हाई ब्लड शुगर के लक्षण मुंह में भी दिखाई दे सकते हैं। अगर आप डायबिटिक पेशंट हैं, तो 3 लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है।
टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज एक क्रॉनिक डिसीज है, जो दुनियाभर में लाखों लोगों को तेजी से प्रभावित कर रही है। ब्लडस्ट्रीम में ग्लूकोज के निर्माण के कारण ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि के कई लक्षण हो सकते हैं। वैसे तो डायबिटीज के कुछ लक्षण साफ नजर आते हैं और अधिकतर लोग इनके बारे में जानते भी हैं। लेकिन कुछ लक्षण ऐसे हैं, जिन पर किसी का ध्यान नहीं जाता।
विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज की शुरूआत ज्यादा भूख लगने, बार-बार पेशाब आने, थकान और चिडचिड़ेपन से होती है। इन मुख्य संकेतों के अलावा हमारा मुंह भी 3 वार्निंग साइन देता है। एक व्यक्ति की ओरल हेल्थ से उनके ब्लड शुगर लेवल सहित स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ पता चल सकता है। आपकी मदद के लिए हम यहां आपको ऐसे ही 3 प्रमुख लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।
(फोटो साभार: istock by getty images)
सूखा हुआ गला
सूखा हुआ मुंह
ज दोनों के सामान्य और शुरूआती लक्षणों में से एक है। इसमें व्यक्ति का मुंह जरूरत से ज्यादा सूखने लगता है और उसकी प्यास भी बढ़ जाती है। हालात ऐसे बन जाते हैं कि वह एक बार में गैलेन पानी तक पी लेता है।
हालांकि, ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि व्यक्ति को क्यों प्यासा महसूस कराती है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन कई सिद्धांतों के अनुसार, मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए ली जाने वाली कुछ दवाओं के कारण ऐसा हो सकता है। सूखे हुए मुंह के लक्षणों में जीभ में सूखापन, मुंह में नमी की कमी, फटे होंठ, मुंह में छाले और चबाने में कठिनाई जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
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दांतों का खराब होना
डायबिटीज के रोगी में मसूड़ों की बीमारी के चलते दांत खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। मसूड़ों के चारों तरफ प्लाक बनने से दांतों के बीच गैप आ जाता है, जिससे आसपास की पकड़ ढीली होने लगती है और दांत खराब हो जाते हैं। कई शोधों से पता चलता है कि अन्य बीमारियों से पीडि़त लोगों की तुलना में डायबिटीज रोगियों के दांत दोगुना टूटते हैं। वद्धावस्था और उन लोगों में जोखिम ज्यादा खतरनाक है, जो ओरल हेल्थ की देखभाल नहीं करते। सूजे हुए मसूड़े या दांत में दर्द हो , तो यह आपके दांतों के खराब होने का लक्षण है।
ओरल हेल्थ से जुड़ी जटिलताओं से बचने के लिए डायबिटीज रोगी को अपने
रखना चाहिए। मधुमेह के ज्यादातर मामलों में लोग केवल पैर और आंखों की देखभाल पर ध्यान देते हैं। ऐसे में डेंटल केयर को कई बार दरकिनार कर दिया जाता है, जो मौखिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
मसूड़े का रोग
मुंह के सूखने पर दांतों के आसपास और मसूड़ों के नीचे लार का उत्पादन प्रभावित होता है। नतीजा, शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे कीटाणु और प्लैग का निर्माण होता है। यह आपके मसूड़ों को परेशान करने के साथ मसूड़ों की बीमारी, दांतों की सड़न और दांतों के झड़ने का कारण बनता है। अनियंत्रित मधुमेह के मामलों में मसूड़ों की बीमारी ज्यादा आम है।
यह बीमारी इस बात का संकेत है कि आपका
और आपको इस पर ध्यान देना चाहिए। गले में खराश, मसूड़ों में खून आना, संवेदनशील दांत, सांस की दुर्गंध, मुंह में खराब स्वाद आना मसूड़ों की बीमारी के लक्षण देखे गए हैं।
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