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Thursday, May 27, 2021

पुरुषों की सेक्स लाइफ को भी इफेक्ट कर रहा कोविड-19 संक्रमण, शोध में हुआ खुलासा

ectile dysfunction in Covid: कोरोना वायरस ने भारत सहित दुनिया भर के तमाम देशों में तबाही मचाई हुई है। कोविड की दूसरी लहर पिछले वायरस की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है। इसकी चपेट में आने वाले लोगों के न सिर्फ फेफड़े क्षतिग्रस्त होते हैं बल्कि शरीर के दूसरे अंगों को भी ये वायरस बुरी तरह से प्रभावित करता है। वायरस रिकवरी के बाद भी लोगों में कई तरह की बीमारियां छोड़ रहा है। कोविड का मरीज ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस, हैप्पी हाइपोक्सिया (happy hypoxia), साइटोकाइन स्टॉर्म से लेकर निमोनिया (pneumonia) की चपेट में आ रहा है। अब इस बीमारी को लेकर एक और नई समस्या सुनने में आ रही है। हाल के अध्ययनों में से एक में पाया गया कि COVID-19 इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) का कारण बन सकता है और प्रजनन क्षमता (fertility) को प्रभावित कर सकता है। आसान भाषा में इसे नपुंसकता कहते हैं जिससे पीड़ित लोगों में सेक्स के दौरान इरेक्शन नहीं होता है। आइए, जानते हैं कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन को कैसे प्रभावित करता है कोरोना और क्या कहता है शोध...(फोटो साभार: istock by getty images)

Erectile dysfunction in Covid: कोरोना वायरस की दूसरी लहर से संक्रमित लोगों में अब तक ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस, हैप्पी हाइपोक्सिया और निमोनिया की शिकायत आ रही हैं। लेकिन अब पता चला है कि कुछ लोगों की सेक्स लाइफ पर भी कोविड-19 का असर पड़ रहा है। इससे तमाम लोगों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता की समस्या जन्म ले रही है।


Men's Health in Covid: पुरुषों की सेक्स लाइफ को भी इफेक्ट कर रहा कोविड-19 संक्रमण, शोध में हुआ खुलासा

ectile dysfunction in Covid: कोरोना वायरस ने भारत सहित दुनिया भर के तमाम देशों में तबाही मचाई हुई है। कोविड की दूसरी लहर पिछले वायरस की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है। इसकी चपेट में आने वाले लोगों के न सिर्फ फेफड़े क्षतिग्रस्त होते हैं बल्कि शरीर के दूसरे अंगों को भी ये वायरस बुरी तरह से प्रभावित करता है। वायरस रिकवरी के बाद भी लोगों में कई तरह की बीमारियां छोड़ रहा है। कोविड का मरीज ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस, हैप्पी हाइपोक्सिया (happy hypoxia), साइटोकाइन स्टॉर्म से लेकर निमोनिया (pneumonia) की चपेट में आ रहा है।

अब इस बीमारी को लेकर एक और नई समस्या सुनने में आ रही है। हाल के अध्ययनों में से एक में पाया गया कि COVID-19 इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) का कारण बन सकता है और प्रजनन क्षमता (fertility) को प्रभावित कर सकता है। आसान भाषा में इसे नपुंसकता कहते हैं जिससे पीड़ित लोगों में सेक्स के दौरान इरेक्शन नहीं होता है। आइए, जानते हैं कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन को कैसे प्रभावित करता है कोरोना और क्या कहता है शोध...

(फोटो साभार: istock by getty images)



​कोविड मरीज में कैसे हो सकती नपुंसकता की समस्या
​कोविड मरीज में कैसे हो सकती नपुंसकता की समस्या

COVID-19 इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) को लेकर जब तमाम लोगों ने रिकवरी के बाद शिकायत तो इस पर वैज्ञानिकों ने एक शोध किया। हाल ही में हुए एक शोध में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि कोरोना संक्रमण लोगों को कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (cardiovascular system) यानी हृदय प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है।

यह शोध इटली के पुरुषों पर किया गया है जिसमें पता चला कि

कोरोना वायरस

लोगों के कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को क्षतिग्रस्त कर देता है। ऐसी स्थिति में शरीर के अंदर मौजूद रक्त वाहिकाएं (Blood vessels) श्रिंक यानी सिकुड़ हो जाती हैं जिस वजह से पुरुषों के लिंग में खून का बहाव रुक जाता है और इसी कारण उन्हें इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्या आ रही है। आसान भाषा में कहें वे ठीक से सेक्स नहीं कर पाते हैं।

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​भारत में भी आ चुके इरेक्टाइल डिसफंक्शन के केस
​भारत में भी आ चुके इरेक्टाइल डिसफंक्शन के केस

वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेन्स हेल्थ में प्रकाशित एक दूसरे अध्ययन में ये पाया गया कि पुरुषों में शुरुआती संक्रमण के बाद लंबे समय तक कोरोना वायरस लिंग (Penis) में मौजूद रहता है, लिहाजा इससे भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो जाती है।

शोध में पाया गया कि COVID-19 से एंडोथेलियल सेल डिसफंक्शन पुरुषों में

इरेक्टाइल डिसफंक्शन

का कारण बन सकता है। भारत में भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कई मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, अभी तक इस पर कोई व्यापक शोध नहीं हुआ है जिससे इसके बारे में सटीक जानकारी मिल सके कि ये समस्या कोविड संक्रमण के कारण ही हो रही है।

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​अकेला कोविड-19 संक्रमण नहीं इरेक्टाइल डिसफंक्शन की वजह
​अकेला कोविड-19 संक्रमण नहीं इरेक्टाइल डिसफंक्शन की वजह

शोध में यह भी पाया गया कि अकेला COVID-19 संक्रमण पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन पैदा करने के लिए जिम्मेदार नहीं है। कई लोगों को ये समस्या महामारी में ज्यादा तनाव, किसी चीज को लेकर अधिक चिंता, अकेलेपन और वित्तीय संघर्षों यानी आर्थिक तंगी के कारण भी देखने को मिल रही है। इस प्रकार से इंसान को अपना दिमागी संतुलन को भी ठीक रखना सुनिश्चित सुनिश्ति करना चाहिए।

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​किन लोगों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा
​किन लोगों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा

शोध के अनुसार, चिंता, तनाव और अकेलेपन से जूझ रहे लोगों के अलावा इरेक्टाइल डिसफंक्शन उन पुरुषों में अधिक होता है जिन्हें उच्च रक्तचाप (hypertension) हृदय रोग और मधुमेह (diabetes) जैसी बीमारियां होती हैं।



​इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज
​इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज

इस समस्या का ट्रीटमेंट आप खुद भी सकते हैं। अगर अपने डेली रूटीन वाली लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव लाते हैं तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से बचा सकता है। यह तभी संभव है जब आप स्वयं खुश रहेंगे और अपने पार्टनर के साथ बेहतर संबंध बनाने की कोशिश करेंगे। आपको अपनी लाइफ से नेगेटिविटी दूर करनी होगी। इस तरह के संबंध में सकारात्मक मानसिकता आपके लिए मददगार हो सकती है।

इस आर्टिकल को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां

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