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Monday, July 12, 2021

तीसरी लहर में कहर बरपा सकते कोविड के नए वेरिटंस्, जानें एक-दूसरे से कैसे अलग हैं डेल्टा, Delta Plus, लैम्ब्डा और कप्पा

Difference between covid variants: पिछले साल से लेकर अब तक कोविड के न जाने कितने ही स्वरूप सामने आ चुके हैं। हैरान कर देने वाली बात ये है कि म्यूटेशन के बाद नए वायरस के सिम्टम्स में भी बदलाव आता है। ऐसे में कोरोना वायरस अपनी संक्रामकता को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स के बीच कई तरह से सवाल खड़े कर रहा है। भारत में उभरे कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट इसके मूल वायरस की तुलना में अधिक घातक था, जिसे दूसरी लहर का जिम्मेदार बताया जा रहा है। डेल्टा बाद में डेल्टा प्लस वेरिएंट में बदल गया और इसके म्यूटेशन के बाद कप्पा, लैम्ब्डा जैसे घातक वायरस पैदा हुए। इन सभी वायरस की रोकधाम के लिए सरकार की ओर से रेड अलर्ट बढ़ाया गया है। बहरहाल, यहां आप इन सभी वेरिएंट के बीच आपको अंतर स्पष्ट कर रहे हैं। आइए, जानते हैं कि कैसे एक-दूसरे से अलग हैं ये वेरिएंट...(फोटो साभार: istock by getty images)

Difference between covid variants: डेल्टा वेरिएंट को भारत में दूसरी लहर का जिम्मेदार बताया जा रहा है जबकि सरकार की ओर से तीसरी लहर का अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस लहर में डेल्टा प्लस के अतिरिक्त कोविड के नए-नए स्ट्रेन अपना कहर बरपा सकते हैं।


Coronavirus: तीसरी लहर में कहर बरपा सकते हैं ये नए वेरिएंट, जानें एक-दूसरे से कैसे अलग हैं डेल्टा, Delta Plus, लैम्ब्डा और कप्पा

Difference between covid variants:

पिछले साल से लेकर अब तक कोविड के न जाने कितने ही स्वरूप सामने आ चुके हैं। हैरान कर देने वाली बात ये है कि म्यूटेशन के बाद नए वायरस के सिम्टम्स में भी बदलाव आता है। ऐसे में कोरोना वायरस अपनी संक्रामकता को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स के बीच कई तरह से सवाल खड़े कर रहा है। भारत में उभरे कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट इसके मूल वायरस की तुलना में अधिक घातक था, जिसे दूसरी लहर का जिम्मेदार बताया जा रहा है।

डेल्टा बाद में डेल्टा प्लस वेरिएंट में बदल गया और इसके म्यूटेशन के बाद कप्पा, लैम्ब्डा जैसे घातक वायरस पैदा हुए। इन सभी वायरस की रोकधाम के लिए सरकार की ओर से रेड अलर्ट बढ़ाया गया है। बहरहाल, यहां आप इन सभी वेरिएंट के बीच आपको अंतर स्पष्ट कर रहे हैं। आइए, जानते हैं कि कैसे एक-दूसरे से अलग हैं ये वेरिएंट...(फोटो साभार: istock by getty images)



​डेल्टा वेरिएंट
​डेल्टा वेरिएंट

डेल्टा वेरिएंट बी.1.617.2 बी.1.617 वायरस का एक रूप है, जिसे इस साल की शुरुआत में भारत में ही खोजा गया था। अध्ययनों से पता चलता है कि यह पिछले वायरस की तुलना में अधिक घातक है। इसे दूसरी लहर का जिम्मेदार बताया जा रहा है। यही वजह है कि WHO (World Health Organisation) ने डेल्टा वेरिएंट को 'वायरस ऑफ कंसर्न' (virus of concern) यानी कोरोना का चिंताजनक वेरिएंट करार दिया है।

शोध के मुताबिक, इस तरह के वायरस के खिलाफ मौजूदा COVID वैक्सीन आठ गुना कम प्रभावी हैं। भारत के अलावा डेल्टा वेरिएंट के मामले यूके और इजराइल में भी सामने आए हैं।

इन सच्ची घटनाओं से जुड़े होते हैं रात को आने वाले डरावने सपने, सेहत पर भी डालते हैं असर



​डेल्टा प्लस वेरिएंट
​डेल्टा प्लस वेरिएंट

डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में खोजे गए डेल्टा का ही एक स्वरूप है। डेल्टा प्लस वेरिएंट (B.1.617.2) सबसे पहले भारत के महाराष्ट्र में पाया गया था। जानकारी के अनुसार, डेल्टा प्लस वेरिएंट पश्चिमी राज्य में COVID-19 की तीसरी लहर को ट्रिगर कर सकता है। जानकारों का कहना है कि इसके गंभीर लक्षणों के चलते मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है। डेल्टा प्लस भारत के अलावा दुनिया भर के 9 अन्य देशों में फैल चुका है। यूके, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, जापान, नेपाल, चीन, भारत और रूस में डेल्टा के मामले आए हैं।

लक्षण

पेट में दर्द

जी मिचलाना

भूख कम लगना

उल्टी होना

जोड़ों का दर्द और श्रवण दोष



​कप्पा वेरिएंट
​कप्पा वेरिएंट

कप्पा वेरिएंट जिसे बी.1.167.1 के रूप में भी जाना जाता है। यह पहली बार अक्टूबर 2020 में भारत में पाया गया था। यह कोरोनावायरस का एक डबल म्यूटिड स्ट्रेन है क्योंकि यह दो तरह के वायरस- E484Q म्यूटेशन और L452R म्यूटेशन से बना है। E484Q म्यूटेशन ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के वायरस E484K म्यूटेशन की तरह है, जबकि कैलिफोर्निया में उत्पन्न होने वाला L452R म्यूटेशन इम्यूनिटी को बेअसर कर सकता है। इसी के कारण WHO ने इसे 'Variant of interest' करार दिया है।

शोध के मुताबक, कप्पा वैरिएंट शरीर में मौजूद नेचुरल एंटीबॉडी को पार करने की क्षमता रखता है और वैक्सीन से मिलने इम्यूनिटी से भी अपना बचाव कर सकता है।

लक्षण

रैशेज

तेज बुखार

नाक बहना

आंखों में पानी आना



​लैम्ब्डा वेरिएंट
​लैम्ब्डा वेरिएंट

WHO ने पिछले हफ्ते लैम्ब्डा वेरिएंट को भी 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' करार दिया है। पेरू में उत्पन्न हुए इस वेरिएंट के पिछले चार हफ्तों में 30 से अधिक देशों में मामले आए हैं। हालांकि, भारत में अभी तक कोरोनावायरस के पाए गए नए वेरिएंट के मामलों का पता नहीं चला है। लैब्म्डा L452Q और F490S जैसे वेरिएंट के म्यूटेशन से बना है।

लक्षण:

बुखार की समस्या

लगातार खांसी आना

गंध और स्वाद न आना

इस आर्टिकल को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां

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