क्या आपको अक्सर सिर दर्द रहता है, अगर हां तो क्या आप जानते भी हैं कि आपको किस तरह का सिर दर्द है। यानी यह तनाव की वजह से है, माइग्रेन है। या फिर सिर दर्द के पीछे की वजह खतरनाक है। आइए समझते हैं, सिर दर्द के पीछे के पेच को आसान भाषा में।
आज के समय में सभी को बहुत सी साधारण स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझना पड़ता है। जो रोजाना की जिंदगी को भी प्रभावित करती हैं। जैसे आप सिर दर्द को ही ले लीजिए। यह एक ऐसी समस्या है जो लगभग हर व्यक्ति को हो ही जाती है। आंकड़े तो यहां तक बताते हैं कि दुनिया की आधी आबादी सिर दर्द की समस्या से किसी ना किसी समय पीड़ित होती ही है। सिर दर्द में कुछ लोगों को एक हल्का सा सिर में दबाव महसूस होता है, तो कुछ लोगों को यह नसों के धड़कने जैसा ही लगता है।
लेकिन आपको बता दें कि सिर दर्द को जैसा आप समझ रहे हैं , यह वैसा नहीं है। सिर दर्द भी कई तरह का होता है और इसके लक्षण भी बहुत अलग - अलग हो सकते हैं। इन सभी में से स्ट्रेस की वजह से सिर दर्द होना सबसे ज्यादा आम है। पर हर बार सिर दर्द को स्ट्रेस से जोड़ कर देखा नहीं जा सकता। आइए जानते हैं सिर दर्द के कारणों के बारे में।
सिर दर्द के प्रकार
सिर दर्द को कुल मिलाकर दो तरह से देखा जाता है। जिसमें एक है प्राथमिक और दूसरा है माध्यमिक सिर दर्द। प्राथमिक सिर दर्द की वजह तनाव, थकान, नींद की कमी, खराब बॉडी पॉश्चर, खाना ना खाना या
भी हो सकती है। दरअसल कई बार मस्तिष्क के पास की रक्त वाहिकाएं या मांसपेशियां सूज जाती हैं। जिसका सीधा असर नसों पर पड़ता है और यह अतिरिक्त दबाव महसूस करने लगती है।
जिसकी वजह से ही सिर दर्द होता है। वहीं अगर बात करें माध्यमिक सिर दर्द की तो यह किसी तरह की पेन किलर लेने की वजह से हो सकता है। इसके अलावा कई बार माध्यमिक सिर दर्द की वजह ट्यूमर भी होता है।
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टेंशन की वजह से होने वाला सिर दर्द
सिर में दर्द होने की प्राथमिक समस्या आमतौर पर टेंशन की वजह से ही होती है। इस दर्द के दौरान व्यक्ति के माथे की तरफ तेज दबाव महसूस होता है। इसके अलावा कई लोगों को ऐसा भी लगता है कोई उनके सिर को दोनो तरफ से निचोड़ रहा है। इसकी वजह से सिर के और गर्दन के पिछले हिस्से में भी दर्द हो सकता है।
आपको बता दें कि तनाव में सिर दर्द दो प्रकार के हो सकते हैं। यह सिर दर्द की फ्रीक्वेंसी और समय अवधि पर आधारित होते हैं। इसमें एक है एपिसोडिक टेंशन सिर दर्द यह व्यक्ति को 30 मिनट से लेकर कुछ दिनों तक हो सकता है। कई बार यह महीने में 15 दिन भी बना रह सकता है।
वहीं दूसरा है क्रोनिक सिर दर्द यह महीने में 15 दिन से ज्यादा तक भी रह सकता है। इसके लक्षण कई महीनों तक बने भी रह सकते हैं। ऐसे में कई बार लोग एपिसोडिक सिर दर्द को हल्के में लेते हैं जो बाद में पुराने या क्रोनिक सिरर्द में तब्दील हो जाते हैं।
सिर दर्द के कारण
तनाव की वजह से होने वाले सिर दर्द हमारी गर्दन और सिर में संकुचन की वजह से होता है। अगर आपको अक्सर सिर दर्द होता है तो इसके पीछे कई जोखिम कारक भी हो सकते हैं जो तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द को ट्रिगर करते हैं। इनकी सूची कुछ इस प्रकार है।
अगर आप लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन को घूर कर देखते हैं तो इससे आंखों में खिंचाव पैदा होता है।
ज्यादा देर तक गाड़ी चलाने की वजह से थकान होती है, जिससे सिर दर्द हो सकता है।
शराब का सेवन करने से भी यह समस्या हो सकती है।
सर्दी लगने या
से भी दर्द हो सकता है।
कैफीन निकलने की वजह से
नींद की कमी
पानी कम पीने की वजह से
भूखे रहने की वजह से
विटामिन और आयरन की कमी के कारण
जबड़े की समस्या
धूम्रपान के कारण
इन सभी के अलावा भावनात्मक समस्या, मेंटल स्ट्रेस और दिमागी बीमारी की वजह से जैसे डिप्रेशन आदि।
तनाव के सिर दर्द के लक्षण
माथे में या उसके आस पास और पिछले हिस्से में दर्द होना
गर्दन और कंधों में दर्द
आंखों के पीछे दर्द
सोने में परेशानी
आसानी से इरिटेट हो जाना
खोपड़ी और माथे में कोमलता
दिन के बाद में होने वाला दर्द
माइग्रेन और साधारण सिर दर्द में फर्क
माइग्रेन और तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द में बहुत फर्क होता है। तनाव की वजह से होने वाला दर्द बहुत कम या थोड़ा ज्यादा होता है। जबकि माइग्रेन के दौरान व्यक्ति को एक तेज दर्द होता है, यह दर्द किसी आवाज या रोशनी की वजह से बढ़ सकता है और हो भी सकता है। जबकि तनाव के कारण होने वाले दर्द में ऐसा नहीं होता। वहीं माइग्रेन के दर्द में व्यक्ति को अपनी साधारण क्रिया करना मुश्किल हो जाता है।
जबकि तनाव की वजह से हुए दर्द में व्यक्ति कुछ देर काम रोक कर आराम करने के बाद ठीक हो सकता है। माइग्रेन के दर्द में उल्टी या जी घबराने लगता है। जबकि तनाव के दर्द में ऐसा नहीं होता। लेकिन जब
से होने वाला दर्द में उल्टी और जी घबराने लगता है तो यह दोनों सिर दर्द मिल जाते हैं और अधिक भयंकर हो जाते हैं।
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सिर दर्द का उपचार
आमतौर पर सिर में दर्द होते ही लोग अपने आप किसी तरह के पेन किलर लेने लगते हैं। लेकिन ऐसा करना सुरक्षित तरीका नहीं है, दवा के सेवन करने से पहले जरूरी है कि आप डॉक्टर से संपर्क जरूर करें और उनकी सलाह के बाद ही दवा का सेवन करें। इसके अलावा सिर दर्द की वजह थकान या स्ट्रेस भी हो सकता है इसलिए इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर आपको कुछ थेरेपीज अपनाने को भी कह सकते हैं। साथ ही अगर सिर दर्द साधारण हो तो लोग घरेलू उपाय अपनाकर या आराम करके भी इससे राहत पा सकते हैं।
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