28 साल के बालाजेपल्ली 134 Kg के थे जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि अब उन्हें वजन कंट्रोल करने की बेहद जरूरत है। उनकी कड़ी मेहनत क्या रंग लेकर आई, आइये जानते हैं उनकी वेट लॉस ट्रांसर्फोमेशन स्टोरी में।
खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण मोटापा बढ़ना एक आम समस्या है। पेशे से सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर बालाजेपल्ली शास्त्री सबसे लंबे समय से खराब लाइफस्टाइल जी रहे थे। ऐसे में वह तनाव और समय की कमी के कारण वह मोटापे से ग्रस्त हो गए।
28 साल के बालाजेपल्ली का वजन बढ़कर 134 किलो हो गया। इसके कारण उन्हें जॉब के इनरोलमेंट से भी रिजेक्ट कर दिया गया। इससे वह काफी निराश हुए और खूब पसीना बहाकर उन्होंने नौ महीने में 60 किलो वजन कम कर लिया। वजन घटाने के बाद जनवरी 2021 में वह महज 73 किलो के थे।
कब आया टर्निंग प्वाइंट
बालाजेपल्ली कहते हैं, मैं हमेशा बैठा रहता था और केवल बेसिक फिजिकल एक्टिविटी ही करता था। मैं कम खाता था इसके बावजूद मेरा वजन बढ़ जाता था। अंततः मेरा वजन बढ़कर 134 किलो पहुंच गया और मैं मोटापे से ग्रस्त हो गया।
सिर्फ यही नहीं मुझे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी हो गईं। मैं पांच सालों तक हाइपरटेंशन से पीड़ित रहा। साथ ही और पिछले दो सालों तक एंग्जायटी, और डिप्रेशन से भी जूझता रहा। फिर मैंने अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव किया। पहले लोग मुझे अंकल कहते थे, लेकिन अब अन्ना या भैया बुलाते हैं।
डाइट प्लान
ब्रेकफास्ट:
मिलेट से तैयार किया गया उपमा, इडली या डोसा। एक कप टोंड दूध के साथ स्टील-कट ओट्स, स्प्राउट्स या उबले हुए चने। ताजे फल या सलाद।
लंच:
चावल की जगह बाजरे का सेवन। अधिक से अधिक दाल और करी। कोई तला हुआ भोजन नहीं था और सब कुछ सीमित मात्रा में।
डिनर:
रात में खाना नहीं खाता था (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक इंटरमिटेंट फास्टिंग के इटिंग विंडो और शाम 5 बजे से सुबह 9 बजे तक फास्टिंग विंडों फॉलो करता था)।
प्री-वर्कआउट मील:
ब्लैक कॉफी
पोस्ट-वर्कआउट मील:
प्रोटीन शेक
फिटनेस सीक्रेट
बालाजेपल्ली कहते हैं, हमारा शरीर अनोखा होता है। हमें केवल अपनी क्षमता को पहचानने की जरूरत है।
मैंने अपने फिजिशियन के बताए अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग किया और इससे मुझे काफी मदद मिली। भोजन को मापने के लिए मैं किचन स्केल का इस्तेमाल करता था। इसके अलावा कार्डियो करके मैंने बहुत कैलोरी बर्न की और मैंने कार्डियो कभी स्किप नहीं किया। रोज कम से कम 7 घंटे की अच्छी नींद लेता था।
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वर्कआउट
बालाजेपल्ली कहते हैं, वजन घटाने के लिए मैंने नियमित वर्कआउट करता था। इससे मैं खुद को काफी फिट महसूस करने लगा। मैं रोजना 5 से 8 किलोमीटर तेजी से चलता था। इसके बाद 30 मिनट स्टेशनरी साइक्लिंग करता था। फिर लगभग 45 मिनट तक हर तरह की एक्सरसाइज और स्ट्रेचेज करता था। यह मेरी रूटीन का हिस्सा था।
आप कैसे मोटिवेट रहे?
बालाजेपल्ली कहते हैं, खुद पर भरोसा रखें। यही सबसे बड़ा मोटिवेशन है जिसकी आपको आगे बढ़ने के लिए हमेशा जरूरत पड़ेगी। शुरूआत में कई बार असफल होने के बावजूद, मुझे पता था कि मैंने जो कड़ी मेहनत और एनर्जी लगाई थी, एक दिन उसका फल जरूर मिलेगा। मैं हर रोज बदलाव देख रहा था। सबसे बड़ी बात यह है कि मैं जो कर रहा था उस पर मुझे विश्वास था, और रिजल्ट मुझे मोटिवेट करते रहे।
जीवनशैली में बदलाव और इंटरमिटेंट फास्टिंग के जरिए बालाजेपल्ली ने 9 महीने में 60 किलो वजन कम कर लिया। वे मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन हैं।
अंग्रेजी में इस स्टोरी को पढ़ने के लिए
डिस्क्लेमर : लेखक के लिए जो चीजें काम आईं जरूरी नहीं है कि आपके लिए भी काम करें। तो इस लेख में बताई गई डाइट-वर्कआउट को आंख मूंदकर फॉलो करने से बचें और पता करें कि आपके शरीर के लिए सबसे अच्छा क्या काम करता है।
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