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Wednesday, April 14, 2021

बीमारियों से बचना है तो चीनी की जगह करें देसी खांड का प्रयोग, होंगे ये फायदे

भारत में हर शुभ अवसर पर मीठा बनाने और खिलाने की परंपरा है। यह रिवाज आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से चला आ रहा है। इंडियन डेजर्ट में मीठा खान-पान का अलग ही अपना मजा है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक शुगर हमारी सेहत के लिए हानिकारक भी होती है। चीनी से बनी मिठाई हर किसी को पसंद है और इसके टेस्ट के आगे अब लोगों ने पाररंपरिक खांड का सेवन करना भी बंद कर दिया है। बहुत कम लोगों को ये जानकारी है कि देसी खांड चीनी से कहीं ज्यादा लाभकारी है। खांड (Desi Khan) के सेवन से हमारी सेहत को कई फायदे हैं जबकि चीनी कई मामलों में खतरनाक है। 1. चीनी से कहीं लाभकारी है खांड कभी-कभी मीठा खाने की क्रेविंग होती है तो हम अधिकतर चीनी से बनी चीजों का सेवन करते हैं जिसके बाद कुछ देर तक अच्छा फील होता है। लेकिन असल में थोड़ी देर की क्रेविंग शांत करने के लिए हम अपनी सेहत की फिक्र नहीं करते। चीनी की वजह से ही डायबिटीज यानी ब्लड शुगर का लेवल गड़बड़ा जाता है और इसके बाद आप कई दूसरी बीमारियों को भी न्यौता दे देते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप चीनी की बजाए देसी खांड का प्रयोग करें। यहां हम आपको बता रहे हैं। 2. पोषक तत्वों का भंडार है खांड पारंपरिक देसी खांड में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसमें न्यूट्रिशन (प्रति 100 ग्राम), कैल्शियम- 12 mg, मैग्नीशियम- 2 mg, पोटैशियम- 29 mg और आयरन- 0.37 mg होता है। कैल्शियम से आपकी हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं और साथ ही आपका दिमाग भी दुरुस्त रहता है। मैग्नीशियम नसों और मांसपेशियों के लिए लाभकारी होता है और साथ ही इससे भी हड्डियों में मजबूती आती है। वहीं इंसुलिन के स्राव में भी मैग्नीशियम आवश्यक है। खांड में फाइबर भी होता है जो कि पेट की सफाई के साथ-साथ हेल्दी गट बैक्टीरिया को बनाये रखने में मददगार है। खांड में मौजूद आयरन खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा के लिए जरूरी है। आपको बता दें कि आयरन की कमी एनीमिया नाम की बीमारी का कारण बनती है लेकिन खांड इससे छुटकारा दिला सकता है। 3. खांड से तैयार हो सकते हैं ये पकवान ग्रहणियां खांड का सेवन भी अपने घर में चीनी की तरह कर सकते हैं। इससे आप लस्सी, खीर, हलवे, चाय, दूध, और भी तमाम तरह की मिठाइयां बना सकते हैं। देश के दूर दराज इलाकों में आज भी देसी खांड से मेथी और सोंठ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं। सर्दियों में गर्माहट लाने के लिए अक्सर दादी-नानी देसी खांड से ही मिठाइयां बनाती हैं। 4. कैसे तैयार होता है खांड गुड़ और चीनी तरह देसी खांड भी गन्ने के रस से ही बनता है। लेकिन शक्कर को काफी बार रिफाइन किया जाता है जबकि देसी खांड को नहीं और यही वजह है कि ये सेहत के लिए लाभकारी है। देसी खांड को बिना केमिकल के तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले गन्ने के रस को गर्म करके लगभग 3 दिनों तक मशीन के जरिए हिलाया जाता है। इसके बाद देसी गाय के दूध से इसका मैल अलग किया जाता है। फिर देसी घी में खांड की काफी देर तक घुटाई की जाती है। बता दें कि किसी भी खाद्य पदार्थ को जितना अधिक बार रिफाइन करेंगे उतने ही उसके पोषक तत्वों में कमी होती जाएगी। चीनी के बार-बार रिफाइन होने से उसमें फाइबर भी कम हो जाता है वहीं देसी खांड सारे पोषक तत्वों से पूर्ण होता है। देसी खांड में किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और इसीलिए ये चीनी से बेहतर विकल्प होता है। वजन घटाने में मददगार देसी खांड न सिर्फ आपको डायबिटीज, जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से बचाता है बल्कि ये वजन घटाने में भी कारगर है।


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