अमेरिकी स्पेस एजेंसी बताएगी कि आपकी आंखों की नींद क्यों गायब है। क्यों आप कम सोते हैं। क्यों आपकी रात आंखों खुली आंखों में कटती है। रिसर्च एजेंसी ने इसके लिए आंखों की गति को आधार बना कर जांच का एक तरीका ईजाद किया है। इस तरीके पर अमल से पता चला है कि की वजह से दुनिया भर में सड़क पर 30 फीसदी एक्सिडेंट होते हैं। दावा यहां तक है कि 1986 में यूक्रेन के चेर्नोबिल में हुए भयानक परमाणु दुर्घटना के पीछे भी एक कारण कम नींद थी। जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी में प्रकाशित शोध यह बताता है कि आखों की गति की जांच से एक आदमी में नींद की कमी का एक भरोसेमंद आकलन मिलता है। लोगों के देखने की क्षमता किस तरह प्रभावित होती है, इसके लिए नासा ने स्टेट ऑफ द आर्ट आई मूवमेंट रिसर्च टैक्नीक के जरिये साढ़े आठ घंटे नींद लेने वाले से लेकर 28 घंटे तक जगकर काम करने वाले शख्स को भी शामिल किया। शोधकर्ता बताते हैं कि कम सोने वाले अक्सर अपनी कार्यदुर्बलता के बारे में अनजान रहते हैं। इस लिहाज से इस बात की दरकार बढ़ जाती है कि हादसों को रोकने के लिए कम नींद की वजह से काम करने की उनकी क्षमता में कमी का आकलन किया जाए।
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