सुबह-सुबह केवल 5 मिनट कपालभाति करने से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं। इसे करने से ब्लड सकुर्लेशन तो अच्छा होता है ही साथ ही दिमाग भी शांत रहता है।
योग आपके मन और शरीर को स्वस्थ रखने का बेहतरीन विकल्प है। इसे करने से पुराने से पुराना रोग भी चुटकियों में सही हो जाता है। अगर आप बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो कपालभाति जरूर ट्राई कीजिए। यह स्वयं में परिपूर्ण है। अगर इसे कर लिया जाए, तो शायद ही आपको कोई और आसन करने की जरूरत पड़े। इसके ढेरों फायदे हैं।
देखा जाए, तो कपालभाति किसी तरह का प्राणायाम नहीं है। यह एक क्लेजिंग टेक्नीक है, जिसे षट्कर्म के अनुसार योग में शामिल किया गया है। षट्कर्म वो क्रियाएं हैं, जिन्हें नियमित रूप से किया जाए, तो शरीर से 60 प्रतिशत विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। ये क्रिया सांस के साथ की जाती है, इसलिए इसे प्राणायम कहते हैं। यदि सही तरीके से किया जाए, तो यह आपके दिमाग को शांत रखने के साथ 100 से भी ज्यादा बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। अपने इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए नियमित रूप से कपालभाति करना फायदेमंद साबित होता है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कपालभाति करने के तरीके और इसके तमाम फायदों के बारे में।
कैसे करें कपालभाति-
कपालभाति करने के लिए सबसे पहले वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
इसके बाद अपने दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं। अब इसे अपने दोनों घुटनों पर रखें।
गहरी सांस अंदर की ओर लें और झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें। ऐसा कुछ मिनट तक लगातार करते रहें। एक बार में इसे 35 से लेकर 100 बार करें।
अगर आप कपालभाति की शुरुआत कर रहे हैं, तो 35 से शुरू करें और दिन के हिसाब से इसे बढ़ाते जाएं।
कपालभाति करने के बाद थोड़ी देर तक ताली बजाएंगे, तो ज्यादा फायदे मिलेंगे।
दोनों हाथों की उंगलियों को फैलाएं और तीन बार ताली बजाकर दोनों हाथों को कंधे के समान ले जाकर स्ट्रेच करें और फिर ताली बजाएं। यह प्रक्रिया कम से कम 10 बार दोहराएं और फिर स्पीड बढ़ा लें।
अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखेंगे तो आपको शरीर में वाइब्रेशन महसूस होगा। जो विषाक्त पदार्थों के बाहर निकलने का संकेत है। ये वाइब्रेशन आपके दिमाग को अच्छा फील कराने में मदद करेगा।
इसे करने के बाद कुछ देर सुखासन में बैठकर अपने शरीर को ऑब्जर्व करें।
धीरे -धीरे गहरी लंबी सांस लें और सांस छोड़ें।
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कपालभाति के फायदे-
रोजाना कपालभाति करने से लिवर और किडनी से जुड़ी समस्या ठीक होती है।
शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद है।
नियमित रूप से कपालभाति करने से आंखों के नीचे कोले घेरों की समस्या भी खत्म हो जाएगी।
आपके ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने और मेटाबॉलिज्म में सुधार करने के लिहाज से कपालभाति बहुत फायदेमंद है।
गैस और एसिडिटी की समस्या में ये बहुत लाभदायक है।
इसमें सांस छोड़ने की प्रक्रिया करने से फफेड़े लंबे समय तक ठीक से काम करते हैं।
कपालभाति करने से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग भी तेजी से काम करता है।
इस प्राणायाम को करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
क्या बरतें सावधानियां-
कपालभाति करते समय अपनी सांस लेने की स्पीड को घटाए या बढ़ाए नहीं। एक समान रखें।
इसे करते समय आपका पूरा ध्यान पेट के मूवमेंट पर होना चाहिए , सांसों पर नहीं।
कपालभाति करते समय कंधे नहीं हिलने चाहिए।
सांस अंदर लेते वक्त पेट बाहर की ओर और सांस छोड़ते वक्त पेट अंदर की ओर होना चाहिए।
अगर आपको हार्निया , अल्सर , सांस की बीमारी या हाइपरटेंशन है, तो इसे करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
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