन के भी कारण होते हैं जबकि दुर्लभ मामलों में वायरस के कारण होते हैं। आपको बता दें कि यूटीआई के दर्द को कम करने के लिए बहुत सारे घरेलू उपचार हैं लेकिन इन उपायों को लेकर के साथ कई मिथक भी हैं। इस आर्टिकल में हम मिथकों को दूर कर यूटीआई के इलाज के लिए आपको सही जानकारी दे रहे हैं।
(फोटो साभार: istock by getty images)
मिथः सिर्फ सेक्स ही UTI का कारण बन सकता है
तथ्य: यूटीआई बहुत कॉमन प्रॉब्लम है और इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मधुमेह, खराब स्वच्छता (poor hygiene), मूत्र कैथेटर (urinary catheter) आदि हैं। सेक्स से यूटीआई हो सकता है लेकिन यह संक्रमण का एकमात्र कारण नहीं है। जिन महिलाओं ने सेक्स नहीं किया है, उन्हें भी यूटीआई से जूझना पड़ता है। इसके रजोनिवृत्ति (menopause), गर्भावस्था और पेरिमेनोपॉज़ जैसे अन्य कारण भी हैं।
हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि सेक्स (intercourse) करने के बाद महिलाओं को चाहिए कि वे अपने वजाइना को नमी से बचाएं। आसान भाषा में कहें तो महिलाएं को चाहिए इंटरकोर्स के बाद वे अपने गुप्तांग को ठीक से साफ करें न कि ज्यादा देर गीला रहने दें। क्योंकि नमी के कारण वहां बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं जिससे यूटीआई की समस्या हो सकती है।
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मिथक: केवल महिलाओं को होता यूटीआई ?
तथ्य: यह सच है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक बार यूटीआई का जोखिम रहता है, लेकिन पुरुषों भी इस इंफेक्शन का शिकार होते हैं। आंकड़ों से पता चला है कि 12% पुरुषों को अपने जीवन में कम से कम एक बार यूटीआई के दर्द से जरूर गुजरना पड़ता है। नेचुरल फीमेल यूरिनरी सिस्टम स्ट्रक्चर के कारण 40-50% महिलाएं इस जोखिम को झेलती हैं।
मिथक: क्या अनहाइजीनिक है UTI का कारण?
तथ्य: हैरानी की बात है कि जब यूटीआई की बात आती है तो स्वच्छता का ज्यादा रोल नहीं होता। आप कितने भी हाइजेनिक क्यों न हों तब भी आपको लाइफ में एक बार ये इंफेक्शन जरूर होता है। कभी-कभी केवल मूत्र प्रणाली होना ही संक्रमण होने का एक सटीक हो सकता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स हमेशा ही एहतियात बरतने और साफ-सफाई रखने की सलाह देते हैं।
मिथक: क्रैनबेरी जूस पीने से यूटीआई का इलाज हो सकता है?
तथ्य: क्रैनबेरी जूस में प्लांट की वेरायटी प्रोएंथोसायनिडिन (Proanthocyanidin) होते है जो मूत्राशय (bladder) के आस-पास वाले एरिया में बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। हालांकि, इस बात का बहुत कम वैज्ञानिक प्रमाण है कि क्रैनबेरी जूस यूटीआई को रोक सकता है या इसे ठीक कर सकता है।
मिथक: UTI से बचने के लिए वजाइना को साफ करना चाहिए?
तथ्य: UTI से बचाव के लिए महिलाओं को अपने वजाइना को डेली साबुन या फेस वॉश से साफ करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसा करने से वजाइना का नेचुरल पीएच इंबैलेंस हो सकता है। इसे साफ करने के लिए आप किसी गीले कपड़े का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन साबुन का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है।
मिथक: अपने आप ठीक हो जाता?
तथ्य: समय के साथ यूटीआई से ठीक होने के कई मामले सामने आए है। बता दें कि यह सिर्फ एक माइल्ड इंफेक्शन है, जैसे ही रोगी उन चीजों से परहेज करने लगता है जो इसके फैक्टर हैं तो अपने आप ही ठीक हो जाता है। इस स्थिति में आपको किसी भी तरह की ओवर-द-काउंटर दवाएं लेने से बचना चाहिए। समस्या अगर ज्यादा है तो हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें, वो बताएंगे कि आपको एंटीबायोटिक्स लेने की आवश्यकता है या नहीं।
नोट- जानकारी के लिए आपको बता दें कि पहली बार यूटीआई आपके लिए अधिक जोखिम भरा हो सकता है लेकिन चिंता न करें यह पूरी तरह से सामान्य है। खूब पानी पिएं, अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें और आप कुछ ही समय में ठीक हो जाएंगे।
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