कोविड-19 के बारे में जैसे ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की तरफ से 7 जुलाई 2020 को यह स्वीकार किया गया कि कुछ खास परिस्थितियों में कोरोना वायरस हवा के जरिए भी फैल सकता है। वैसे ही इस वायरस का खौफ एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गया। खासतौर पर परिवार के बुजुर्गों और बच्चों की चिंता सभी को सताने लगी।
-हालांकि 32 देशों के शोधार्थियों की सिफारिश के बाद भी अभी तक WHO की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई थी कि कोरोना हवा के माध्यम से भी संक्रमण फैला सकता है। इस बारे में अच्छी खबर यह सामने आ रही है कि वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के लिए ऐसा फिल्टर विकसित कर दिया है, जो हवा में ही इस वायरस को पकड़ने और खत्म करने का काम करेगा...
-ऐसा नहीं है कि जैसे ही वैज्ञानिकों को पता चला कि कोरोना हवा के माध्यम से भी फैल सकता है तो उन्होंने तुरंत इस फिल्टर को विकसित कर दिया! बल्कि इस दिशा में काम तबसे चल रहा था, जब कोरोना संक्रमण के शुरुआती स्तर पर यह बात सामने आ गई थी कि सांस के माध्यम से फैलनेवाला यह वायरस छोटे स्पेस या एक कमरे में साथ बैठनेवाले लोगों में भी संक्रमण फैला सकता है।
-हालांकि इस फिल्टर की उपलब्धता और इसकी उपयोगिता दोनों पर काम जारी है। लेकिन हवा के जरिए कोरोना संक्रमण फैलने की पुष्टि के अगले ही दिन इस खबर का आ जाना कि कोरोना को पकड़ने और मारने के लिए फिल्टर विकसित हो गया है, यह बहुत ही राहत देनेवाली बात रही।
-घरों के अलावा हॉस्पिटल्स, स्कूल्स और स्वास्थ्य केंद्रों पर इस फिल्टर की खासी आवश्यकता है। ताकि बड़े स्तर पर इस संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सके और दुनिया के भविष्य यानी बच्चों की पढ़ाई का और नुकसान होने से भी रोका जा सके।
मटीरियल टुडे फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, यह फिल्टर एक बार में हवा में मौजूद 99.8 फीसदी तक कोरोना वायरस को खत्म कर देता है। जर्नल के अनुसार, इस फिल्टर को बनाने के लिए व्यवसायिक कार्यों के लिए उपयोग में लाए जानेवाले निकेल फोम (Nickel Foam)का इस्तेमाल किया गया है। यह फिल्टर 200 डिग्री सेल्सियस तापमान तक गर्म होता है और हवा में मौजूद वायरस को मारने का काम करता है।
जल्द स्वीकार करना होगा कोरोना से जुड़ा यह सच!
-एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड-19 की मौजूदगी को हवा से खत्म करने के लिए बनाया गया यह फिल्टर हवा में मौजूद एंथ्रेक्स (anthrax) फैलानेवाले वायरस को 99.9 प्रतिशत तक मार देता है। एंथ्रेक्स रोग घातक बैक्टीरिया बेसिलस एंथ्रेसिस के स्पोर्स द्वारा फैलता है। ये स्पोर्स हवा में मौजूद रहते हैं।
-जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर यह एयर फिल्टर हवाई अड्डों पर भी समान रूप से प्रभावी साबित होगा। यानी आप इस फिल्टर को किसी भी ऐसे एरिया में उपयोग कर सकते हैं, जो चारों तरफ से बंद हो। ऐसे में यदि किसी संक्रमित व्यक्ति का इस एरिया में प्रवेश भी होता है तो उसके द्वारा दूसरे लोगों में इस संक्रमण के फैलने की संभावना बहुत ही कम हो जाएगी।
-रिपोर्ट के अनुसार इस फिल्टर को बनानेवाले एक्सपर्ट्स अब इसका डेस्कटॉप मॉडल विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। ताकि इन मॉडल्स को बड़े-बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस में उपयोग किया जा सके। ये मॉडल कर्मचारी के आस-पास की हवा को कोरोना मुक्त रखने का काम करेंगे।
-इस फिल्टर को विकसित करनेवाले वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस जगह पर एसी लगा होता है, वहां की हवा में अगर कोरोना का वायरस पहुंच जाए तो यह करीब 3 घंटे तक जीवित रह सकता है। इस स्थिति में यदि हम डेस्कटॉप फिल्टर मॉडल बना लेते हैं तो दुनियाभर में बंद पड़ गए बिजनस सेक्टर को एक बार फिर से गति मिलने में बड़ी सहायता होगी।
Corona Effect On Heart: कोरोना के मरीजों में दिख रहे हैं हार्ट अटैक जैसे लक्षण
from Health Tips in Hindi , natural health tips in hindi, Fitness tips, health tips for women - डेली हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स फॉर वीमेन | Navbharat Times https://navbharattimes.indiatimes.com/lifestyle/health/air-filter-to-kill-corona-virus-in-air-itself-know-the-details-in-hindi/articleshow/76853868.cms
via IFTTT
No comments:
Post a Comment