Diabetes men vs women: देश की 77 मिलियन से अधिक की आबादी टाइप 2 डायबिटीज की मार झेल रही है लेकिन आप जानते हैं कि ये महिला और पुरुष दोनों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है।
Diabetes men vs women:
टाइप 2 मधुमेह एक मेटबॉलिक डिसऑर्डर यानी चयापचय विकार (Metabolic disorder) है जो हर उम्र के लोगों को इफेक्ट करता है। देश की 77 मिलियन से अधिक से अधिक की आबादी इस डिसऑर्डर की चपेट में हैं। इसमें व्यक्ति के शरीर में इंसुनिल का स्राव (secretion) कम हो जाता है जिसके चलते रक्त शर्करा का स्तर (blood sugar level) बढ़ जाता है जिसे हाइपरग्लाइसेमिक भी कहा जाता है। बाद में यह शरीर के मोटाबॉलिक में बाधा डालता है और इसी कारण सूजन होने लगती है। टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति का पूरे शरीर में व्यापक प्रभाव पड़ता है। यह महिला और पुरुषों दोनों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है। आइए, इस विषय पर एक नजर डालते हैं और ये भी जानते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज का सबसे अधिक खतरा किसे है।
(फोटो साभार: istock by getty images)
महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को है डायबिटीज 2 का खतरा
स्टडीज के जरिए पता चलता है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को
अधिक होता है। यह टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) की उपस्थिति के कारण होता है और पुरुष यौवन (male puberty) में एंड्रोजन हार्मोन महत्वपूर्ण है। टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में मांसपेशियों, बाल, मुखर परिवर्तन (vocal changes) और जननांग विकास (genital development) को प्रोत्साहितकरता है। पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन लाइफटाइम रहता है जो शुक्राणु (sperm) के उत्पादन और काम वासना (libido) को बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन यह हार्मोन उनके शरीर में वसा के जमाव से भी जुड़ा होता है, खासकर आंत की चर्बी से।
कई अध्ययनों से पता चलता है कि आंत का फैट सीधे तौर पर टाइप 2 डायबिटीज के विकास से जुड़ा हुआ है, जिससे पुरुषों में इस पुरानी बीमारी के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, महिलाओं में भी कुछ मात्रा में टेस्टोस्टेरोन होता है, जो विशेष रूप से रजोनिवृत्ति (menopause) (महिलाएं पीरियड से छुटकारा पाती हैं) के बाद हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है।
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महिला और पुरुषों में डायबिटीज के लक्षणों में अंतर
टाइप 2
महिला और पुरुषों दोनों को अलग-अलग तरह से इफेक्ट करता है। टाइप 2 डायबीटीज के सामान्य लक्षणों में लगातार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकावट (Fatigue), चक्कर आना और वजन कम होना शामिल हैं। ये इसके कॉमन सिम्टम्स हैं, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखे जाते हैं। टाइप 2 डायबिटीज में पुरुषों की मांसपेशियों और जननांगों (Genital thrush) को हानि पहुंचती है।
जबकि महिलाओं को अक्सर जेनेटियल यीस्ट इन्फेक्शन, मूत्र पथ के संक्रमण (urinary tract infections) यानी (पेशाब करने के रास्ते) और पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम की समस्याओं से जूझना पड़ता है। यदि टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने के प्रयास नहीं किए गए तो इसके कारण न्यूरोपैथी, रेटिनोपैथी, हृदय रोग और गुर्दे की बीमारी भी हो सकती है।
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किसे होते हैं मधुमेह के गंभीर लक्षण
भले ही पुरुषों में टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क अधिक होता है, लेकिन महिलाएं इसके सीरियस सिम्टम्स का शिकार ज्यादा होती हैं। एक बार जब कोई महिला टाइप 2 डायबिटीज की चपेट में आ जाती है, तो उसे हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, स्ट्रोक और अवसाद या चिंता जैसी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं होने का खतरा होता है।
डायबिटीज और कोविड-19
डायबिटीज वाले मरीज यदि कोविड के संपर्क में आते हैं तो उन्हें खतरनाक जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। हाई ब्लड ग्लूकोज और अनकंट्रोल डायबिटीज के मामले में यह जोखिम अधिक है। एक छोटे से शोध से पता चलता है कि अधिक डायबिटीज वाले पुरुषों को SARS-CoV-2 से संक्रमित होने पर मृत्यु का अधिक जोखिम होता है।
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