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Wednesday, March 31, 2021

दिल पर भारी पड़ सकती है मधुमेह की बीमारी, Diabetes रोगी यूं रखें ख्‍याल

डायबिटीज के बढने पर व्यक्ति को हार्ट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज और हार्ट डिसीज के बीच मजबूत कनेक्शन है। दोनों बीमारी बीपी, कोलेस्ट्रॉल और और मोटापे के बढने से होती हैं। इसलिए समय रहते अगर डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया गया, तो हार्ट डिसीज होना निश्चित है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिसीज (National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases) के अनुसार, हृदय रोग और स्ट्रोक डायबिटीज वाले लोगों में मौत होने की अहम वजह है। जानकर हैरत होगी, लेकिन डायबिटीज वाले लोगों में हृदय रोग से मरने की संभावना डायबिटीज न होने वाले लोगों की तुलना में दो से चार गुना ज्यादा है।ऐसा इसलिए क्योंकि मधुमेह से ग्रसित लोगों में उच्च रक्त शकर्रा का स्तर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने के अलावा सूजन बढ़ा सकता है और हृदय में सामान्य रूप से बहने वाले खून को बाधित कर सकता है। जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। तो चलिए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि आखिर मधुमेह और हृदय रोग के बीच क्या खास कनेक्शन है और मधुमेह हृदय को कैसे प्रभावित करता है।

डायबिटीज से ग्रसित मरीज को ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखना दिल की बीमारी के लिए बहुत जरूरी है। व्यायाम करने पर दिल की बीमारी से बचा जा सकता है।


दिल पर भारी पड़ सकती है मधुमेह की बीमारी, Diabetes रोगी यूं रखें ख्‍याल

डायबिटीज के बढने पर व्यक्ति को हार्ट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज और हार्ट डिसीज के बीच मजबूत कनेक्शन है। दोनों बीमारी बीपी, कोलेस्ट्रॉल और और मोटापे के बढने से होती हैं। इसलिए समय रहते अगर डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया गया, तो हार्ट डिसीज होना निश्चित है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिसीज (National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases) के अनुसार, हृदय रोग और स्ट्रोक डायबिटीज वाले लोगों में मौत होने की अहम वजह है। जानकर हैरत होगी, लेकिन डायबिटीज वाले लोगों में हृदय रोग से मरने की संभावना डायबिटीज न होने वाले लोगों की तुलना में दो से चार गुना ज्यादा है।

ऐसा इसलिए क्योंकि मधुमेह से ग्रसित लोगों में उच्च रक्त शकर्रा का स्तर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने के अलावा सूजन बढ़ा सकता है और हृदय में सामान्य रूप से बहने वाले खून को बाधित कर सकता है। जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। तो चलिए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि आखिर मधुमेह और हृदय रोग के बीच क्या खास कनेक्शन है और मधुमेह हृदय को कैसे प्रभावित करता है।



हृदय रोग क्या है
हृदय रोग क्या है

हृदय रोग का मतलब उन परिस्थितियों से है, जो हृदय को समूह में प्रभावित करती हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में हृदय रोग मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार, हर चार में से 1 मौत के लिए यह जिम्मेदार है। हृदय रोग का सबसे आम प्रकार कोरोनरी आर्टरी डिसीज है। जब हृदय को खून की आपूर्ति करने वाली धमनियां प्लैग से भर जाती हैं, तो यह रोग पैदा होता है। प्लैग धमनियों के कठोर होने का कारण बनती है।

इसे एथेरोस्कलेरोसिस के नाम से भी जाना जाता है। धमनियों के सिकुडने से हृदय में खून की कमी हो जाती है और आपका दिल ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भर जाता है। जो समय के साथ मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनता है। ऐसी ही स्थितियों में व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है।

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डायबिटीज और हार्ट का क्या कनेक्शन है?
डायबिटीज और हार्ट का क्या कनेक्शन है?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, डायबिटीज के पेशंट्स में डायबिटीज के बिना हृदय रोग से मरने वाले लोगो की संख्या दो से चार गुना ज्यादा है। आपको

बता दें, कि डायबिटीज के मरीजों में हृदय रोग से जुड़े कई जोखिम देखे जाते हैं- जैसे

हाई ब्लड प्रेशर- अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन यह कहती है कि हाई बीपी और डायबिटीज दोनों से ग्रसित व्यक्ति को हृदय रोग होने का खतरा दोगुना हो जाता है।

अनहेल्दी कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल - यह धमनियों में प्लैग का निर्माण करता है। इसके अलावा इंसुलिन प्रतिरोध विकसित करने में एक प्रमुख कारक है।

बीएमआई 30 से ज्यादा - जिन लोगों को मधुमेह और मोटापा दोनों है, उनमें वजन कम होने से हृदय संबंधी जोखिम कम हो सकता है।

अनहेल्दी फूड का सेवन- अधिक शक्कर, नमक, सैचुरेटेड और ट्रांसफैट व प्रोसेस्ड फूड से संबंधित आहार हृदय रोग और मधुमेह से जुड़ा हुआ है।

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डायबिटीज हृदय को कैसे प्रभावित करती है?
डायबिटीज हृदय को कैसे प्रभावित करती है?

गंभीर डायबिटीज वाले लोगों के ब्लड में हाई शुगर लेवल समय के साथ ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। इसमें पूरे शरीर की नसों को नुकसान पहुंचाने की भी क्षमता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि हाई ब्लड शुगर ब्लड वेसल्स में सूजन बढ़ाने और हृदय में ब्लड फ्लो को रोकने के लिए जिम्मेदार है। तब धमनियों में लंबे समय तक सूजन के चलते कोलेस्ट्रॉल और प्लेग का निर्माण होता है। इसका मतलब है कि हार्ट को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस तरह अनकंट्रोल्ड डायबिटीज वाले व्यक्ति को हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।



डायबिटीज के साथ दिल की देखभाल कैसे करें?
डायबिटीज के साथ दिल की देखभाल कैसे करें?

डॉक्टर्स के अनुसार, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए स्वस्थ आहार जरूरी है। एक व्यक्ति को ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, लो फैट मिल्क का सेवन करना चाहिए। हालांकि इस मामले में दवा भी अच्छा काम करती हैं। कई टेस्ट में डायबिटीज की दवाओं ने हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर दिखाया है।

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने टाइप टू डायबिटीज वाले मरीजों के लिए डॉक्टर्स द्वारा सोडियम ग्लूकोस कोट्रांसपर्स 2 इनहिबिटर देने के लिए कहा है। इसके साथ ही एक डॅाक्टर एस्पिरिन जैसे दवा की सिफारिश कर सकता है। ताकि रक्तचाप कम हो, कोलेस्ट्रॉल कम हो और रक्त के थक्कों को रोका जा सके।

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150 मिनट की एरोबिक करें
150 मिनट की एरोबिक करें

संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य के लिए हर हफ्ते 150 मिनट की एरोबिक करना चाहिए। इसके अलावा साइकलिंग, ब्रिस्क वॉकिंग, स्वीमिंग लैप्स और जॉगिंग भी अच्छा विकल्प है। ऐसे लोगों को जिन्हें डायबिटीज के साथ हार्ट की बीमारी है, उन्हें शरीर की मांसपेशियों को मजूबत करने के लिए सप्ताह में दो दिन पिलेट्स जैसा बेहतर ऑप्शन तलाशना चाहिए।

हृदय रोग और मधुमेह के बीच गहरा संबंध है। समय के साथ अनियंत्रित हाई ब्लड शुगर ह्दय को नियंत्रित करने वाली रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। डायबिटीज से पीडि़त मरीज वजन कम करके, शारीरिक गतिविधि बढ़ाकर , ताजा व स्वस्थ भोजन खाकर और निर्धारित दवाएं लेकर हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।





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