Diabetes diet: टाइप -2 डायबिटीज के रोगी अपना ब्लड शुगर लेवल आराम से कंट्रोल कर सकते हैं, यदि वह इस डाइट प्लान को अच्छी तरह से फॉलो करें।
खराब लाइफस्टाइल से जुड़ी एक खतरनाक बीमारी है टाइप -2 मधुमेह। जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित कर रखा है। यह दुर्भाग्य ही है कि भारत को दुनिया की डायबीटीज कैपिटल (मधुमेह की राजधानी) कहा जाता है। बावजूद इसके लोग अपने खान-पान और जीवनशैली में बिल्कुल भी बदलाव नहीं ला पा रहे हैं।
डायबिटीज व्यक्ति को हेल्थ से जुड़ी तमाम समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें से मोटापा, ब्लड प्रेशर, सूजन, आंखों की बीमारी, स्ट्रोक का जोखिम आदि शामिल हैं।इसलिए, अधिकांश लोगों को दवाओं पर रखा जाता है और जीवनशैली में बदलाव करने के लिए कहा जाता है, जिसमें आहार और व्यायाम शामिल हैं । यदि अपने आहार में कुछ छोटे-बड़े परिर्वतन कर लिए जाएं, तो टाइप -2 मधुमेह से काफी हद तक बचा जा सकता है। आज हम आपको ऐसा इंडियन डाइट प्लान (Indian diet plan) बताएंगे, जिसे आपको जरूर फॉलो करना चाहिए।
अपने दिन की शुरुआत कैसे करें?
मधुमेह के रोगियों को सुबह के समय सबसे पहले चाय या कॉफी लेने से बचना चाहिए, क्योंकि यह कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकती है। और साथ ही शुगर की रीडिंग को भी अस्थिर कर सकती है। इसके बजाय, दिन की शुरुआत एक गिलास गर्म पानी से करनी चाहिए। आप चाहें तो मेथी के बीज/जीरा/आंवला जैसी चीजों से डिटॉक्स वॉटर बना सकते हैं और उसके साथ मुट्ठीभर भीगे हुए नट्स ले सकते हैं। यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
(फोटो साभार: istock by getty images)
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नाश्ता
नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है, क्योंकि यह आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए जाना जाता है।
नाश्ते में आप दलिया, स्टील-कट ओट्स, स्मूदी, सब्जियों से भरी चपातियां या ताजे फलों का एक बड़ा कटोरा खा सकते हैं।
उबले अंडे भी एक अच्छा विकल्प है। यदि आप मांसाहारी हैं, तो चिकन ब्रेस्ट का सेवन करें।
हमेशा स्टार्चयुक्त आटा खाएं जैसे कि रागी से बनी इडली/डोसा/चीला/ साबुत गेहूं की रोटी आदि।
चिवड़ा/पोहा/उपमा जैसे स्वास्थ्यप्रद विकल्प भी हो सकते हैं।
एक दिन में 1-2 गिलास दूध पिएं। इसके अलावा दही और पनीर का भी सेवन करें।
मिड-मील स्नैक
यदि आपको भूख लगती है या आपके
में गिरावट महसूस होती है, तो अपने पास हेल्दी स्नैक्स रखें, जिसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स हों। यह नट्स और बीज हो सकते हैं, जो आपकी क्रेविंग को कम करने में मदद करेंगे।
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दोपहर का भोजन
दोपहर के लिए, यह सुनिश्चित करें कि आप अपना भोजन समय पर करें और इसमें देरी न करें। एक प्लेट में दाल के साथ पौष्टिक सब्जी शामिल करें। दाल में आप मूंग दाल का सेवन करें जो कि प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत हैं।
नॉन वेज खाते हैं, तो स्टीम्ड/ग्रिल्ड मीट या सीफूड भी चुन सकते हैं। एक कटोरी दही/रायता या एक गिलास छाछ भी नियमित रूप से ले सकते हैं। बस इसमें अतिरिक्त चीनी न डालने का ध्यान रखें।
यदि आप एक चपाती खाने वाले हैं, तो उसे
रागी, जौ, ज्वार के आटे से बनवाएं।
मधुमेह के रोगियों को सफेद चावल खाने से पूरी तरह से रोकना नहीं चाहिए। आप अपनी खाने की मात्रा को कम कर सकते हैं। सफेद की जगह
कभी कभार ब्राउन राइस या फिर क्विनोआ
जैसे विकल्पों को चुन सकते हैं।
मिड-मील स्नैक
लंच के बाद शाम को भूख लगे तो, आप कम दूध वाली चाय बिना चीनी के साथ या फिर थोड़ा सा गुड़ डालकर पी सकते हैं।
चिप्स, नमकीन, या बिस्कुट से दूरी बनाकर रखें।
रोस्ट किया चना, बाजरे का चूड़ा, दही या फल का भी सेवन कर सकते हैं।
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डिनर
रात के खाने में कम वसा वाले विकल्प जैसे ग्रील्ड पनीर/टोफू/चिकन/मछली या सोया व्यंजन भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा सूप या सलाद से भी पेट अच्छी तहर से भरा जा सकता है।
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