
Monkeypox: कोरोना वायरस के डेल्टा वेरियंट का कहर से लोग पहले ही डरे हुए हैं और अब UK में एक मंकीपॉक्स नाम के घातक संक्रमण के मामले आए हैं। WHO ने इस बीमारी को बेहद खतरनाक बताया है।

Monkeypox:
जब दुनिया भर के लोग COVID-19 महामारी का डटकर मुकाबला कर रहे हैं तभी लगातार एक के एक बाद एक नई बीमारी के बारे में जानकारी मिल रही है। बीते सप्ताह मिस्टीरियस ब्रेन सिंड्रोम के बारे में जानकारी मिली थी और अब मंकीपॉक्स (Monkeypox) नाम के संक्रमण के बारे में खबर मिली है। जानकारी के अनुसार, यूके के नॉर्थ वेल्स में मंकीपॉक्स इंफेक्शन के मामले आए हैं जिससे लोगों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है। मंकीपॉक्स की जानकारी नॉर्थ वेल्स (North Wales) के पब्लिक हेल्थ ऑफिसर्स ने दी है। उन्होंने बताया कि इस संक्रमण की चपेट में फिलहाल एक ही परिवार के 2 सदस्य आए हैं। आइए, जानते हैं क्या है मंकीपॉक्स और कितना है खतरनाक?
(फोटो साभार: istock by getty images)
क्या है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स एक दुर्लभ जूनोटिक वायरल रोग है जो एक छूत की बीमारी है। यह बीमारी ज्यादातर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में पाई जाती है। लेकिन फिलहाल इसके 2 मामले यूके में पाए गए हैं। UK के पब्लिक हेल्थ वेल्स के स्वास्थ्य सुरक्षा सलाहकार रिचर्ड फर्थ ने कहा है, यूनाइडेट किंगटम में मंकीपॉक्स के 2 मामलों की पुष्टि होना दुर्लभ घटना है। यह एक बहुत ही संक्रामक संक्रमण (contagious infection) है और किसी संक्रमित व्यक्ति या पशु के साथ शारीरिक संपर्क के माध्यम से फैलती है।
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इन जीवों से फैलती है बीमारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसे फैलाने वालों में मेजबान जानवरों की लिस्ट जारी की है जिसमें डॉर्मिस (Dormice), ट्री गिलहरी (tree squirrels), गैम्बियन पाउच वाले चूहे (Gambian pouched rats), रस्सी गिलहरी और प्राइमेट (Primates) शामिल हैं।
WHO ने कहा, मंकीपॉक्स से हर 10वें व्यक्ति हो सकती मौत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस के कारण एक ऐसी बीमारी होती है, जिसके लक्षण (Symptoms) स्मॉल पॉक्स (Smallpox) जैसे होते हैं। इसकी चपेट में आने वाले हर 10वें व्यक्ति की मौत हो सकती है, जिसमें अधिकांश मौतें कम आयु वर्ग में होती हैं।
इसकी चपेट में आने के बाद अगर आपके शरीर के चकत्ते घाव में परिवर्तित होने लगें और उसमें अधिक दर्द मेहसूस हो तो समझ लेना चाहिए कि ये आपके लिए जोखिम भरी हो सकती है। WHO का भी यही कहना है कि इस बीमारी से ग्रसित 100 में से 10 मरीजों की मौत होने की आशंका होती है।
मंकी पॉक्स के लक्षण

तेज बुखार
शरीर में सूजन
तेज सिरदर्द
थकान महसूस होना
ठंड लगना
शरीर में ऊर्जा की कमी
स्किन में लाल चकत्ते पड़ जाना या दाने आना
शरीर पर हुए दानों पर खुलजी
समय के साथ लाल चकत्ते घाव का रूप ले लेना
बीमारी को 1 से 3 सप्ताह तक रहना।
चकत्तों पर असहनीय दर्द होना।
मंकीपॉक्स का इलाज

मंकीपॉक्स में ट्रीटमेंट में सबसे पहले संक्रमितों के नमूने पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (Polymerase chain reaction) टेस्ट के लिए भेजे जाते हैं। इस बीच मरीज की सभी वर्तमान संक्रमण से लेकर पुरानी बीमारियों के बारे में भी एक विश्लेषण किया जाता है। सीडीसी के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण का अभी तक कोई अचूक और सुरक्षित उपचार नहीं है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में मंकीपॉक्स के प्रकोप को रोकने के लिए चेचक के टीके, एंटीवायरल और वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (VIG) का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद शुरुआत में ही स्मॉलपॉक्स का टीका लगाया जाता है। जो कि इस बीमारी को रोकने में काफी हद तक मदद करता है।
मंकीपॉक्स से बचाव

रोकथाम की दिशा में पहला कदम संक्रमण के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाएं।
बीमार जानवरों के संपर्क से बचना चाहिए।
चूंकि ये बीमारी जानवरों से फैलती है इसलिए नॉनवेज को कच्चा, अधपका या अशुद्ध नहीं खाना चाहिए। या फिर आप शुद्ध शाकाहारी आहर ही लें।
संक्रमित लोगों से दूरियां बनाकर रखें और साफ-सफाई का ख्याल रखें।
जो हेल्थकेयर वर्कर्स संक्रमित व्यक्ति की जांच करते हैं और उनकी देखरेख कर रहे हैं, उनसे भी डायरेक्ट संपर्क से बचना चाहिए। मंकीपॉक्स से पीड़ित मरीजों की जांच करने से पहले चिकित्सकों को स्मॉलपॉक्स का टीका लेना चाहिए।
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