PCOS में महिलाओं की फर्टिलिटी पर पड़ता है असर, PCOD में होती है पीरियड की समस्या; जानें दोनों में अंतर - Kal Se Aaj Tak News

“समय के साथ”

Breaking

Home Top Ad

Web hosting

Post Top Ad

Join us to kalseaajtaknew.blogspot.com

Wednesday, July 14, 2021

PCOS में महिलाओं की फर्टिलिटी पर पड़ता है असर, PCOD में होती है पीरियड की समस्या; जानें दोनों में अंतर

महिलाओं को जिन कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उनमें पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग (PCOD) और पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (PCOS) भी शामिल हैं। ये दोनों ही ओवरी यानी अंडाशय और उनके हार्मोन के फंक्शन से जुड़ी कॉमन समस्याएं हैं। आमतौर पर महिलाएं इन दोनों ही समस्याओं को लेकर कनफ्यूज रहती हैं और कुछ दोनों स्थितियों को एक जैसा ही समझती हैं। यही वजह है कि कई बार PCOD और PCOS को एक- दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन उनके बीच कुछ अंतर हैं। हालांकि, महिलाओं की दो ओवरीज हर माह एग्स और हार्मोन्स भी रिलीज करती हैं जो फर्टिलिटी, मासिक धर्म व फेशियल हेयर आदि को कंट्रोल करती हैं। बहरहाल, यहां हम आपको दोनों के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ-साथ इनके बीच का अंतर भी बताएंगे।

What is PCOD and PCOS problem: कई महिलाएं PCOD और PCOS को एक ही स्थिति समझने की भूल करती हैं लेकिन असल में इन दोनों में कई बड़े अंतर हैं। इनके लक्षणों को नजरअंदाज करने पर आप भविष्य में गंभीर समस्या का भी सामना कर सकते हैं।


PCOS में महिलाओं की फर्टिलिटी पर पड़ता है असर, PCOD में होती है पीरियड की समस्या; जानें दोनों में अंतर

महिलाओं को जिन कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उनमें पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग (PCOD) और पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (PCOS) भी शामिल हैं। ये दोनों ही ओवरी यानी अंडाशय और उनके हार्मोन के फंक्शन से जुड़ी कॉमन समस्याएं हैं। आमतौर पर महिलाएं इन दोनों ही समस्याओं को लेकर कनफ्यूज रहती हैं और कुछ दोनों स्थितियों को एक जैसा ही समझती हैं। यही वजह है कि कई बार PCOD और PCOS को एक- दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन उनके बीच कुछ अंतर हैं।

हालांकि, महिलाओं की दो ओवरीज हर माह एग्स और हार्मोन्स भी रिलीज करती हैं जो फर्टिलिटी, मासिक धर्म व फेशियल हेयर आदि को कंट्रोल करती हैं। बहरहाल, यहां हम आपको दोनों के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ-साथ इनके बीच का अंतर भी बताएंगे।



​PCOD क्या है?
​PCOD क्या है?

पीसीओडी एक चिकित्सा स्थिति है जहां अंडाशय (ovaries) समय से पहले एग्स को रिलीज कर देते हैं, जो समय के साथ सिस्ट (cysts) में बदल जाते हैं। ऐसा होना पर महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता (irregular periods), वजन बढ़ना, मेल पैटर्न हेयर लॉस और पेट में दर्द जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है।

इस स्थिति में ओवरी आकार में बड़ी हो जाती हैं और शरीर में हाई लेवल पर मेल हार्मोन (एंड्रोजन) को रिलीज करती हैं। इस सिचुएशन के लिए अनहेल्दी लाइफस्टाइल जैसे जंक फूड का अधिक सेवन और मोटापा आदि हैं।

वैज्ञानिकों का दावा- जरूरी है दोनों हाथों का Blood Pressure चेक कराना, BP में अंतर होने पर मिलता हैं इन बीमारियों के संकेत



​PCOS क्या है?
​PCOS क्या है?

पीसीओएस अंतःस्रावी तंत्र (endocrine system) का एक चयापचय विकार (metabolic disorder) है। इस स्थिति में अधिक मात्रा में पुरुष हार्मोन रिलीज होने लगते हैं जिससे ओव्यूलेशन में अनियमितता होती है। इस स्थिति के कारण अंडाशय में बहुत सारे सिस्ट बन जाते हैं। यह स्थिति पीसीओडी से भी ज्यादा खतरनाक व गंभीर है। इस स्थिति में वेट तेजी से बढ़ने लगता है।



​दोनों स्थितियों में अंतर
​दोनों स्थितियों में अंतर

पीसीओडी (Polycystic Ovarian Disease) को पूरी तरह से एक बीमारी भी नहीं माना है यह एक सामान्य स्थिति होती है जबकि पीसीओएस (Polycystic Ovarian Syndrome) एक गंभीर स्थिति है।

PCOD में होने वाली समस्याओं से आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए आपको हेल्दी फूड और व्यायाम को अपने रूटीन में शामिल करना है। वहीं दूसरी ओर, PCOS को डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इलाज की आवश्यकता होती है क्योंकि यह एक यह एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है।

दुनिया में लगभग एक तिहाई महिलाएं PCOD से पीड़ित हैं, जिसका अर्थ है कि यह बहुत कॉमन है। वहीं, PCOS एक बीमारी है और पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं की तुलना में बहुत कम संख्या में इसके मामले हैं।

पीसीओएस एक अंतःस्रावी तंत्र का विकार है, जबकि पीसीओडी एक चिकित्सा स्थिति है जो हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है।

एक अंतःस्रावी तंत्र विकार यानी एंडोक्राइन सिस्टम डिसऑर्डर है, हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance) का कारण बन सकता है। हार्मोनल असंतुलन अपने आप में एक लक्षण है न कि कोई विकार। इसलिए, पीसीओएस एक डिसऑर्डर है जबकि पीसीओडी एक लक्षण की अभिव्यक्ति (manifestation of a symptom) है।



​गर्भावस्था और स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं
​गर्भावस्था और स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं

चूंकि पीसीओडी कोई गंभीर बीमारी नहीं है, इसलिए यह महिलाओं में प्रजनन क्षमता (fertility) को प्रभावित नहीं करती है। पीसीओडी से पीड़ित महिलाएं आमतौर पर फर्टाइल रहती हैं और उन्हें प्रेगनेंट होने किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। वहीं, दूसरी ओर पीसीओएस पहली बार में ही महिलाओं की प्रेगनेंसी को एक बड़ी चुनौती बना देता है।

PCOS से पीड़ित महिलाओं को हार्मोनल इंबैलेंस के कारण प्रेगनेंट होने में मुश्किलें आती हैं क्योंकि उनकी ओवरी रोज एग को रिलीज करने में सक्षम नहीं होती। ऐसे में कई दफा महिलाओं को अपनी गर्भावस्था और गर्भपात में जोखिम का भी खतरा होता है।



​कैसे करें दोनों स्थितियों में सुधार
​कैसे करें दोनों स्थितियों में सुधार

पीसीओएस और पीसीओडी दोनों ऐसी बीमारियां हैं जिनमें हमारे अंडाशय और हार्मोन शामिल होते हैं लेकिन इनमें कुछ अंतर होते हैं। जबकि पीसीओएस पीसीओडी की तुलना में अधिक गंभीर है, यदि समय पर पता चल जाए तो दोनों का इलाज किया जा सकता है।

एक स्वस्थ आहार और फिटनेस शासन के बाद लक्षणों को नियंत्रित करने और पीसीओएस और पीसीओडी के कारण होने वाले हार्मोनल असंतुलन में सुधार करने में मदद मिल सकती है। यदि इनके सिम्टम्स को महसूस करते हैं तो आपको एक डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि समय रहने समस्या का समाधान हो सके।

इस आर्टिकल को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां

क्लिक करें।





from Health Tips in Hindi , natural health tips in hindi, Fitness tips, health tips for women - डेली हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स फॉर वीमेन | Navbharat Times https://ift.tt/3B5eG7A
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Web hosting

Pages