डायबिटीज महिला और पुरुष दोनों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। इस बीमारी से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए और समय पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, वर्तमान में दुनिया भर में 42.5 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। यह संख्या 2045 तक बढ़कर 62.9 करोड़ होने की उम्मीद है। हम सभी जानते हैं कि डायबिटीज हमें कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि यह बीमारी पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है।
यह अंतर हार्मोन, जीवनशैली की आदतों, जटिलताओं की शुरुआत, इलाज के प्रति गंभीरता, पोषण, तनाव और पर्यावरण सहित कई कारकों पर निर्भर करता है। डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो जीवन भर परेशान करती है। आइए जानते हैं डायबिटीज पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरीके से कैसे प्रभावित करता है।
डायबिटीज महिलाओं को कैसे प्रभावित करता है?
आमतौर पर परिवार में दूसरों की देखभाल करते समय, महिलाएं अक्सर अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करती हैं। यही कारण है कि महिलाएं अपने ब्लड शुगर के स्तर पर ध्यान नहीं देती हैं और ना ही समय पर जांच कराती है।
स्टडी के अनुसार, पुरुषों की अपेक्षा डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में हृदय रोग होने की संभावना चार गुना अधिक होती है। स्टडी के मुताबिक, महिलाओं को डायबिटीज, किडनी की बीमारी और डिप्रेशन जैसी अन्य डायबिटीज संबंधी जटिलताओं का भी खतरा है।
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जेस्टेशनल डायबिटीज से बढ़ता है जोखिम
यह पाया गया है कि डायबिटीज से निपटने में अक्सर महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा दो गुने अधिक अवसाद का अनुभव करती हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि महिलाएं इसे परिवार और करियर के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के बीच एक अतिरिक्त बोझ समझती हैं। गर्भावस्था के दौरान होने वाला डायबिटीज यानी जेस्टेशनल डायबिटीज मां और बच्चे के लिए खतरा पैदा कर सकता है। साथ ही, टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में खाने से संबंधी विकार पाया जाता है जो पुरुषों में नहीं देखा जाता है।
डायबिटीज पुरुषों को कैसे प्रभावित करता है?
महिलाओं की अपेक्षा अधिक संख्या में पुरुष इस बीमारी का निदान नहीं कराते हैं क्योंकि वे डॉक्टर के पास जाने से बचते हैं। पुरुषों को इस तथ्य को स्वीकार करना पसंद नहीं है कि वे बीमार हैं। यह पाया गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में टाइप 1 और टाइप 2 दोनों डायबिटीज अधिक आम है। इसका अर्थ यह है कि महिलाओं की तुलना में अधिक संख्या में पुरुष डायबिटीज से पीड़ित होते हैं।
पुरुषों को हो सकती हैं ये समस्याएं
डायबिटीज पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करता है। समय पर इलाज न होने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी हो सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य जटिलताएं भी हो सकती हैं:
डायबिटीज ओवरएक्टिव ब्लैडर (बार-बार पेशाब महसूस होना) की समस्या पैदा कर सकता है।
पुरुषों में इनकॉन्टिनेंस (पेशाब का रिसाव)
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई)
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लेकिन अच्छी बात यह है कि इन सभी जटिलताओं को उचित दवा और जीवन शैली में बदलाव करके आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
हालांकि डायबिटीज महिला और पुरुष दोनों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। इस बीमारी से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए और समय पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इससे इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
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