क्या कोविड का नया स्ट्रेन वैक्सीनेशन करा चुके लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। अगर आपके जेहन में भी ऐसे सवाल चल रहे हैं तो आइए जानते हैं एक्सपर्ट क्या कहते हैं इस बारे में।
भारत के लगभग हर राज्य में धीरे-धीरे कोरोना की दूसरी लहर का अंत होता जा रहा है। राज्यों ने लॉकडाउन भी हटाना शुरू कर दिया है। लेकिन कोरोना वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा और डेल्टा प्लस ने अब तक बहुत से लोगों को अपना शिकार बना लिया है। जिसकी वजह से लोग सकते में आ गए हैं। अभी भले ही स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हो लेकिन कोरोना के डेल्टा और डेल्टा प्लस ने तीसरी लहर के संकेत दे दिए हैं। ऐसे में तीसरी लहर से बचने और लोग पूरी तरह इम्यून हो जाएं।
इसके लिए सभी विशेषज्ञ लोगों को जल्दी से जल्दी वैक्सीनेशन कराने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन हाल ही में सामने आई रिपोर्ट तो इस ओर इशारा कर रही है कि कोरोना का डेल्टा और डेल्टा वेरिएंट वैक्सीन से बनी हुई इम्यूनिटी को भी चकमा देने में सक्षम हैं। आइए जानते हैं क्या सच में ऐसा है या यह एक भ्रम है।
फोटो साभार: indiatimes
डेल्टा प्लस है अधिक खतरनाक
कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा हाल ही में बताया गया है, कि कोरोना का नया स्ट्रेन डेल्टा प्लस अधिक खतरनाक है। पिछले सभी वेरिएंट्स के मुकाबले यह ना केवल तेजी से फैलता है। बल्कि यह इम्यूनिटी को कमजोर करने और फेफड़ों को अधिक नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है। इस वेरिएंट के इन्ही दुष्प्रभावों को देखते हुए सरकार ने सभी राज्यों को कुछ दिशा निर्देश दिए हैं।
सरकार ने राज्यों को कहा है कि यह वायरस कम से कम फैले इसके लिए टेस्टिंग अधिक की जाए और इसके अलावा वैक्सीनेशन प्रक्रिया को भी गति देने की सिफारिश की है। आपको बता दें कि कोरोना का यह नया वेरिएंट अब तक कुल 9 देशों में मिला है। जिसमें भारत भी शामिल है। भारत के अलावा यूएस, यूके, रूस, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल और चीन जैसे देशों में भी यह वेरिएंट मिल चुका है।
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क्या वैक्सीन नए वेरिएंट पर करेगी असर
अगर देखा जाए तो कोरोना वैक्सीन इसके सबसे पहले वेरिएंट यानी अल्फा, और इसके शुरुआती वेरिएंट के लिहाज से तैयार किया गया था।
ऐसे में आया नया वेरिएंट की खासियत यह है कि ये एंटीबॉडी को भी चकमा दे सकता है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट पर कुछ वैक्सीन काम करती हैं। लेकिन डेल्टा प्लस वायरस को लेकर अब तक किसी तरह का ना तो कोई प्रमाण मिलता है और ना ही विशेषज्ञ इसके बारे में कुछ कहते हैं।
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वैक्सीनेशन के बाद भी हो सकते हैं संक्रमित
कोरोना वायरस के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट का मामला राजस्थान के बीकानेर से आया था। डॉक्टर ओ.पी चहर ने बताया कि जो महिला संक्रमित हुई उनकी आयु 65 साल है। साथ ही वह मई के महीने में ही वायरस के पहले वेरिएंट से ठीक हो चुकी हैं और वैक्सीन के दोनो डोज भी ले चुकी हैं।
डॉक्टर का कहना है कि महिला के खून के नमूनों को जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी में 30 मई को भेज दिया गया था। जिसके बाद उनके सैंपल की जांच के बाद पता चला की उनके शरीर में डेल्टा प्लस वेरिएंट मौजूद है। जबकि यह महिला पहले ही कोविड की चपेट में आकर ठीक भी हो चुकी है।
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि वैक्सीनेशन के दोनो डोज लगने के बाद भी व्यक्ति डेल्टा प्लस वेरिएंट का शिकार हो सकता है। भले ही यह लोग पहले संक्रमित हो भी चुके हो।
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सावधानी जरूरी
हम सभी जानते हैं कि कोरोना को दूसरी लहर हाल ही में कई राज्यों से खत्म हुई है। लेकिन इसका मतलब कतई यह नहीं है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की लापरवाही बरते। ऐसे में इस वायरस से बचे रहने के लिए सरकार द्वारा दिए गए सभी दिशा निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है।
केवल यही एक तरीका है जिससे इस जानलेवा वायरस से बचा जा सकता है। साथ ही विशेषज्ञ लोगों को वैक्सीनेशन कराने की सलाह भी दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ वैक्सीन इस वायरस के डेल्टा वेरिएंट पर भी काम करती है। इसलिए सावधान रहें डबल मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इसी से आप कोविड से बचे रह सकते हैं।
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