अगर आप बेसन (gram flour) से बने जायके खाने के शौकीन हैं तो आपको इसकी शुद्धता के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। बाजार में अब मिलावटी बेसन ज्यादा मिल रहा है जिससे सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।
चने से बने बेसन का प्रयोग हम न जाने कितने ही जायकों में करते हैं। आमतौर पर हम बेसन से बने लड्डू, पकोड़ी वाली कड़ी, बेसन की बर्फी और हलुआ जैसी तमाम व्यजनों में करते हैं। वैसे तो इसका इस्तेमाल हमेशा ही होता है लेकिन बारिश में बेसन की भजिया खाना सभी को पसंद होता है। जायकों का स्वाद बढ़ाने के साथ ही बेसन सेहत के लिए भी फायदेमंद होता हैं। लेकिन अब बाजारों में असली बेसन की बजाए मिलावटी बेसन मिल रहा है जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यूं तो सुपर मार्केट में कई बड़ी-बड़ी ब्रांडों का बेसन उपलब्ध है लेकिन शुद्धता की कोई गारंटी नहीं देता।
बहरहाल, हम आपको आज असली और नकली बेसन की पहचान करने का आसान तरीका बता रहे रहे हैं। आइए जानते हैं कैसे करें असली और नकली बेसन की पहचान और साथ ही ये भी जानेंगे कि इसमें कैसे की जाती है मिलावट।
(फोटो साभार: istock by getty images)
इस तरह से होती बेसन में मिलावट
बताया जाता है कि तमाम लोग बेसन में मक्के का आटा मिलाकर बेच रहे हैं। यहां तक कि इसमें गेहूं का आटा तक मिलाने की बात भी सामने आई है। जानकारी के अनुसार, फायदे की आड़ में तमाम मुनाफाखोर 25 प्रतिशत चने के आटे में 75 प्रतिशत तक सूजी, मटर दाल, चावल पाउडर, मक्के और खेसारी का आटा और कृत्रिम रंग की मिलावट करते हैं। ऐसे में लोग असली और नकली बेसन की पहचान नहीं कर पाते हैं।
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ऐसे करें नकली बेसन की पहचान
जब भी आप मार्केट से खुला बेसन या पैकेट बंद लाते हैं और आपको संदेह है कि इसमें कुछ मिलावट है तो आप इसकी पहचान के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए एक कटोरे में दो चम्मच बेसन लेना है और इसमें दो चम्मच पानी मिला कर पेस्ट बनाना है।
इसके बाद इसमें दो चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें और पांच मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। थोड़ी देर में ही आप गौर करें कि अगर बेसन का रंग लाल दिखाई दे तो समझ जाएं कि बेसन में मिलावट हुई और ये शुद्ध बेसन नहीं है।
असली बेसन पहचानने के लिए लें सकते हैं नींबू की मदद
बेसन में मिलावट है या नहीं है ये जांचने के लिए आप दो चम्मच बेसन लें और इसमें दो चम्मच नींबू का रस मिला दें। इसमें 2 चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी मिला लें। इसको कुछ देर के लिए ऐसे ही रखा रहने दें। थोड़ी देर बाद अगर बेसन लाल या भूरे यानी ग्रे कलर में परिवर्तित हो जाए तो इसका मतलब है कि बेसन नकली है।
नकली बेसन से हो सकती हैं ये समस्याएं
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि नकली बेसन के सेवन करने से सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। आप नकली बेसन से बने जायकों का भले ही लुत्फ उठा लें लेकिन इसको खाने से जोड़ों का दर्द, विकलांगता और पेट संबंधी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
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