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Sunday, December 27, 2020

अचानक सामने आते हैं इस बीमारी के लक्षण, खूनी दस्‍त समेत होती है पेट में तेज ऐंठन

अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) एक आंत्र रोग सूजन (आईबीडी) है। सरल भाषा में कहें तो यह हमारे आंतों से जुड़ी बीमारी है, जिसमें बड़ी आंत में सूजन और जलन की श‍िकायत हो जाती है। ज‍िसकी वजह से बड़ी आंत के मलाशय (colon) और मलनाली (rectum) में छाले हो जाते है। इसके लक्षण आमतौर पर अचानक सामने आने के बजाय लंबा वक्त लेते हैं। अल्सरेटिव कोलाइटिस से शरीर में कमजोरी पैदा हो सकती है और कभी-कभी ये जानलेवा स्थितियां तक पैदा कर सकता है। हालांकि अभी तक इसका कोई सही इलाज नहीं आया है, लेकिन बीमारी के संकेतों और लक्षणों के आधार पर इलाज क‍िया जाए तो इससे लंबे वक्त के ल‍िए न‍िजात म‍िल सकती है।

आंतों में सूजन यानी कि अल्‍सरेटिव कोलाइटिस एक आम समस्‍या है, जिससे ज्‍यादातर लोग परेशान रहते हैं। यह बीमारी आखिर क्‍यों होती है और इससे कौन से लोग होते हैं जो ज्‍यादा परेशान होते हैं, आइए जानते हैं।


अचानक सामने आते हैं इस बीमारी के लक्षण, आंत के मलाशय में हो जाते हैं बुरी तरह से छाले

अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) एक आंत्र रोग सूजन (आईबीडी) है। सरल भाषा में कहें तो यह हमारे आंतों से जुड़ी बीमारी है, जिसमें बड़ी आंत में सूजन और जलन की श‍िकायत हो जाती है। ज‍िसकी वजह से बड़ी आंत के मलाशय (colon) और मलनाली (rectum) में छाले हो जाते है। इसके लक्षण आमतौर पर अचानक सामने आने के बजाय लंबा वक्त लेते हैं।

अल्सरेटिव कोलाइटिस से शरीर में कमजोरी पैदा हो सकती है और कभी-कभी ये जानलेवा स्थितियां तक पैदा कर सकता है। हालांकि अभी तक इसका कोई सही इलाज नहीं आया है, लेकिन बीमारी के संकेतों और लक्षणों के आधार पर इलाज क‍िया जाए तो इससे लंबे वक्त के ल‍िए न‍िजात म‍िल सकती है।



दिखते हैं ये ​लक्षण
दिखते हैं ये ​लक्षण

अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लक्षण सूजन या जलन की गंभीरता पर निर्भर करते हैं और यह कहाँ होता है। इसके संकेत और लक्षणों में शामिल हैं-

दस्त, अक्सर खून या मवाद के साथ

पेट में दर्द और ऐंठन

मलाशय (रेक्टल) का दर्द

मलाशय से ब्लीडिंग- मल के साथ छोटी मात्रा में खून का निकलना

शौच की तीव्र इच्छा

इच्छा के बावजूद शौच करने में असमर्थता

वजन कम होना

थकान

बुखार

बच्चों के विकास में समस्या

अल्सरेटिव कोलाइटिस से ग्रसित अधिकांश लोगों में हल्के से मध्यम लक्षण होते हैं। अल्सरेटिव कोलाइटिस के इलाज में वक्त लग सकता है। कुछ लोगों को इससे छुटकारा म‍िलने में काफी लंबा वक्त लग जाता है।



​अल्सरेटिव कोलाइटिस के प्रकार
​अल्सरेटिव कोलाइटिस के प्रकार

डॉक्टर अक्सर अल्सरेटिव कोलाइटिस के प्रकार को बॉडी में इसके होने के स्थान के मुताब‍िक तय करते हैं। अल्सरेटिव कोलाइटिस कई प्रकार के होते हैं :

अल्सरेटिव प्रोक्टाइटिस :

सूजन गुदा (rectum) के आसपास तक सीमित होती है और

मलाशय से खून आना

बीमारी का एकमात्र संकेत हो सकता है।

प्रोक्टोसिग्मोइडिटिस :

मलाशय में और सिग्मॉइड कोलोन (पेट के सबसे नीचे की ओर) सूजन होती है। इसके लक्षणों में खूनी दस्त, पेट में ऐंठन और दर्द, और शौच त्यागने की तीव्र इच्छा के बावजूद शौच करने में असमर्थता (tenesmus) शामिल हैं।

बायीं तरफा कोलाइटिस :

इसमें सूजन सिग्मॉइड कोलोन के सबसे नीचे की ओर से लेकर मलद्वार तक फैली होती है। संकेत और लक्षणों में खूनी दस्त, पेट में ऐंठन और बाईं ओर दर्द, तथा शौच त्यागने की तीव्र इच्छा शामिल हैं।

पैनकोलाइटिस :

इस प्रकार का अल्सरेटिव कोलाइटिस अक्सर पूरे सिग्मॉइड कोलोन को प्रभावित करता है, जो खूनी दस्त का गंभीर कारण बनता है, जिससे पेट में ऐंठन व दर्द, थकान और वजन कम होना जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।

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​डॉक्टर को कब दिखाएं
​डॉक्टर को कब दिखाएं

डॉक्टर को तब दिखाएं, क्या आपको अपनी डायजेशन से जुडा बदलाव लगातार महसूस होता है या आपको नीचे बताए गए लक्षण और संकेत द‍िखाई दें-

पेट में दर्द

आपके मल में रक्त

डायर‍िया जो कि दवा लेने के बाद भी ठीक न हो रहा हो

डायरिया, ज‍िसके कारण आपको सोते से जागना पड़ता हो

एक या दो दिन से अधिक समय तक रहने वाला एक अस्पष्ट बुखार

हालांकि अल्सरेटिव कोलाइटिस आमतौर पर घातक नहीं होता है, लेकिन यह एक गंभीर बीमारी है। कुछ मामलों में ये जानलेवा हालात पैदा कर सकती है।



​इसके कारण हैं
​इसके कारण हैं

अल्सरेटिव कोलाइटिस का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। इसके होने के ल‍िए पहले, अनहैल्थी फ़ूड और टेंशन की स्थिति को वजह माना जाता था, लेकिन अब डॉक्टरों के मुताब‍िक ये अल्सरेटिव कोलाइटिस का कारण नहीं हैं, लेकिन रोग को बढ़ा सकते हैं।

एक संभावित कारण इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) की खराबी है। जब आपका इम्यून सिस्टम क‍िसी घुसपैठ‍िए वायरस या जीवाणु से लड़ने की कोशिश करता है, तो एक असामान्य इम्यून र‍िस्पॉन्स के चलते इम्यून स‍िस्टम के पाचन तंत्र की कोशिकाओं पर हमला करने का भी कारण बनता है।

आनुवांशिकता को भी अहम रोल न‍िभाते पाया गया है, अल्सरेटिव कोलाइटिस उन लोगों में आमतौर पर पाया गया है, ज‍िनके पर‍िवार में क‍िसी को ये बीमारी है। हालांकि, अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित ज्यादातर लोगों की फैमिली हिस्ट्री में यह नहीं है।

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​जोखिम
​जोखिम

अल्सरेटिव कोलाइटिस महिलाओं और पुरुषों को समान रूप से प्रभावित करता है। जोखिम के कारकों में शामिल हैं:

उम्र :

अल्सरेटिव कोलाइटिस आमतौर पर 30 साल की उम्र से पहले शुरू हो जाता है। लेकिन, यह किसी भी उम्र में सामने आ सकता है, और कुछ लोगों को 60 साल की उम्र के बाद तक ये बीमारी उभर नहीं पाती।

फैमिली हिस्ट्री:

यदि आपका कोई करीबी रिश्तेदार, जैसे- माता-पिता, सहोदर या बच्चे को यह बीमारी है तो आपके लिए भी जोखिम हो सकता हैं।



​होते हैं ये गंभीर कॉम्प्लिकेशन
​होते हैं ये गंभीर कॉम्प्लिकेशन

अत्यधिक ब्लीडिंग

कोलोन में छेद

डीहाइड्रेशन की गंभीर स्थिति

ऑस्टियोपोरोसिस

आपकी त्वचा, जोड़ों और आंखों की सूजन

पेट का कैंसर होने का खतरा

कोलोन में तेजी से सूजन (टॉक्सिक मेगाकॉलन)

नसों और धमनियों में ब्लड क्लॉट बनने का खतरा





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