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Thursday, April 1, 2021

हल्‍के में लेंगे तो लिवर तक डैमेज कर सकती है ये बीमारी

एक उम्र के बाद लोगों में फैटी लिवर की समस्या होने लगती है। अधिकांश लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं दिखते और यह उन्हें कोई गंभीर समस्या भी नहीं होती। लेकिन फिर भी कुछ मामलों में लापरवाही बरतने पर लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। अच्छी बात ये है कि सामान्य तौर पर आप अपनी जीवनशैली में बदलाव के साथ फैटी लिवर की बीमारी को रोक सकते हैं।फैटी लिवर एक सामान्य स्थिति है, जो आपके लीवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा होने के कारण होती है। यह फैट समस्या तब बन जाता है जब यह आपके लिवर के वजन के 5 से 10 प्रतिशत तक पहुंच जाए। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए लिवर तमाम काम करता है। जैसे शरीर के लिए प्रोटीन का निर्माण, पाचन के लिए पित्त का उप्तादन करना, पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदलना। इतना ही नहीं लिवर प्रतिरक्षा कारकों को बनाने और बैक्टीरिया व विषाक्त पदार्थों को खून से निकालकर संक्रमण से लडऩे में भी मदद करता है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम फैटी लिवर डिजीज से जुड़ी सभी बातों पर चर्चा करेंगे।

फैटी लिवर की बीमारी लिवर में अतिरिक्त फैट के जमा होने पर होती है। लेकिन अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर आप इस बीमारी को रोक सकते हैं।


हल्‍के में लेंगे तो लिवर तक डैमेज कर सकती है ये बीमारी, जानें Fatty liver disease के बारे में सब-कुछ

एक उम्र के बाद लोगों में फैटी लिवर की समस्या होने लगती है। अधिकांश लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं दिखते और यह उन्हें कोई गंभीर समस्या भी नहीं होती। लेकिन फिर भी कुछ मामलों में लापरवाही बरतने पर लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। अच्छी बात ये है कि सामान्य तौर पर आप अपनी जीवनशैली में बदलाव के साथ फैटी लिवर की बीमारी को रोक सकते हैं।

फैटी लिवर एक सामान्य स्थिति है, जो आपके लीवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा होने के कारण होती है। यह फैट समस्या तब बन जाता है जब यह आपके लिवर के वजन के 5 से 10 प्रतिशत तक पहुंच जाए। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए लिवर तमाम काम करता है। जैसे शरीर के लिए प्रोटीन का निर्माण, पाचन के लिए पित्त का उप्तादन करना, पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदलना। इतना ही नहीं लिवर प्रतिरक्षा कारकों को बनाने और बैक्टीरिया व विषाक्त पदार्थों को खून से निकालकर संक्रमण से लडऩे में भी मदद करता है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम फैटी लिवर डिजीज से जुड़ी सभी बातों पर चर्चा करेंगे।



फैटी लिवर डिजीज के कारण
फैटी लिवर डिजीज के कारण

कई लोगों को पहले से मौजूद स्थितियों के बिना ही फैटी लिवर की बीमारी हो जाती है। लेकिन ये जोखिम कारक आपको इसे विकसित करने की संभावना बढ़ा देते हैं।

मोटापा या अधिक वजन होना

टाइप 2 डायबिटीज होना

मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम हेाने की वजह से

फैटी लिवर की बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके यहां जानें



फैटी लिवर के लक्षण
फैटी लिवर के लक्षण

वैसे तो फैटी लिवर की बीमारी वाले लोगों में कोई खास लक्षण नहीं होते। लेकिन जब बीमारी सिरोसिस की तरफ बढऩे लगे, तो इसके लक्षणों को पहचनना बहुत जरूरी हो जाता है।

पेट में दर्द या पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में भरा हुआ महसूस होना

मतली, भूख न लगना, वजन कम होना

त्वचा का पीला होना और आंखों का सफेद होना

पेट और पैरों में सूजन आना

ज्यादा थकान या मानसिक उलझन होना

कमजोरी महसूस होना



फैटी लिवर डिसीज के प्रकार
फैटी लिवर डिसीज के प्रकार

फैटी लिवर डिसीज दो प्रकार की होती है-

अल्कोहोलिक लिवर डिसिज - यह बीमारी जरूरत से ज्यादा शराब का सेवन करने पर होती है। जो लोग भारी मात्रा में शराब पीते हैं, उनके लिवर में सिकुडऩ आ जाती है। अमेरिका में लगभग 5 प्रतिशत लोगों को यह बीमारी है।

नॉन- अल्कोहोलिक लिवर डिसीज- नॉन- अल्कोहोलिक लिवर डिसीज उन लोगों को होती है,जो भारी मात्रा में शराब नहीं पीते हैं। हालांकि शोधकर्ता अब तक इसके सही कारण नहीं बता पाए हैं। लेकिन मोटाप और मधुमेह आपके इस जोखिम को बढ़ा सकते हैं।



क्या फैटी लिवर रोग खतरनाक है
क्या फैटी लिवर रोग खतरनाक है

देखा जाए, तो यह गंभीर बीमारी नहीं है। लेकिन अगर बढ़ जाए तो ये आपका लिवर तक डैमेज कर सकती है। 7 से 10 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनके लिए फैटी लिवर की समस्या समय के साथ बीमारी का रूप ले लेती है। यह बीमारी तीन चरणों में आगे बढ़ती है-

लिवर में सूजन आ जाती है, जिससे ऊतक को नुकसान पहुंचाता है। इस स्टेज को "स्टीटोहेपेटाइटिस" कहा जाता है।

जहां से आपका लिवर डैमेज होता है, वहां निशान बन जाते हैं। इस प्रक्रिया को "फाइब्रोसिस" कहते हैं।

व्यापक निशान ऊतक एक स्वस्थ ऊतक की जगह ले लेता है। इस स्टेज को लिवर सिरोसिस " कहा जाता है। सिरोसिस से लिवर फेलियर और लिवर कैंसर तक हो सकता है।

फैटी लिवर की समस्या से निजात पाने के आसान घरेलू उपाय



फैटी लीवर की बीमारी किसे हो सकती है
फैटी लीवर की बीमारी किसे हो सकती है

पोस्ट मेनोपॉज से गुजर रही महिला को

बैली फैट के साथ मोटापा बढ़ने वाले लोगों को

जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत रहती है।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से ग्रसित लोगों को भी यह समस्या हो सकती है।



फैटी लिवर रोग का निदान कैसे होता है
फैटी लिवर रोग का निदान कैसे होता है

लिवर की स्थिति देखने के लिए अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन कराने के लिए कहा जाता है।

लीवर की बीमारी कहां तक पहुंची है, यह जानने के लिए लिवर बायोप्सी कराई जाती है। कुछ स्थितियों में डॉक्टर्स फाइब्रोस्कैन कराने का सुझाव देते हैं। यह एक ऐसा अल्ट्रासाउंड है, जो लिवर में फैट और स्कार टिशू की मात्रा का पता लगाता है।



फैटी लिवर डिसीज को रोकने के उपाय
फैटी लिवर डिसीज को रोकने के उपाय

शरब से परहेज करें।

वजन घटाएं

डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए दवा लें

नियमित रूप से व्यायाम करें

सोने से पहले गर्म दूध में मिलाकर पिएं 1 चम्‍मच सौंफ, म‍िलेंगे ये 10 अचूक फायदे

फैटी लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए धीरे-धीरे वजन कम करें। इसके लिए आपको संतुलित आहार का पालन करना होगा। तेजी से वजन कम करना आपके फैटी लिवर की बीमारी को और भी बदतर बना सकता है। फैटी लीवर बढऩे की स्थिति में डॉक्टर्स सब्जी और फलों से भरपूर मेडिटेरेनियन फूड का सेवन करने की सलाह देते हैं।





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