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Thursday, June 24, 2021

डार्क यूरिन और खट्टी डकार हो सकते हैं गॉल ब्‍लैडर में स्‍टोन के लक्षण, डॉक्‍टर से जानें बचाव का तरीका

पित्त की थैली में पथरी यानी गॉल ब्लैडर में स्टोन होना बहुत आम समस्या है। महिला और मोटे लोगों के अलावा बुजुर्ग और छोटे बच्चे भी इससे ग्रसित हैं। यह बीमारी बेशक इतनी खतरनाक नहीं है, लेकिन इसके कारण, लक्षण और इलाज को जितनी जल्दी जान लेंगे, उतनी जल्दी समस्याओं से राहत मिल जाएगी। तो चलिए जानते हैं कि क्या होता है गॉल ब्लैडर स्टोन। साथ ही जानेंगे इसके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में भी।

शरीर में ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की मौजूदगी गॉल ब्लैडर में स्टोन का कारण बनती है। डॉक्टर्स इससे बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव करने की हिदायत देते हैं।


Gallstones: डार्क यूरिन और खट्टी डकार हो सकते हैं गॉल ब्‍लैडर में स्‍टोन के लक्षण, डॉक्‍टर से जानें बचाव का तरीका

पित्त की थैली में पथरी यानी गॉल ब्लैडर में स्टोन होना बहुत आम समस्या है। महिला और मोटे लोगों के अलावा बुजुर्ग और छोटे बच्चे भी इससे ग्रसित हैं। यह बीमारी बेशक इतनी खतरनाक नहीं है, लेकिन इसके कारण, लक्षण और इलाज को जितनी जल्दी जान लेंगे, उतनी जल्दी समस्याओं से राहत मिल जाएगी। तो चलिए जानते हैं कि क्या होता है गॉल ब्लैडर स्टोन। साथ ही जानेंगे इसके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में भी।



​क्या होता है गॉल ब्लैडर स्टोन
​क्या होता है गॉल ब्लैडर स्टोन

पित्ताशय की थैली ऊपरी दाहिने पेट में लीवर के नीचे एक छोटा सा नाशपति के आकार का अंग है। इसका काम होता है पित्त को गाढ़ा करना। यह डाइजेशन में बहुत मदद करता है। यह लीवर में बनता है गॉल ब्लैडर में स्टोर होता है और फिर इंटेस्टाइन में जाकर खाने की डाइजेशन में मदद करता है।

जर्नल और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ.अमित अग्रवाल

बताते हैं कि अधिकांश पथरी तब बनती हैं, जब पित्त में बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल होता है। हावर्ड हेल्थ पब्लिकेशन (Harvard Health Publication) के अनुसार, 80 प्रतिशत पित्त पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनी होती है। अन्य 20 प्रतिशत पित्त पथरी कैल्शियम सॉल्ट और बिलीरूबीन से बनती है।।

पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के बाद, जानें क्‍या खाएं और किन चीजों से करें परहेज



​गॉल ब्लैडर में स्टोन होने के क्‍या कारण हैं
​गॉल ब्लैडर में स्टोन होने के क्‍या कारण हैं

पित्त में बहुत ज्यादा बिलीरुबिन-

बिलीरुबिन एक केमिकल है, जो तब बनता है जब आपका लीवर पुरानी रेड ब्ल्ड सेल्स को नष्ट कर देता है। कुछ स्थितियां जैसे ब्लड डिसऑर्डर आपके लीवर को उससे अधिक बिलीरूबीन का उत्पादन का कारण बनते हैं। पिगमेंट पित्त पथरी तब बनती है, जब आपका पित्ताशय अतिरिक्त बिलीरुबिन को तोड़ नहीं पाता। ये कठोर पत्थर अक्सर भूरे या काले रंग के होते हैं।



​ज्यादा पित्त का जमा होना
​ज्यादा पित्त का जमा होना

आपके पित्ताशय की थैली को स्वस्थ रहने और ठीक से काम करने के लिए अपने पित्त को खाली करने की जरूरत होती है। यदि यह अपनी पित्त सामग्री को खाली करने में विफल होता है, तो पित्त ज्यादा जमा हो जाता है, जिससे पथरी बनने लगती है।



​पित्ताशय की पथरी के लक्षण क्‍या हैं
​पित्ताशय की पथरी के लक्षण क्‍या हैं

पित्ताशय की पथरी के कारण ऊपरी दाहिने पेट में समय-समय पर दर्द होना शुरू हो सकता है। ऐसा तब होता है, जब आप फैट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाते हैं । हालांकि यह दर्द एक या दो घंटे से ज्यादा नहीं रहता। इसके लक्षणों में जी-मिचलाना, उल्टी, गहरे रंग की मूत्र, मिट्टी के रंग का मल, पेट दर्द, बर्पिंग, दस्त और

खट्टी डकार

शामिल है।

ब्लड शुगर लेवल तुरंत करवा लें चेक, अगर यूरिन के रंग में दिखे ये बदलाव



​पित्त पथरी का इलाज कैसे किया जा सकता है
​पित्त पथरी का इलाज कैसे किया जा सकता है

हो सकता है आपको तब तक पित्त पथरी के इलाज की जरूरत ही ना पड़े, जब तक की आपको तेज दर्द न हो। कभी-कभी नोटिस किए बिना भी पथरी अपने आप मूत्र के रास्ते पास हो जाती है। यदि आप दर्द में हैं, तो डॉक्टर अस्थाई राहत के लिए इंजेक्शन दे देगा, लेकिन सर्जरी के लिए भी कह सकता है।

दुलर्भ मामलों में डॉक्टर दवा देते हैं। यदि सर्जरी आपके लिए रिस्की है, तो त्वचा के माध्यम से ड्रेनेज ट्यूब को पित्ताशय की थैली में रखा जा सकता है। आप सर्जरी को तब तक के लिए टाल सकते हैं जब तक की दूसरी मेडिकल कंडीशन का इलाज कर जोखिम कम न हो जाए।



​पित्त पथरी के घरेलू उपचार
​पित्त पथरी के घरेलू उपचार

स्वस्थ वजन बनाए रखना

एंटीइंफ्लेमेट्री डाइट लेना

रैगुलर एक्सरसाइज करना

तेजी से वजन घटाने से बचें।

आप चाहें, तो कुछ पोषक तत्चों का खुराक भी ले सकते हैं, जिनमें विटामिन-सी, आयरन और लेसिथिन शामिल हैं। एक एनालिसिस में पाया गया है कि विटामिन सी और लेसिथिन गॉल ब्लैडर स्टोन के जोखिम को कम करने में कारगार हैं। कुछ लोग जैतून का तेल और नींबू के रस के जरिए पित्ताशय की थैली को फ्लश करने की सलाह देते हैं।



​गॉल ब्लैडर में स्टोन हो, तो करें इन चीजों से परहेज
​गॉल ब्लैडर में स्टोन हो, तो करें इन चीजों से परहेज

जितना हो सके, फैट का सेवन कम कर दें।

मल त्याग को ठोस बनाने के लिए अपने आहार में फाइबर शामिल करें।

कैफीनयुक्त ड्रिंक, हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स सहित दस्त का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ से परहेज करें।

हर दिन कई छोटे मील लें। छोटे भोजन को पचाना शरीर के लिए आसान होता है।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। प्रतिदिन लगभग 6-8 गिलास।

यदि अपना वजन कम करना चाह रहे हैं, तो धीरे-धीरे करें। हर सप्ताह 2 पाउंड से ज्यादा वजन कम करने की कोशिश न करें। तेजी से वजन घटाने से पित्त पथरी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

यदि आपको अपने पित्ताशय की थैली में पथरी होने की आशंका है लेकिन लक्षण नहीं दिखते, तो उपचार की जरूरत नहीं है। फिर भी आप चाहें, तो जीवनशैली में बदलाव कर सकते हैं, ताकि इन्हें बड़ा होने और समस्या पैदा करने से रोका जा सके।





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