हल्दी के फायदे को लेकर तो आपने आज तक कई बातें सुनी होंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं की हल्दी का अधिक सेवन आपको कई नुकसान पहुंचा सकता है। अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं।
भारतीय रसोई हो या किसी तरह का कोई त्यौहार। इन दोनों में ही हल्दी का उपयोग भारी मात्रा में किया जाता है। हल्दी के गुण ना केवल खाने के स्वाद को बढ़ाते हैं। बल्कि सेहतमंद बनाए रखने और घाव भरने तक में काम आते हैं। यही नहीं कोरोना की लहर में हल्दी की इम्यूनिटी बूस्ट करने की क्षमता ने भी लोगों को अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया था। आलम यह आ गया है कि आज हल्दी की मांग पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा बढ़ गई है।
आज कल तो लोग हल्दी की जड़ का अचार और हल्दी की गोली तक का सेवन लोग करने लगे हैं। साथ ही आयुर्वेद तो हल्दी का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में करता आ रहा है। स्वभाव से गर्म यह मसाला जितना फायदेमंद और उपयोगी है। उतना नुकसानदायक भी हो सकता है। हल्दी के फायदे देखकर लोग इसका सेवन आवश्यकता से अधिक मात्रा में करने लगे हैं, जिसके दुष्परिणाम या नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं हल्दी के अधिक सेवन के नुकसान क्या हो सकते हैं।
आयरन एब्सोर्ब करने से रोके
यह मसाला इन्फ्लेमेशन और इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए जाना जाता है। लेकिन अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन शरीर में आयरन को अवशोषित होने को रोक सकता है। आपको बता दें कि आयरन की वजह से ही हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स का निर्माण होता है। यह एक लाल प्रोटीन होता है जो खून में ऑक्सीजन के प्रवाह के लिए जिम्मेदार होता है।
हल्दी का भोजन में अधिक उपयोग भी आपके शरीर में आयरन के एब्सोर्ब करने की क्षमता को 20 प्रतिशत से लेकर 90 प्रतिशत तक प्रभावित करता है। लेकिन ध्यान रहे ऐसा केवल तब है जब हल्दी का उपयोग अधिक मात्रा में किया गया हो। दरअसल हल्दी के अंदर स्टोइकियोमेट्रिक गुण होते हैं जो अवशोषित लोहे को बांधने में मदद करता है और यही आयरन की कमी का कारण भी बनता है।
हल्दी के अंदर मौजूद करक्यूमिन ही फेरिक आयरन को बांधने का कार्य करता है। यही नहीं हल्दी का यही यौगिक शरीर में आयरन को संतुलित बनाए रखने में जिम्मेदार पेप्टाइड्स हेक्सिडीन के संश्लेषण को भी रोक सकता है। हल्दी के अधिक उपयोग से यह सभी कारण आयरन की कमी पैदा करने का कार्य करते हैं।
हल्दी की उचित मात्रा
अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आपको हल्दी पूरी तरह खाना बंद करना है तो बता दें आप गलत हैं। हल्दी का उचित मात्रा में सेवन सेहत पर काफी सकारात्मक प्रभाव दिखाता है। इसलिए आप इसका हमेशा की तरह ही उपयोग सब्जियों और अन्य व्यंजनों में कर सकते हैं। क्योंकि एक सीमित करक्यूमिन की खुराक आपके लिए फायदेमंद ही रहेगी।
तब होते हैं, जब लोग सब्जियों के साथ-साथ इसकी गोलियां भी खाने लगते हैं। ऐसे में अगर आप रोजाना 2000 से 2500 मिलीग्राम हल्दी का उपयोग भोजन में करते हैं तो यह प्रति दिन केवल 60 से 100 मिलीग्राम ही होगा, जो एक सीमित मात्रा ही है। हल्दी की इतनी मात्रा शरीर में आयरन के अवशोषित होने में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं करेगी। बल्कि इसके सीमित मात्रा में उपयोग आपके लिए लाभदायक होंगे। लेकिन अब अगर आप हल्दी का उपयोग करने जा रहे हैं तो इससे पहले डॉक्टर की राय जरूर ले लें।
इन 6 लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है हल्दी का सेवन, संभलकर करें उपयोग
हल्दी के अन्य नुकसान क्या हैं
अगर आप हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन करने लगते हैं तो इसका असर आपकी पाचन क्रिया पर भी देखने को मिलता है। इसके अलावा यह सिर दर्द, त्वचा पर चकत्ते बनने का कारण भी बन जाती है। यही नहीं हल्दी का अधिक सेवन लीवर के आकार, पेट के अल्सर और सूजन को भी बढ़ा सकता है। यह आंतों और लीवर के कैंसर की वजह भी बन सकती है। इसलिए हल्दी का केवल सीमित मात्रा में ही सेवन करना आपके लिए ठीक होगा।
हल्दी के सप्लीमेंट से किसे करना चाहिए परहेज
हल्दी को लेकर जैसे की हमने आपको बताया कि इसके अंदर करक्यूमिन यौगिक सबसे ज्यादा पाया जाता है, जिसके स्वास्थ्य पर कई लाभ देखने को मिलते हैं। लेकिन अगर इसकी मात्रा अधिक हो जाए या इसका सप्लीमेंट ले लिया जाए तो यह एनीमिया, रक्तस्राव विकार,
और मधुमेह के मरीजों के लिए अधिक समस्या पैदा कर देता है। ऐसे में अगर आपको बताई गई समस्याओं में से कोई है तो हल्दी का उपयोग केवल डॉक्टर की राय लेने के बाद ही करें।
अंग्रेजी में इस स्टोरी को पढ़ने के लिए
from Health Tips in Hindi , natural health tips in hindi, Fitness tips, health tips for women - डेली हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स फॉर वीमेन | Navbharat Times https://ift.tt/3joT2VC
via IFTTT
No comments:
Post a Comment