गले में खराश को दूर करने के लिए अदरक बहुत फायदेमंद है। लेकिन ये जानना जरूरी है कि अदरक से खराश का इलाज कैसे होता है। साथ ही इसका सेवन करने के कई तरीके हैं, जिसके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए।
आप शायद न जानते हों, लेकिन अदरक एक जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग भारतीय व्यंजनों में होता है। सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि अदरक को इसके औषधीय लाभ के लिए भी जाना जाता है। ज्यादातर लोग अदरक का उपयोग जुकाम और गले में खराश के घरेलू उपचार के रूप में करते हैं।
बता दें कि अदरक बारहमासी पौधे जिंजीबर ऑफिशल की जड़ है। गठिया से लेकर पेट दर्द तक के इलाज के लिए सदियों से अदरक को हर्बल उपचार के रूप में इस्तेमाल किया है। जरा सी खांसी या जुकाम होने पर अक्सर लोग अदरक का इस्तेमाल आज भी करते हैं। अदरक दो तरह से गले में खराश का इलाज करता है। एक तो यदि इसका सेवन किया जाए, तो यह दर्द से राहत देता है और दूसरा संक्रमण से लडने में मददगार है। वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि अदरक में मौजूद औषधीय गुण गले में खराश के लक्षणों को कम कर सकते हैं। यहां हम आपको बताते हैं कि अदरक कैसे गले की खराश को दूर करता है और इसका सेवन कैसे किया जा सकता है। (फोटो साभार: istock by getty images)
प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाए-
आपकी
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने
में अदरक कमाल कर सकता है। गले में खराश एक वायरस की वजह से होती है। बता दें कि दवाइयां इसे नहीं मार सकतीं, लेकिन अदरक इस वासरस को नष्ट करने का एक बेहतरीन तरीका है। एक लैबोरेट्री रिसर्च से पता चला है कि अदरक वायरस को मारने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर अदरक को एक पेन रिलीव बनाता है।
अदरक के औषधीय गुण-
अदरक में फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। इस जड़ी-बूटी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेट्री और एंटीबैक्टीरियल गुण बैक्टीरिया के संक्रमण से लडऩे में मदद करते हैं। एक टेस्ट ट्यूब अध्ययन के अनुसार, 10 प्रतिशत अदरक का अर्क स्टेप्टोकोकस म्यूटन्स के विकास को रोक सकता है। बता दें कि ये ओरल इंफेक्शन के लिए जिम्मेदारी माइक्रोऑर्गेनिज्म हैं।
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एंटीइंफ्लेमेट्री इफेक्ट-
अदरक अपने एंटी इंफ्लेमेट्री गुणों के लिए जाना जाता है। गले में खराश होने पर दर्द हो, तो संभव है कि गले में सूजन और खुजली होगी। ऐसा अदरक द्वारा शरीर में प्रो-इंफ्लेमेट्री प्रोटीन को ब्लॉक करने से होता है। इस संबंध में दो अलग-अलग रिसर्च की गई। इसमें पता चला है कि अदरक टॉन्सिालिटिस के दर्द में बढिय़ा देसी इलाज है। अध्ययन में टॉन्सिल्स वाले प्रतिभागियों को अदरक के सेवन के बाद टॉन्सिल्स के दर्द में बहुत आराम मिला।
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अदरक एंटीवायरल है-
टेस्ट ट्यूब अध्ययनों के अनुसार अदरक एंटीवायरल गुणों को प्रदर्शित करता है। सूखे अदरक के बजाय ताजा अदरक श्वसन वायरस से लडने के लिए फायदेमंद है। 2013 के एक लैबोरेट्री रिसर्च में सामने आया है कि ताजा अदरक में श्वसन संक्रमण के मॉडल में एंटीवायरल प्रभाव थे। जबकि सूखा अदरक का कोई असर नहीं हुआ।
गले में खराश को ठीक करने के लिए अदरक का सेवन करने के तरीके-
कच्चा अदरक खाएं-
कच्चा अदरक सब्जी की दुकानों पर आसानी से मिल जाता है। आप इसकी बाहरी छाल को हटाकर इसका उपयोग चाय में या फिर सब्जी बनाने में कर सकते हैं। इसके अलावा अदरक का एक इंच टुकड़ा चबाना भी गले में खराश से राहत दिला सकता है।
गोली के रूप में-
मेडिकल की दुकान पर गले में खराश के लिए कई अदरक युक्त लोजेंज यानि गोलियां मिलती हैं। इन्हें लेने से पहले लेबल पर दिए दिशा-निर्देशों को पढ़ लेना चाहिए। इससे यह पता चलेगा कि जो उत्पाद आप खरीद रहे हैं, उसमें वाकई में अदरक है भी या नहीं।
अदरक की चाय-
जब कभी गले में खराश हो जाए, तो अदरक की चाय एक प्रभावी तरीका है। खराश के कारण गले में होने वाली सूजन को दूर करने में यह चाय बहुत असरदार है। एक कप पानी में दो चम्मच सूखे अदरक को उबालकर अदरक की चाय बना सकते हैं।
खराश हो जाए, तो इस चाय को दिन में दो से तीन बार पीएं।
चाय का स्वाद और औषधीय गुणों को बढ़ाने के लिए इसमें एक चम्मच शहद मिला सकते हैं।
किसे अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए-
अदरक की जड़ का सेवन वैसे तो सभी के लिए फायदेमंद और सुरक्षित है, लेकिन कुछ लोगों में यह एलर्जी का कारण बन सकता है। आपको बता दें, कि अदरक के साथ डॉक्टर द्वारा दी गई दवा लेना भी जरूरी है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि अदरक खाद्य पदार्थों और पेय में उपयोग करने के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।
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