कोरोना संक्रमण के केस हमारे देश में जिस तेजी के साथ बढ़ रहे हैं, वह वाकई डरानेवाला है। लेकिन इसी बीच राहत देनेवाले ऐसे शानदार 24 घंटे भी आए जब कोरोना के ताजा मामलों की तुलना में कोरोना से ठीक होनेवाले मरीजों का आंकड़ा करीब 3 हजार ज्यादा रहा... भारत सरकार के हवाले से यह बात कही जा रही है कि एक ही समय में संक्रमित मरीजों से ज्यादा ठीक होनेवाले मरीजों की संख्या का इतना बड़ा अंतर अभी तक नहीं देखा गया है। सूत्रों के अनुसार, बीते 24 घंटे में कोरोना के 55 हजार 79 नए कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की गई। जबकि बीते 24 घंटे में कोरोना से पूरी तरह ठीक होनेवाले मरीजों की संख्या 57 हजार 5 सौ 84 रही। पिछले 24 घंटों में एक और रेकॉर्ड बना जो कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, बीते 24 घंटे में कोरोना के करीब 9 लाख टेस्ट किए गए, जो एक दिन में की जानेवाली अब तक की सबसे अधिक लोगों की जांच है। -देशभर में की जा रही कोरोना संक्रमितों की जांच की दिशा में नया रेकॉर्ड बनाते हुए कल 8 लाख 99 हजार, 864 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया। इस बड़ी संख्या के साथ ही देश में अब तक 3 करोड़ 9 लाख, 41 हजार 2 सौ 64 लोगों का कोरोना परीक्षण हो चुका है। कुछ लोगों की लापरवाही पड़ रही है भारी -हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट्स, हेल्थ सेक्टर से जुड़े अन्य लोग और हमारे डॉक्टर्स लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण को हराने की दिशा में काम कर रहे हैं। इनकी इस मेहनत का परिणाम भी सकारात्मक देखने को मिल रहा है। लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही अन्य लोगों की मेहनत को बेकार बना रही है। इनमें वे लोग शामिल हैं, जिन्हें मास्क पहनना, हाइजीन का ध्यान रखना और सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े नियमों का पालन करने में समस्या आ रही है। साथ ही ऐसे लोग भी हेल्थ सेक्टर के साथ ही पूरे समाज के लिए मुसीबतें बढ़ा रहे हैं, जिन्हें होम आइसोलेशन की सलाह दी जाती है लेकिन वे ऐसा करते नहीं हैं। ताजा मामले ने उड़ाई नींद -हाल ही मलेशिया से लौटे एक भारतीय व्यवसायी के अंदर जिस कोरोना स्ट्रेन की जांच हुई है, वह स्ट्रेन वर्तमान समय में देश में फैली हुई कोरोना स्ट्रेन से 10 गुना अधिक घातक है। इस व्यवसायी को एयरपोर्ट पर जांच के बाद 10 दिन होम आइसोलेशन की सलाह दी गई थी। लेकिन इन्होंने इस नियम का पालन नहीं किया और कुछ दिन बाद कोरोना संक्रमित होने के बाद जब डॉक्टर को दिखाया तो जांच में मिले वायरस की स्ट्रेन से हेल्थ एक्सपर्ट्स खासे परेशान हैं। जानकारी के अनुसार कोरोना की यह नई स्ट्रेन (रूप) अगर देश में फैल गई तो इस बीमारी को नियंत्रित करना और लोगों की जान बचा पाना खासा मुश्किल होगा। क्योंकि वर्तमान कोरोना ट्रीटमेंट के दौरान जो दवाएं उपयोग की जा रही हैं, उनका इस वायरस पर शायद ही कोई प्रभावी परिणाम देखने को मिले। इसलिए इस समय सावधानी, सुरक्षा और सफाई तीनों बहुत जरूरी हैं। नए या पुराने का फर्क छोड़कर वायरस के रूपों को समझें -मलेशिया से जिस नई कोरोना स्ट्रेन के भारत में प्रवेश करने की बात को कुछ लोग यह कहकर हल्का बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह कोरोना की नई स्ट्रेन नहीं है। बल्कि इससे संक्रमित केस पहले भी दुनिया के अन्य देशों में पाए गए हैं। तो उन्हें इस बात को समझना होगा कि कोरोना वायरस का रूप नया या पुराना दो तरीकों से निर्धारित होता है। एक तरीका यह कि वायरस ने म्यूटेशन के बाद अपना नया रूप बनाया हो। और दूसरा तरीका यह कि किसी क्षेत्र विशेष में ही कोरोना की कोई ऐसी स्ट्रेन देखने में आई हो, जो अब तक उस क्षेत्र में नहीं देखी गई।
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