कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका खौफ पूरी दुनिया में फैल चुका है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। वहीं एक ऐसा कैंसर है जो किसी भी उम्र में हो सकता है इसलिए इसकी स्क्रीनिंग जरूरी है। सामान्य तौर पर यंग महिलाएं सोचती हैं कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर नहीं हो सकता और वे इसके लक्षणों को अनदेखा कर देती हैं। कई फैक्टर्स हैं जिनके चलते कम उम्र की फीमेल्स में इसका खतरा हो सकता है, जैसे... -परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर होना, खासकर मां, बेटी या बहन को। -जिन महिलाओं में जेनेटिक डिफेक्ट्स होते हैं उनमें भी खतरा रहता है। -रेडियेशन थेरपी की हिस्ट्री हो तो। ब्रेस्ट कैंसर उन कैंसर्स में है जिनका डिटेक्शन अगर जल्दी हो जाए तो इसे अच्छी तरह ट्रीट किया जा सकता है और पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। ब्रेस्ट कैंसर के बाद नॉर्मल लाइफ भी पॉसिबल है लेकिन इसकी शर्त है कि डिटेक्शन शुरुआत में ही हो जाए। शुरुआत में ही पता चल जाने पर ट्रीटमंट आसान, छोटा और सस्ता हो जाता है। वैसे तो कैंसर को डिटेक्ट करने के लिए मेमोग्राफी स्क्रीनिंग की सलाह दी जाती है हालांकि जब युवा महिलाओं में कैंसर स्क्रीनिंग की बात आती है तो यह तरीका बेस्ट नहीं माना जाता। शुरुआती स्टेज पर ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट करने के लिए एक्सपर्ट्स की सुझाई ये गाइडलाइन्स फॉलो कर सकते हैं। - डॉक्टर 20 साल तक की महिलाओं को मंथली सेल्फ-ब्रेस्ट एग्जामिनेशन (SBE) और साल में एक बार क्लीनिकल एग्जामिनेशन की सलाह देते हैं। इसे पीरियड के सातवें दिन करवाना चाहिए। - यंग महिलाओं में ब्रेस्ट टिश्यूज घने होते हैं जिससे मेमोग्राम ठीक से पता नहीं लगा पाता। इस वजह से कुछ दूसरे तरीकों पर भी विचार किया जा रहा है। - सेल्फ एग्जामिनेशन के दौरान किसी को अगर ब्रेस्ट में लम्प या निप्पल डिस्चार्ज दिखाई दे तो इसे इग्नोर न करें। लम्प, डिस्चार्ज या स्किन में कोई चेंज दिखाई देने का हमेशा मतलब यही नहीं कि आपको कैंसर है।
from Health Tips in Hindi , natural health tips in hindi, Fitness tips, health tips for women - डेली हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स फॉर वीमेन | Navbharat Times https://ift.tt/31hkhFO
via IFTTT
No comments:
Post a Comment