कोरोना वायरस की चपेट में आते ही लोग हबड़ा तबड़ी में एक तरफ जहां खुद ही डॉक्टर बन दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अलग अलग ब्रीथिंग एक्सरसाइज कर रहे हैं। लेकिन अगर आपको कोरोना है तो आपको कुछ ब्रीथिंग एक्सरसाइज से दूरी बनाकर रखनी है, आइए जानते हैं इन एक्सरसाइज के बारे में
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने प्रशासन से लेकर आम आदमी तक के हाथ पैर फुला दिए हैं। आलम यह आ गया है कि इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए न केवल लोग खुद ही दवाइयों का सेवन कर रहे हैं। बल्कि कोई भी एक्सरसाइज कर रहे हैं ताकि उनका ऑक्सीजन लेवल सही बना रहे। ज्ञात हो कि कोरोना वायरस व्यक्ति के लंगस को प्रभावित करता है जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत आती है।
ऐसे में लोग कोरोना से संक्रमित होने पर और रिकवरी के दौरान ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए कई तरह के योग और एक्सरसाइज का सहारा ले रहे हैं। जिनमें से कुछ बेहद फायदेमंद हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो आपकी स्थिति को ना केवल बिगाड़ सकते हैं बल्कि आपको दूसरी समस्याओं में भी डाल सकते हैं। आज हम आपको ऐसी ही तीन एक्सरसाइज के बारे में बता रहे हैं जो आपको रिकवरी या संक्रमित होने के दौरान बिलकुल नहीं करनी है।
(फोटो साभार: istock by getty images)
कपालभाति
कपालभाति दो शब्दों के जोड़ से बना है। पहला कपाल जिसका अर्थ होता है स्कल, और दूसरा भाति जिसका मतलब है शाइनिंग।आपने कपालभाति योग को टीवी वगैरह में अक्सर योग गुरुओं को करते हुए देखा होगा। लेकिन कोविड के दौरान यह आसन करने से आपको बचना होगा। यह योगासन शरीर को गर्म करने का कार्य करता है। साथ ही यह शरीर से टॉक्सिन्स और वेस्ट पदार्थों को भी खत्म करता है। इस आसन को करने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है साथ ही इसकी वजह से किडनी और लीवर भी सही तरह से कार्य करते हैं।
लेकिन इस तरह की एक्सरसाइज आपके अंदरूनी अंगों पर अधिक दबाव डालते हैं। इसलिए ही अस्थमा, हृदय रोग और रेस्पिरेटरी संबंधित समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति को इस योगासन को ना करने की सलाह दी जाती है। वहीं अगर आप यह आसन कोविड वायरस से संक्रमित होने के दौरान करते हैं तो इससे आप बेहोश भी हो सकते हैं, साथ ही यह दूसरी अन्य समस्या भी पैदा कर सकता है। इसके अलावा अगर आपको हाई बीपी और अल्सर की समस्या है तो भी कपालभाति को करने से बचें।
मूर्छा प्राणायाम
मूर्छा का अर्थ होता है बेहोशी। इस आसन को मूर्छा प्राणायाम इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे करने से व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है। इसलिए इसे बहुत सावधानी से करना चाहिए। यह एक ऐसा आसन है जिसमें सांस धीरे धीरे लेनी होती है और लंबे समय तक होल्ड करना होता है। यह एक एडवांस ब्रीथिंग एक्सरसाइज है।
इसलिए मूरछा प्राणायाम केवल तभी करना चाहिए जब आप बेसिक ब्रीथिंग एक्सरसाइज में महारत हासिल कर चुके हों। वहीं अगर आप कोरोना वायरस से ठीक होकर आए हैं या फिर रिकवर हो रहे हैं तो आपको मूर्छा प्राणायाम बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। इसे करने से न केवल आप बेहोश हो सकते हैं। बल्कि आपके कमजोर पड़े फेफड़ों पर इसका अधिक बुरा असर भी पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं।
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम देखने में भले ही कपालभाति जैसा दिखाई देता हो। लेकिन यह उससे काफी अलग है। इस ब्रीथिंग एक्सरसाइज के दौरान व्यक्ति को जल्दी जल्दी सांस लेनी और छोड़नी होती है। ठीक वैसे ही जैसे एक लोहार निरंतर बिना रुके फूंकनी को फूंक मारता है। दिखने में बेहद साधारण सी यह एक्सरसाइज आपके शरीर में अधिक गर्मी पैदा कर देती है। साथ ही यह आपके फेफड़ों पर भी दबाव बना देती है।
जिसकी वजह से कई बार तो एक सेहतमंद व्यक्ति भी बेहोश हो सकता है। ऐसे में अगर आप कोरोना वायरस से संक्रमित हो तो इस आसन को बिल्कुल ना करें। क्योंकि यह आपके फेफड़े पर अधिक दबाव बना सकती है जो आपकी स्थिति को बिगाड़ सकता है।
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