अगर आप डायबिटीज में जरा से चावल ले लेते हैं, तो यह भी आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। बेहतर है या तो आप सफेद चावल से परहेज करें या फिर ब्राउन राइस का ऑप्शन चुनें।
डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने-पीने का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। उनके लिए कुछ खाद्य पदार्थ प्रतिबंधित होते हैं। कार्बोहाइड्रेट एडिटिव्स और ग्लासेमिक स्तर के कारण कुछ खाद्य पदार्थों को खाने की मनाही होती है। जिनमें से चावल एक है। सफेद चावल अपने हाई ग्लासेमिक इंडेक्स के लिए जाने जाते हैं, जिसे खाने से शुगर लेवल बढ़ता है। इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, फाइबर और पॉलीफेनॉल्स की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए डायबिटिक पेशंट ने अगर भूल से भी चावल खा लिए, तो उसके परिणाम बहुत बुरे होते हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि सफेद चावल का अधिक मात्रा में सेवन करने से मधुमेह का खतरा 11 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। वहीं एक अन्य अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया है कि जिन व्यक्तियों ने सफेद चावल के बजाय ब्राउन राइस खाएं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा काफी कम हो गया। लेकिन अगर आप चावल लेना ही चाहते हैं, तो डायबिटिक फ्रेंडली चावल का विकल्प चुन सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि डायबिटीज में चावल खाने से क्या हो सकता है ।
कार्बोहाइड्रेट डायबिटीज के मरीजों को कैसे प्रभावित करता है?
कार्बोहाइड्रेट डायबिटीज के मरीज के लिए हानिकारक है। जब मरीज द्वारा चावल का सेवन किया जाता है, तो भोजन के बाद ग्लूकोज लेवल एकदम से बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। इसलिए अगर आपको डायबिटीज है, तो देखना जरूरी है कि आप कितना कार्बोहाइड्रेट ले रहे हैं।
टाइप - 1 डायबिटीज वाले लोगों के लिए अग्राशय इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता, इसलिए भोजन में काब्र्स इंटेक का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए शरीर इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी है और रक्त शकर्रा में वृद्धि के लिए पर्याप्त उत्पादन नहीं कर सकता, इसलिए इन लोगों को एक समय में बहुत सारे कार्ब लेने के बजाए पूरे दिन कार्बोहाइड्रेट खाने की सलाह दी जाती है।
घर में है अगर कोई Type-2 diabetes का रोगी, तो फॉलो करवाएं ये डाइट प्लान; कंट्रोल रहेगा ब्लड शुगर
मधुमेह में चावल का सेवन किया तो
मधुमेह में चावल का सेवन किया जाए, तो यह समझना बेहद जरूरी है कि शरीर कैसी प्रतिक्रिया करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक कप सफेद चावल में 53.4 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। जब डायबिटिज से ग्रसित व्यक्ति कार्बोहाइड्रेट युक्त पेय या खाद्य पदार्थों का सेवन करता है, तो यह ग्लूकोज में टूट जाता है और शरीर के ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि हो जाती है। रिसर्च पॉपुलेशन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट, हैमिल्टन हेल्थ साइंसेस और मैक मास्टर यूनिवर्सिटी कनाडा ने मिलकर एक रिसर्च की है। 10 साल की रिसर्च के बाद सामने आया है कि दक्षिण एशियाई लोग एक दिन में 630 ग्राम तक चावल खाते हैं, जो डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ाता है।
डायबिटीज में सफेद चावल न खाएं, तो क्या खाएं
डायबिटीज के मरीज को भूलकर भी चावल नहीं खाना चाहिए। खासतौर से सफेद चावल। दरअसल, सफेद चावल को चमकदार बनाने के लिए इसमें पॉलिशिंग की जाती है। जिससे इसमें मौजूद विटामिन बी जैसे कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। यदि संभव हो, तो ब्राउन राइस का ऑप्शन चुनें। ब्राउन राइस उच्च सामग्री (फाइबर, विटामिन , मिनरल , मल्टीपल न्यूट्रिएंट्स) के कारण टाइप टू के मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए जाना जाता है।
Diabetes में आजमाएं ये कुदरती चीजें, आयुर्वेद भी करता है इनपर भरोसा
जहां सफेद चावल में कैलोरी की अधिक मात्रा सेहत को नुकसान पहुंचाती है, वहीं ब्राउन राइस लेने से शरीर को पर्याप्त कैलोरी मिलती है। इसके अलावा आप वाइल्ड राइस, जैसमीन राइस और बासमती राइस का विकल्प भी चुन सकते हैं।
from Health Tips in Hindi , natural health tips in hindi, Fitness tips, health tips for women - डेली हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स फॉर वीमेन | Navbharat Times https://ift.tt/39VBQ4L
via IFTTT
No comments:
Post a Comment