New variant of coronavirus in india cases: कोविड की दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट ने अपना जबरदस्त कहर बरपाया है लेकिन आने वाले वक्त में कुछ और नए वेरिएंट्स का प्रसार हो सकता है।
New variant of coronavirus in india cases
: कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट के बाद भी म्यूटेशन जारी है और अब बताया जा रहा है कि आने वाले वक्त में नए वेरिएंट पैदा होंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार, जब कोई वायरस खुद की नकल करता है या अपने ही फीचर का निर्माण करता है तो कभी-कभी उसमें थोड़ा बदलाव देखने को मिलता है, जो एक वायरस के लिए सामान्य है। इन्हीं परिवर्तनों को म्यूटेशन कहा जाता है। जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि नोवेल कोरोनावायरस की शुरुआत के बाद से इसके कई रूप सामने आ चुके हैं और दुनिया भर में कहर बरपा रहे हैं। डेल्टा वेरिएंट को दूसरी लहर का जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसके बाद अब एक नया स्ट्रेन, डेल्टा प्लस में बदल गया है जो बहुत घातक बताया जा रहा है। अब स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट के अलावा कई नए COVID वेरिएंट को सूचीबद्ध किया है जो धीरे-धीरे आ रहे हैं।
(फोटो साभार: istock by getty images)
लैम्ब्डा वेरिएंट
लैम्ब्डा वैरिएंट का पहली बार पेरू में अगस्त 2020 में पता चला था और तब से लगभग 29 देशों में इसकी सूचना दी गई है। विशेषज्ञों का दावा है कि इस प्रकार के स्पाइक प्रोटीन में कई म्टूटेशन देखे गए हैं, जो इसकी ट्रांसमिसिबिलिटी यानी संक्रमकता की दर काफी अधिक बढ़ा देती है।
यूनाइटेड किंगडम ने पिछले सप्ताह डेल्टा COVID-19 संस्करण के 35,204 नए मामले दर्ज किए। वहीं पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने इसके अलावा 23 फरवरी से 7 जून तक लैम्ब्डा वेरिएंट के छह मामलों की सूचना दी है।
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कल्पा वेरिएंट (Kappa variant)
SARs-COV-2 वायरस का कप्पा वेरिएंट पैंगो वंश (Pango lineage) B.1.617 के तीन उप-वर्गों में से एक है। इसे B.1.617.1 के नाम से भी जाना जाता है और भारत में पहली बार दिसंबर 2020 में इसका पता चला था। ये म्यूटेशन वायरस के दो वेरिएंट्स E484Q और E484K के जरिए हुआ है, जो कि ब्राजील और दणिक्ष अफ्रिका में तेजी से फैल रहे हैं। इसमें L452R म्यूटेशन भी शामिल है, जो वायरस को हमारे शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स से बचने में मदद करता है।
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कल्पा वेरिएंट (Kappa variant)
SARs-COV-2 वायरस का कप्पा वेरिएंट पैंगो वंश (Pango lineage) B.1.617 के तीन उप-वर्गों में से एक है। इसे B.1.617.1 के नाम से भी जाना जाता है और भारत में पहली बार दिसंबर 2020 में इसका पता चला था। ये म्यूटेशन वायरस के दो वेरिएंट्स E484Q और E484K के जरिए हुआ है, जो कि ब्राजील और दणिक्ष अफ्रिका में तेजी से फैल रहे हैं। इसमें L452R म्यूटेशन भी शामिल है, जो वायरस को हमारे शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स से बचने में मदद करता है।
B.11.318
कथित तौर पर कोविड के कप्पा वेरिएंट की तरह ही B.11.318 वेरिएंट E484K म्यूटेशन में शामिल है। भारत ने इस नए वेरिएंट के दो जीनोम अनुक्रमों की सूचना दी है।
जरूरी है सावधान रहना
ऐसे समय में जब कोविड के नए इतने सारे नए रूप सामने आ रहे हैं तब हमारी जिम्मेदारी है कि हमें सावधानी बरतनी चाहिए। मामलों की संख्या होते ही सभी सीमओं पर प्रतिबंध हटा दिए हैं और अनलॉक प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, ऐसे हालातों में हमें अवेयर रहने की ज्यादा जरूरत है। खासकर तब जब आप घर से बाहर निकल रहे हों तब आपको कोविड के सभी प्रोटोकॉल को फॉलो करना चाहिए।
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