
Dragon stalk yam Shevla Bhaaji benefits: देश के तमाम हिस्सों में मॉनसून आ चुका है और कुछ में जल्द बारिश होने वाली है। इस सीजन को खास बनाने के लिए डायटीशियन रुजुता दिवेकर ने बारिश की खास डिश के बारे में बताया है जो स्वाद में भी लाजवाब है और इससे इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है। इसके कई स्वस्थ्य लाभ हैं।

Dragon stalk yam Shevla Bhaaji benefits: अगर आप किसी भी सीजन में मौसमी फल और सब्जियों का चुनाव करते हैं तो समझिए कि आप अपने शरीर में तमाम तरह के खास पोषक तत्वों को पाते हैं। क्योंकि मौसमी फल और सब्जियां पोषक तत्वों के पावरहाउस से कम नहीं हैं, जो सीजन को ध्यान में देखते हुए ही हमारे इम्यून सिस्टम और चयापचय को बूस्ट करने में मदद करते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर्स और डायटीशियन हमेशा मौसमी चीजों के सेवन करने की सलाह देते हैं।
चूंकि मॉनसून आ चुका है और लगभग हर जगह बारिश शुरू हो चुकी है, जहां नहीं हुई वहां भी बरसात दस्तक देने वाली है। ऐसे सीजन में आने वाली एक खास सब्जी का जिक्र करना लाजमी है जिसके बारे में आप सभी को जानकारी होना भी जरूरी है। इस मौसम की खास सब्जी को लेकर जानी-मानी सेलिब्रिटी डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने जानकारी दी है। रुजुता ने एक बरसात के मौसम की शेवला सब्जी के बारे में बताया है और साथ ही इसके फयदों को भी लिस्ट जारी की है।
(फोटो साभार: istock by getty images)
मराठी थाली में खास है शेवला भाजी

करीना कपूर की न्यूट्रिशनिस्ट ने जिस शेवला सब्जी का जिक्र है उसे अंग्रेजी में Dragon Stalk Yam का नाम से जाना जाता है। ये सब्जी खासतौर पर महाराष्ट्र में बारिश के मौसम में खूब पकाई जाती है और मराठी थाली में इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। मराठी लोग इसे शेवळाची भाजी (Shevalachi Bhaji) कहते हैं।
ये सब्जी महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है और अमीर-गरीब का भेद भी मिटाती है। क्योंकि आदिवासी और गरीब लोग इसे जंगलों से लाकर खाते हैं, जबकि अमीर लोग इसके फायदों के कारण इसे बाजार से खरीदकर खाते हैं।
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जंगलों में पाई जाती है शेवला

शेवला एक ऐसी सब्जी है जिसकी कोई खेती नहीं करता और जो घने जंगलों में पाई जाती है। पहली बारिश के बाद महाराष्ट्र की पहाड़ियों पर उगती है। इसे हिंदी में जंगली सूरन भी कहा जाता है, इसमें एक डंठल और अंदर खोखली फली/कली के साथ एक डंठल होता है।
झींगा खाने वाले लोगों का स्वादिष्ट व्यंजन है शेवला

रुजुता ने अपने पोस्ट में बताया कि, 'यह एक जंगली और बिना खेती वाली सब्जी है। जब एक जंगलों में रहने वाली आदिवासी महिला इसे बढ़ते हुए देखती है, तो वह जानती है कि एक सप्ताह के भीतर मानसून आ जाएगा। ये महाराष्ट्र के स्थानीय बाजारों में बेची जाती है, यह कई मराठी घरों में विशेष रूप से झींगा खाने वालों के लिए यह एक स्वादिष्ट व्यंजन है। क्या आप भी शेवला को ट्राय करना चाहेंगे।'
सिर्फ इतने दिनों के लिए मिलता है शेवला

रुजुता ने लिखा कि 'पहाड़ों पर जब शेवला उगने लगती है तो यह एक प्रकृति का संदेश भी देती है कि अब बारिश का मौसम आ गया है। शेवला भाजी बहुत हेल्दी होती है लेकिन ये साल में सिर्फ 7 से 10 दिन के लिए ही आती है। इस सब्जी को उगाया नहीं जाता, बल्कि पहली बारिश के बाद ये महाराष्ट्र के जंगलों और पहाड़ियों पर अपने आप ही उग आती है। खास बात ये है कि 1-2 सप्ताह में ही ये सब्जी उगना बंद हो जाती है।
इस तरह के खाएं शेवला

रुजुता के अनुसार झींगे के साथ पकाए जाने पर इसका स्वाद सबसे अच्छा होता है। लेकिन झींगे को न पसंद करने वाले लोग इसे चावल के साथ भी खा सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, भाकरी के साथ आप इसका आनंद ले सकते हैं।
शेवला भाजी के फायदे

ड्रैगन डंठल यम आंत के बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करती है और इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रांग बनाती है।
इस सब्जी में फाइबर की मात्रा से भरपूर होती है जो वजन घटाने में भी कारगर है।
शेवला भाजी की खास बात ये है कि ये सब्जी पेट के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। इसके सेवन से आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है, जिससे पेट तो स्वस्थ रहता ही है।
इसके सेवन से तमाम तरह की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
शेवला बनाने की सामग्री

रुजुता की मां रेखा दिवेकर ने एक पोस्ट में शेवला भाजी की आसान रेसिपी शेयर की। जो नीचे बताई गई और आप भी इसे आजमा सकते हैं।
शेवला 1 गुच्छा
काकड़े 8 -10
प्याज 4
लहसुन 7-8
मिर्च पाउडर -1 चम्मच
स्वादानुसार नमक
तेल-2 चम्मच
सरसों के बीज 1 चम्मच
हींग ½ छोटा चम्मच
गरम मसाला 1 चम्मच
हल्दी पाउडर 1 चम्मच
कद्दूकस किया हुआ नारियल - 2 टेबल स्पून
शेवला के पोषक तत्व

इस जंगली सब्जी में ढेर सारे विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स होते हैं। शेवला भाजी को विटामिन B12 और विटामिन D का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है। वैसे भी विटामिन D बहुत कम खाद्य पदार्थों से मिलता है, इसलिए जिन लोगों में इसकी कमी है, उन्हें शेवला भाजी जब तक मिले, तब तक रोजाना इसका सेवन करना चाहिए।
बनाने का तरीका

डंठल के निचले वाले हिस्से को काटकर अलग करें और केवल ऊपर का भाग ही लें। इसे छोटे छोटे टुकड़ों में काटें। इसके बाद काकड़े लें और इसमें मौजूद बीजों को अलग कर मिक्सर में पीस लें। इसके बाद प्रेशर कुकर में तेल डालें और राई से तड़के की शुरुआत करें। इसमें हींग और हल्दी पाउडर डालें।
कटे हुए शेवला और काकड़े पेस्ट का मिश्रण भी मिलाएं। फिर, मिर्च पाउडर, गरम मसाला, कसा हुआ नारियल डालें और प्रेशर कुकर में पकाएं। लो होई आपका शेवला तैयार। अब आप इसे चपाती, भाकरी या चावल के साथ गरमागरम खा सकते हैं।
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