क्या आप रिफाइंड शुगर का विकल्प खोज रहे हैं। अगर हां तो आप स्टीविया के उत्पादों या पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं। क्या आप जानते भी हैं कि स्टीविया होती क्या है, अगर नहीं तो चलिए जानते हैं।
रिफाइंड शुगर हमारी सेहत के लिए कितनी ज्यादा नुकसानदायक है, इस बात का शायद अंदाजा भी लोगों को नहीं है। वहीं फिटनेस फ्रीक लोग अक्सर रिफाइंड शुगर से दूरी तो बनाकर रखते हैं। लेकिन इसके विकल्प के तौर पर उन्हे कुछ भी नजर नहीं आता। जबकि एक सबसे बेहतरीन विकल्प है स्टीविया। स्टीविया नेचुरल शुगर लेने का एक बेहतरीन जरिया है। यह न केवल चीनी से ज्यादा मीठा है बल्कि फायदेमंद भी है। स्टीविया के अंदर जीरो कैलोरीज होती है। स्टीविया का पौधा एस्टरेसिया परिवार से संबंधित है, जिसके अंदर 8 तरह के ग्लाइकोसाइड्स यौगिक होते हैं। जिन्हे पौधे से ही प्राप्त किया जाता है। जिनके नाम कुछ इस प्रकार हैं।
स्टेवियोसाइड
रेबाउडियोसाइड ए, सी, डी, ई, और एफ
स्टीवियोलबायोसाइड
डुलकोसाइड ए
(फोटो साभार: istock by getty images)
रिफाइंड शुगर का बेहतरीन विकल्प है स्टीविया
स्टीविया उत्पाद बनाने के लिए बहुत से ग्लाइकोसाइड्स का उपयोग किया जाता है। पर इनमें से रेबाउडियोसाइड ए (Reb -A ) ग्लाइकोसाइड्स का उपोयग सबसे अधिक होता है। आपको बता दें कि (Reb-A) चीनी के मुकाबले 200 से 300 गुना ज्यादा मीठा होता है। Reb-A से बने हुए मीठे उत्पादों को नोबेल स्वीटनर भी का जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह रिफाइंड शुगर का एक बेहतरीन विकल्प है।
घर पर लगे स्टीविया के पौधे का करें इस्तेमाल
अब अगर आपको यह लग रहा है कि केवल स्टीविया से बने उत्पादों का ही सेवन किया जा सकता है, तो बता दें कि आप गलत हैं। आप घर में भी स्टीविया का पौधा लगाकर इसका लाभ ले सकते हैं। हालांकि इसके पत्ते कड़वे और बदबूदार होते हैं। जबकि स्टीविया के बने हुए उत्पादों को एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
चाय-कॉफी में चीनी नहीं, डालें स्टीविया
आप चाहें तो साधारण चीनी की जगह स्टीविया के उत्पादों का उपयोग चाय-कॉफी या दूसरे व्यंजनों में कर सकते हैं। आमतौर पर लोग स्टीविया के पत्तों का उपयोग चाय और कॉफी के अंदर करते हैं। इसके पत्तों को कुछ देर तक उबालने के बाद इनकी मिठास निकल आती है। आपको बता दें कि स्टीविया का सबसे ज्यादा उपयोग एशिया और दक्षिण अमेरिका में किया जाता है। इसके जरिए निम्नलिखित उत्पाद अमेरिका में तैयार किए जाते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं।
आइस क्रीम
मीठे उत्पाद
सोजेज
योगर्ट
आचार
ब्रैड
सोफ्ट ड्रिंक
च्विंगम
अब जानें स्टीविया के फायदे
स्टीविया को लेकर जैसे कि हमने ऊपर बताया कि इसमें जीरो कैलोरीज होती है। इसमें सुक्रोज लेवल कम होने की वजह से सेहत पर इसके कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। जो कुछ इस प्रकार हैं।
डायबिटीज
कुछ समय पहले हुई रिसर्च के जरिए पता चला है कि स्टीविया में जीरो कैलोरीज होने की वजह से यह
मधुमेह के रोगियों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
यही नहीं, स्टीविया के सेवन से इंसुलिन की मात्रा पर भी किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। हालांकि टाइप 2 डायबिटीज के कुछ मामलों में लोगों ने शिकायत की है, भोजन के बाद स्टीविया के सेवन से उनके रक्त शर्करा और ग्लूकोज लेवल में कमी हुई है।
कैंसर
स्टीविया के जरिए पैंक्रियाज के कैंसर से बचा जा सकता है। दरअसल स्टीविया के अंदर एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड पाया जाता है, जिसे केम्पफेरोल कहा जाता है। यह तत्व
पैंक्रियाज कैंसर की स्थिति से राहत
दिलाने में मदद करता है। यही नहीं स्टीविया के अंदर स्टीवियोसाइड नाम का एक ग्लाइकोसाइड भी पाया जाता है यह शरीर से कैंसर सेल्स कम करने का कार्य करता है। इसके अलावा यह कुछ माइटोकॉन्ड्रियल मार्गो को भी कम करता है जिनकी वजह से कैंसर फैलने का खतरा होता है।
वजन कम करे
हम सभी जानते हैं कि वजन बढ़ने का एक नहीं बल्कि कई कारण होते हैं। लेकिन इनमें से एक कारण
भी हो सकता है। ऐसे में स्टीविया का उपयोग किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ना तो स्टीविया में कैलोरीज होती हैं और ना ही फैट। ऐसे में आप बिना किसी समझौते के अपना वजन घटा सकते हैं। इसके अलावा हाल ही में हुई एक रिसर्च बताती है कि मोटे लोगों में इंसुलिन का उत्पादन पतले लोगों के मुकाबले बेहद कम होता है। इस स्थिति में भी स्टीविया आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह आपको पतला करेगा जिससे इंसुलिन का उत्पादन भी शरीर में बेहतर होगा।
बच्चों के लिए
बच्चों को अक्सर अभिभावक ऐसा भोजन या खाद्य सामग्री देते हैं जिनमें अधिक मीठा होता है, जो उनके मोटे होने का कारण बन सकता है। ऐसे में स्टीविया से बने उत्पाद अगर बच्चे स्नैक्स के तौर पर खाएंगे पीएंगे तो इससे उनका वजन नहीं बढ़ेगा और वह स्वस्थ रहेंगे।
ब्लड प्रेशर
अगर आप ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप स्टीविया युक्त पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। ज्ञात हो कि स्टीविया में ग्लाइकोसाइड्स मौजूद होते हैं, जो ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कनों को नियंत्रित कर सकते हैं। हालांकि अब तक इस बात का अब तक कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है।
इसके नुकसान भी जानें
ऐसा माना जाता है कि स्टीविया के किसी तरह के नुकसान नहीं होते। लेकिन इससे बने उत्पाद अधिक रिफाइंड होते हैं। इसलिए इनका सेवन सही मात्रा में करना बेहद जरूरी हो जाता है। साथ ही अगर आप कच्चे स्टीविया के पत्तों का सेवन कर रहे हैं तो यह नुकसानदायक हो सकते हैं। स्टीविया के कुछ नुकसान इस प्रकार हैं।
इसकी वजह से आपकी किडनी, रिप्रोडक्टिव सिस्टम और हृदय को नुकसान हो सकता है।
अगर आप बीपी की दवा ले रहे हैं तो स्टीविया के सेवन से
ब्लड प्रेशर अधिक लो हो सकता है
, जो खतरनाक हो सकता है।
स्टीविया के सेवन से कई लोगों को सूजन, पेट फूलना, चक्कर आना और मसल्स में दर्द होने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
आप स्टीविया के कच्चे पत्तों का उपयोग गर्भावस्था के दौरान बिलकुल भी न करें।
नोट - आपको बता दें कि अब तक स्टीविया के पत्तों के सेवन को लेकर किसी प्रकार की कोई ठोस रिसर्च नहीं हुई है। ऐसे में इसके पत्तों का सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए इनका सेवन करने से बचें और स्टीविया उत्पादों का ही सेवन करें। हालांकि रिसर्च के अभाव होने के बाद भी लोग इनका सेवन चीनी के विकल्प के तौर पर करते आ रहे हैं।
अंग्रेजी में इस स्टोरी को पढ़ने के लिए यहां
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