कई लोग हैं जिन्हें रात को बुरे सपने आते हैं और उनकी नींद में बाधा डालते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे सपने हमें आते क्यों हैं?
क्या आपको ऐसे बुरे सपने (Nightmares) आते हैं जो आपको पूरी रात सोने नहीं देते? क्या आपके साथ अक्सर ऐसा होता है जिस वजह से नींद डिस्टर्ब होती है। यहां बुरे सपने से संबंधित कुछ विचारधाराएं हैं जिनके बारे में आपको जानना बहुत जरूरी है। बहुत से लोगों का मानना है कि बुरे सपने सिर्फ युवाओं को आते हैं, लेकिन ये बात बिल्कुल भी सच नहीं है। भयावह सपने किसी भी उम्र में या किसी ऐसे व्यक्ति को आ सकते हैं जिसका संबंध अतीत में चिंता या भयानक घटनाओं से रहा हो। यहां हम आपको बुरे सपने आने कई कारण बता रहे हैं जो कई तरह से आपकी सेहत से जुड़े हैं। आइए, बुरे सपनों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तनाव
यदि आप हर रोज तनावग्रस्त और नाखुश रहते हैं तो आपको सोने के वक्त बुरे सपने आ सकते हैं। क्योंकि ऐसी सिचुएशन में आपकी इंबैलेंस मेंटल हेल्थ सोते वक्त बुरे सपने को महत्वपूर्ण तरीके से ट्रिगर कर सकती है। दिनभर टेंशन में डूबा व्यक्ति रात को सोते वक्त भी ऐसी ही भयानक सपनों को बंद आंखों से देखता है।
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दवाएं
निश्चित रूप से दवाएं आपके मस्तिष्क में प्रतिक्रियाओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती हैं जिसके परिणामस्वरूप बुरे सपने आ सकते हैं। रक्तचाप की गोलियां (Blood pressure pills), अवसादरोधी (antidepressants) और अल्जाइमर रोग की दवाएं (Alzheimer's disease) दवाएं आमतौर पर बुरे सपने के फैक्टर्स से जुड़ी हैं।
दर्दनाक अतीत
जब कोई व्यक्ति जीवन में गंभीर चोट, शारीरिक, यौन शोषण या अन्य किसी तरह की दर्दनाक घटनाओं से गुजरता है, तो यह निश्चित रूप से ये चीजें उसके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। ये कारण भी उस व्यक्ति के लिए रात को सोते वक्त आने वाले बुरे सपने का कारण हो सकते हैं। क्योंकि भयानक घटनाएं ही उसे बुरे सपने की ओर ले जाती हैं। मनोचिकित्सक बुरे सपनों को पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षणों से भी जोड़ते हैं।
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डरावनी फिल्में या किताबें
जब कभी आप सोने से पहले डरावनी फिल्में, किताबें या सस्पेंस भरे शो को देखते हैं तो सोते वक्त आपको भयानक सपने आ सकते हैं। यह आपको डरा सकता है, जबकि इस तरह के शो के भयानक दृश्यों को सोचने और फिर से कल्पना करने से भी कुछ डरावने बुरे सपने आ सकते हैं।
अधूरी नींद
खराब और अधूरी नींद बुरे सपने को जन्म दे सकती है। क्योंकि हमारा दिमाग बंदर की तरह है। यदि आप कुछ पहलुओं के बारे में नहीं सोचने का निर्णय लेते हैं, तो मस्तिष्क उससे संबंधित बातों को ट्रिगर करता रहेगा और यही बैचेनी रात के बुरे सपनों का कारण बन सकती है।
ट्रीटमेंट और बचाव
इन सपनों से बचाव के लिए हमें तनाव, टेंशन को कम करना होगा। एक बेहतरीन माहौल में ढलने की कोशिश करनी होगी, साथ ही रात के वक्त डरावनी फिल्मों को देखना और कहानियों को पढ़ना भी बंद करना होगा। यदि लगातार ये समस्या हो रही है तो आप तनाव, चिंता, अवसाद या PTSD के मामले में मदद लेने के लिए डॉक्टर से मिलें। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए मेडिकली तौर पर टॉक थेरेपी, इमेज रिहर्सल थेरेपी, ल्यूसिड ड्रीमिंग ट्रीटमेंट, सम्मोहन (hypnosis), मस्कुलर रिलैक्सेशन आदि कारगर हैं।
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