ग्लूटेन क्या है और क्या सेहत के लिए हानिकारक है? किन फूड आइटम्स में पाया जाना है ग्लूटेन? इस आर्टिकल में हम आपको ग्लूटेन के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
ग्लूटेन (Gluten) एक कलेक्टिव टर्म है जो प्रोलामिन नामक भंडारण प्रोटीन के परिवार से आता है। आमतौर पर ग्लूटेन गेहूं, जौ, वर्तनी और राई जैसे चीजों पाए जाते हैं। गर्म होने पर ग्लूटेन एक लोचदार नेटवर्क (elastic network) बनाता है जो शरीर को भोजन को एक साथ रखने में मदद करता है। यही वजह है कि ग्लूटेन युक्त अनाज का बड़े पैमाने पर ब्रेड और अन्य पके हुए सामान बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। ग्लूटेन को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि इसका सेवन हानिकारक भी हो सकता है। खासकर उन लोगों के लिए जो सीलिएक रोग से पीड़ित हैं। तो क्या इस बात पर भरोसा किया जाना चाहिए। आइए, जानते हैं ग्लूटन के बार में और भी बहुत कुछ। (फोटो साभार: istock by getty images)
क्या सबके लिए ग्लूटेन फ्री भोजन करना हानिकारक है?
यदि आप किसी तरह की मेडिकल कंडीशन का शिकार हैं, तो ग्लूटेन फ्री डाइट का चयन करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें सीलिएक रोग (Celiac Disease), व्हीट एलर्जी, इरीटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) या गैर-सीलिएक ग्लूटेन संवेदनशीलता (non-celiac gluten sensitivity) आदि। फिर भी यदि कोई व्यक्ति किसी तरह की हेल्थ प्रॉबलम्स का शिकार न हो और वो अपने आहार से ग्लूटेन की मात्रा को कम करना चाहता है, तो उसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों जैसे सब्जियां, स्वस्थ वसा, फल, और प्रोटीन युक्त फूड आइटम्स को शामिल करना चाहिए।
लेकिन आप ऐसा नहीं करना चाहते तो आपको ग्लूटेन फ्री डाइट को रिप्लेस करना जरूरी नहीं है। क्यों ऐसा करने से आपकी सेहत को नुकसान भी हो सकता है। जब आप सेहतमंद है तो अपने आहार सब कुछ अच्छी मात्रा में ही लें।
क्या है ग्लूटेन सेंसिटिविटी का कारण?
प्रोलामिन को भी ग्लूटेन प्रोटीन कहा जाता है और इसमें उच्च प्रोलाइन एमिनो एसिड सामग्री होती है। ग्लूटेनिन और ग्लियाडिन (Glutenin and Gliadin) अत्यधिक लोचदार (highly elastic) होते हैं। ये दोनों ही डाइजेस्ट ट्रैक में में प्रोटीन को तोड़ते हैं। ग्लूटेन सेंसिटिविटी एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण व्यक्ति ग्लूटेन, एक प्रोटीन जो जौ, गेहूं और राई में मौजूद होता है, के सेवन के बाद प्रतिक्रिया करता है। शोध में पता चला है कि ग्लूटेन असहनशीलता तब होती है, जब गेहूं में पाए जाने वाला ग्लूटेन प्रोटीन, पेट के अंदर मौजूद कोशिकाओं में प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर देता है। इस प्रोसेस को ही ग्लूटेन सेंसिटिविटी का कारण नाना जाता है।
किस तरह के फूड में होता है ग्लूटेन?
ग्लूटेन का प्रयोग ज्यादातर खाद्य उत्पादन में गाढ़ा या स्टेबलाइजर के रूप में किया जाता है, इसलिए यह वर्गीकृत करना कठिन हो जाता है कि किस खाद्य पदार्थ में ग्लूटेन है या नहीं। लेकिन अधिकतर ये प्रोसेस्ड फूड में फूड में पाया जाता है। प्रोसेस्ड अनाज से बने फूड प्रोडक्ट्स जैसे ब्रेड, पिज्जा, पास्ता, ब्रेडक्रंब, नूडल्स, वेजी बर्गर, पेस्ट्री, कुकीज शामिल हैं।
अनाज: गेहूं, जौ, गेहूं की भूसी, राई, वर्तनी, फारो, सूजी, ड्यूरम, बुलगुर, मीर, फटा गेहूं।
अन्य खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में भी ग्लूटेन पाया जाता है जिनमें सोया सॉस, बीयर, फ्लेवर्ड चिप्स, कुछ सलाद ड्रेसिंग, माल्ट सिरका, जौ माल्ट, कुछ मसाला मिश्रण और कुछ प्रकार की वाइन शामिल हैं।
कैसे होते हैं ग्लूटन फ्री फूड आइटम्स?
सुनने में आता है ग्लूटेन में कुछ ऐसे गुण हैं जिससे इसे कंज्यूम करना मुश्किल हो जाता है। वैसे आज तक इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि ग्लूटेन फ्री डाइट स्वास्थ्य में सुधार करती है या सभी को बीमारियों से बचाती है। यह हर एक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति पर निर्भर करता है। शोधों से यह भी पता चला है कि ग्लूटन फ्री डाइट ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थों की तुलना में आयरन, फोलिक एसिड और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर नहीं होते हैं। उनमें फाइबर कम और चीनी और वसा अधिक होती है और वे महंगे भी होते हैं।
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देश में है ग्लूटन के बारे में जागरूकता की कमी
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के के अग्रवाल का कहना है कि कई भारतीयों को लगता है कि ग्लूटेन असहनशीलता एक विदेशी बीमारी है, ऐसा इसलिए, क्योंकि इसे भारत में कभी गंभीरता से लिया ही नहीं गया। दरअसल, इसके बारे में देश में जागरूकता की कमी देखने को मिलती है। इसकी एक वजह ये भी है कि ग्लूटेन एलर्जी, साधारण एलर्जी के विपरीत, आसानी से नोटिस में नहीं आती है। क्योंकि इसके लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते जुलते होते हैं, जैसे सिर दर्द, पेट में मरोड़, पेट फूलना, अवसाद, चिंता आदि।
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