आमतौर पर अस्पतालों में एक हाथ का ब्लड प्रेशर चेक किया जाता है जबकि शोध में इस बात पर जोर दिया गया है डॉक्टरों को मरीजों के दोनों बाहों के बीपी को जांचना चाहिए। ऐसे में मरीज को आने वाली बीमारियों के संकेतों का पता कर सकते हैं
हाई ब्लड प्रेशर को दुनिया में विकलांगता और मृत्यु के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक माना जाता है। यही कारण है कि ऐसी बीमारियों को रोकने और उनका इलाज करने के लिए ब्लड प्रेशर को चेक करना सबसे अहम माना जाता है। यदि आप पहले से ही रक्तचाप से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करा चुके हैं तो आपके पास घर पर एक पोर्टेबल रक्तदाबमापी मीटर (portable sphygmomanometer) होना चाहिए।
आम तौर पर, हम बाएं हाथ पर ब्लड प्रेशर चेक करते हैं और रीडिंग को दिखाए गए अनुसार नोट करते हैं। वहीं कुछ शोध से पता चला है कि दोनों अगर हम दोनों बाहों के ब्लड प्रेशर को मापते हैं तो हमें दिल की बीमारी और बीपी में परिवर्तन आने से होने वाली अन्य बीमारियों को पहचानने में मदद मिल सकती है। हालांकि अस्पतालों में भी आमतौर पर एक हाथ का ब्लड प्रेशर चेक किया जाता है लेकिन कुछ विशेष मामलों में (जैसे हृदय रोग विशेषज्ञ में पहली जांच), दोनों बाहों को मापा जाता है। वहीं कई एक्सपर्ट्स भी नियमित जांच में भी दोनों हाथों की जांच का समर्थन करते हैं। आइए डालते हैं इस मामले पर एक नजर।
डॉक्टर से करें दोनों हाथों का बीपी चेक करने की अपील
बड़े पैमाने पर सिर्फ एक हाथ के जरिए ब्लड प्रेशर को चेक किया जाता है। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि दोनों बाहों के ब्लड प्रेशर को मापने की प्रक्रिया का इस्तेमाल बहुत कम मामलों में होता है। लेकिन जब भी आप हॉस्पिटल में चेक कराने जाएं तो आपको हमेशा डॉक्टर से दोनों भुजाओं को मापने की अपील करनी चाहिए। साथ ही आगे की माप के लिए हाई रीडिंग वाले हाथ के जरिए बीपी की जांच होनी चाहिए।
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क्यों जरूरी है दोनों हाथों के ब्लड प्रेशर को मापना?
आपको बता दें कि दोनों बाहों के बीच ब्लड प्रेशर की रीडिंग में मामूली अंतर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। जांच में अगर दोनों हाथों में ब्लड प्रेशर के बीच 10 मिलीमीटर (mm Hg) से अधिक पारा ठीक है लेकिन वहीं दूसरी ओर ये माप दिल की समस्याओं के लिए चेतावनी हो सकता है।
वास्तव में, दोनों बाहों की माप में अधिक अंतर से परिधीय संवहनी रोग (peripheral vascular disease), सेरेब्रोवास्कुलर रोग (cerebrovascular disease), स्ट्रोक (strokes) और दिल के दौरे से जल्दी मृत्यु भी हो सकती है। यही वजह है कि शोध में दोनों हाथों के ब्लड प्रेशर को मापने पर जोर दिया गया है।
BP से पेरिफेरल आर्टरी रोग का खतरा
पेरिफेरल आर्टरी रोग (Peripheral Artery Disease) (परिधीय संवहनी रोग) एक ऐसी स्थिति है जिसमें संकीर्ण रक्त वाहिकाएं (arrow blood vessels) अंगों में रक्त के प्रवाह को कम कर देती हैं। इस सिचुएशन में धमनियों की दीवारों में फैट और कैल्शियम के जमा होने का संकेत है।
ये कई वजहों से होती है जिसमें उम्र बढ़ना, मधुमेह और धूम्रपान शामिल हैं। सूचना मिलते ही अगर रोगी अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाता है तो जल्द इससे निपटा जा सकता है। नजरअंदाज करने पर ये गंभीर रूप भी ले सकती है।
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BP में ज्यादा अंतर देता है इन बीमारियों को संकेत
वहीं दोनों भुजाओं के ब्लड प्रेशर में ज्यादा अंतर होने से सेरेब्रोवास्कुलर बीमारी का जोखिम 60% तक बढ़ सकता है। सेरेब्रोवास्कुलर रोग खून की आपूर्ति होने के कारण मस्तिष्क को होने वाली हानि है। यह स्ट्रोक, कैरोटिड स्टेनोसिस, वर्टेब्रल स्टेनोसिस और इंट्राक्रैनील स्टेनोसिस, एन्यूरिज्म जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। यदि आपके दोनों हाथों की रीडिंग में बड़ा अंतर है, तो यह नीचे दी गईं स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
• बाहों में अवरुद्ध धमनियां (Blocked arteries in your arms)
• कॉग्निटिव डिकलाइन
• डायबिटीज
• गुर्दे की बीमारी
• हार्ट डिफेक्ट
दोनों बाहों के ब्लड प्रेशर को मापने से फायदा?
दोनों बाहों का बीपी मापने से आपको इन स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानने में मदद मिल सकती है और समय रहते आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार के लिए जल्द से जल्द कदम उठा सकते हैं।
कैसे हेल्दी लेवल पर रखें ब्लड प्रेशर?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि दोनों हाथों के रक्तचाप की रीडिंग में अंतर का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, अपने रक्तचाप को हेल्दी लेवल पर लाने के लिए आपको अपने डेली रूटीन में कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
• शारीरिक व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और कम से कम 30 मिनट तक डेली एक्सरसाइज करें।
• स्वस्थ आहार लें, जितना हो सके ताजी सब्जियां और फलों का सेवन करें।
• हेल्दी डाइट के अलावा हेल्दी वेट को अपना लक्ष्य बनाएं। शुरुआत में अपने शरीर का 5-10% वेट कम करें और फिर बीबी में अंतर को नोटिस करें।
• अपने दिमाग को आराम दें। ब्रेक लें, कोशिश करें कि ज्यादा तनाव न लें और ध्यान करें।
• शराब का सेवन कम से कम करें। कोशिश करें कि प्रतिदिन 2 ड्रिंक से अधिक न लें।
• धूम्रपान कम करें और छोड़ने का प्रयास करें। तंबाकू का सेवन फेफड़ों और धमनियों के लिए बहुत हानिकारक होता है।
नोट- बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से अपने ब्लड प्रेशर के बारे में बात करें और अपने बाहों को चेक कराएं। हालांकि, आपको ये भी मालूम होना चाहिए कि किसी भी बीमारी के लिए रक्तचाप ही एकमात्र फैक्टर नहीं होता। इसके कई और कारण भी होते हैं, जो बीमारी को गंभीर स्टेज तक ले जाते हैं। जैसे कि जेनेटिक, कोलेस्ट्रॉल का स्तर, आदि। इसलिए आपको अपने शरीर के सभी स्तरों की निगरानी के लिए एक वार्षिक स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए और किसी भी चेतावनी के संकेत के बारे में डॉक्टर से सलाह लें।
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