मानसून में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए काढ़ा एक इम्यूनिटी बूस्टर है। इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ यह गले में खराश और बुखार से बहुत जल्दी राहत दिलाता है।
काढ़े को हमेशा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना गया है। यह एक पारंपरिक भारतीय पेय है, जिसका सेवन चाय के रूप में किया जाता है। कोरोना महामारी में तो यह लोगों के बीच काफी पॉपुलर भी हो गया। चूंकि अब गर्मी का मौसम खत्म हो रहा है और मानसून की शुरूआत होने वाली है। इस मौसम में बीमरियों की संभावना हमेशा बनी रहती हैं। ऐसे में काढ़ा सर्दी, खांसी , संक्रमण के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार है।
यह आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी मदद करता है। हम यहां काढ़ा बनाने की 5 आसान सी रेसिपी शेयर कर रहे हैं। अच्छी बात ये है कि इसे किचन में मौजूद सामग्रियों जैसे इलायची, काली मिर्च, लौंग, शहद से तैयार किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं काढ़ा बनाने की 5 स्पेशल विधि-
दालचीनी का काढ़ा
आधा चम्मच- अदरक का पाउडर
आधा चम्मच- सौंफ
चुटकीभर - दालचीनी
एक चुटकी- लौंग
बनाने का तरीका-
दालचीनी का काढ़ा या चाय बनाने के लिए एक कप गर्म पानी में सभी सामग्री को मिला लें। जड़ी-बूटियों को लगभग 10 मिनट तक इसमें सेटल होने दें। जब लगे कि जड़ी-बूटी पानी में अच्छे से घुल चुकी हैं, तो इसे छान लें और पी जाएं।
काढ़ा चाय-
सामग्री-
3-4 - ताजे अदरक
एक छोटी चम्मच- हल्दी
एक चौथाई चम्मच- दालचीनी पाउडर
4- इलायची
4- तुलसी के पत्तियां
4 कप- पानी
केसर की कुछ पत्तियां
स्वाद के लिए शहद
बनाने का तरीका-
एक ब्लेंडर में अदरक, हल्दी, इलायची, दालचीनी और तुलसी के पत्ते डालें।
इस मिश्रण को एक बर्तन में पानी डालकर गर्म करें।
पूरे मिश्रण को लगभग पांच मिनट तक उबालें, ताकि मिलाई गई सभी चीजें अच्छी तरह से घुल जाए।
अब काढ़ा को छानकर कटोरी में डाल दें।
आप चाहें तो स्वादानुसार इसमें शहद और चुटकीभर केसर मिला सकते हैं।
जितना हो सके, काढ़ा गर्मा-गर्म ही पीने की कोशिश करें।
तुलसी और लौंग का काढ़ा
सामग्री-
तुलसी की पत्तियां
3-6 - लौंग
डेढ़ कप- पानी
बनाने का तरीका-
तुलसी के पत्तों और लौंग के साथ पानी उबालें।
पानी को लगभग आधा होने तक उबलने दें।
इसे कुछ देर ठंडा होने दें।
दिन में दो से तीन बार चुटकीभर सेंधा नमक डालकर पीएं।
तुलसी-काली मिर्च का काढ़ा
सामग्री-
2 कप- पानी
1 चम्मच- चीनी
1 चम्मच- काली मिर्च पिसी हुई
1 चम्मच- किसा हुआ अदरक
1 चम्मच- देसी घी
1-2 लौंग
तुलसी की पत्तियां
बनाने का तरीका-
एक कढ़ाई में घी गर्म करें। अब इसमें लौंग, काली मिर्च, अदरक और तुलसी डालें।
जब मसाले चटकने बंद हो जाएं, तो इसमें पानी और चीनी डाल दें।
मिश्रण को 15-20 मिनट तक मध्यम आंच पर पकाएं। बीच-बीच में मिश्रण को हिलाते रहें।
अब कुछ तुलसी के पत्ते डालें और फिर दो मिनट तक पकाएं।
काढ़ा गरम होने पर ही पीएं। ठंडा काढ़ा फायदा नहीं पहुंचाएगा।
अदरक , नींबू और शहद का काढ़ा
सामग्री-
1 चम्मच-4 अदरक का रस
1 चम्मच- शहद
आधा चम्मच- नींबू का रस
बनाने का तरीका-
अदरक , नींबू और शहद का काढ़ा बनाने के लिए एक कांच के बाउल में अदरक के रस में शहद और नींबू का रस मिलाएं। इसे अच्छी तरह से तब तक हिलाएं जब तक की शहद पूरी तरह से न घुल जाए। काढ़ा तैयार है। इसे आप दिन में एक बार खाली पेट गर्म पानी के साथ ले सकते हैं।
काढ़ा बनाने के टिप्स
काढ़े में ज्यादा अदरक डालने से बचें। यह जलन का कारण बन सकता है।
कोई भी काढ़ा हो, काली मिर्च एक चुटकी ही डालें। अधिक मात्रा में कुछ भी भोजन नली को प्रभावित कर सकता है, जिससे जलन हो सकती है।
काढ़े में स्वाद बढ़ाने के लिए ज्यादा शहद डालने से बचें। बता दें कि यह चीनी के दानों से ज्यादा मीठा होता है। जो हमारे शरीर के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है।
अच्छे परिणाम के लिए ज्यादा हल्दी मिलाने की भूल न करें। इससे निर्जलीकरण हो सकता है।
अधिक लाभ पाने के लिए सभी जड़ी-बूटियों और मसालों को पाउडर के रूप में मिलाने की कोशिश करें।
काढ़ा हर मौसमी बीमारी को दूर करने का अच्छा तरीका है। लेकिन इसमें पर्याप्म मात्रा में ही मसाले डालें। अगर आपको लगता है कि काढ़ा आपको सूट नहीं कर रहा , तो मसालों का अनुपात कम कर दें।
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