उम्र के अनुसार हम सबकी न्यूट्रिशनल जरूरतें अलग-अलग होती हैं। इसके अनुसार ही हमें अपनी फिटनेस के प्लानिंग करनी चाहिए। महिलाओं को भी अपनी उम्र के हिसाब से ही पोषण लेना चाहिए।
एक महिला कई काम करती है, अपने परिवार का ध्यान रखती है। उनकी फिटनेस, उनके न्यूट्रिशन और उनकी हर छोटी- बड़ी जरूरतों को पूरा करती है। लेकिन इन सबके बीच वह अपनी खुद की जरूरतों को पीछे छोड़ देती है। पहले के बजाय महिलाओं को कई बीमारियां भी होने लगी हैं, जिससे यह पता चलता है कि वे अपने हेल्थ पर कम ध्यान दे रही हैं। अधिकतर महिलाओं को पता नहीं है कि उन्हें अपनी उम्र के अनुसार न्यूट्रिशन लेना चाहिए। है ना नई बात? तो आज, इस आर्टिकल में इसी के बारे में जानते हैं।
हम सब चाहते हैं कि हमें सही न्यूट्रिशन मिले और इसके लिए हम कोशिश भी करते हैं। अपनी डाइट में नित नई चीजें शामिल करते रहते हैं। इसके लिए हम कई बार दादी- नानी की सलाह मानते हैं तो कभी मैगजीन्स और लोगों की सलाह। इन सब सलाहों के दौरान एक जरूरी बात हम भूल जाते हैं, वह ये है कि हमें अपनी उम्र के अनुसार अपनी डाइट लेनी चाहिए। हमारी उम्र के अनुसार हम सबकी न्यूट्रिशनल जरूरतें अलग- अलग होती हैं। इसके अनुसार ही हमें अपनी फिटनेस के प्लानिंग करनी चाहिए। एक बढ़िया लाइफ स्टाइल, नियमित तौर पर एक्सरसाइज और उम्र के अनुसार न्यूट्रिशनल जरूरतें, ये तीन चीजें हमें हेल्दी रखने में हमारी मदद करती हैं। आज हम उम्र के अनुसार हमें कैसा न्यूट्रिशन मिलना चाहिए, इस पर बातें करेंगे।
किशोरावस्था
हम सब जानते हैं कि हमारे हेल्दी रहने के लिए आयरन बहुत जरूरी है। यह हमारे ब्लड सेल्स को हेल्दी रखने में हमारी मदद करता है। जब लड़कियां बड़ी हो रही होती हैं, तो उनकी बॉडी में कई तरह के हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं। उस दौरान उनकी बॉडी को आयरन की सख्त जरूरत होती है। हर पीरियड के दौरान ब्लड के साथ लड़कियों की बॉडी से आयरन भी निकलता है, जो उनकी इम्युनिटी को कमजोर कर देता है। इस वजह से उन्हें थकान भी महसूस होने लगता है। इसलिए किशोरावस्था में यह जरूरी है कि लड़कियों को आयरन की सही मात्रा उन्हें अपने भोजन के जरिए मिले।
(फोटो साभार: istock by getty images)
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20वीं साल में
इस समय अधिकतर लड़कियां बड़ी हो रही होती हैं, बाहर की दुनिया से उनका परिचय हो रहा होता है। उनकी बॉडी में भी कई तरह के बदलाव हो रहे होते हैं। हड्डियां मजबूत हो रही होती हैं, उनकी मरम्मत चल रही होती है। ऐसे में विटामिन डी और कैल्शियम बहुत जरूरी है ताकि हड्डियों को मजबूत होने में मदद मिल सके।
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30वीं साल में
20वीं साल के पायदान से 30 साल की उम्र में पहुंच रही महिला के लिए संपूर्ण शरीर के देखभाल की सख्त आवश्यकता होती है। वह मां बन चुकी होती है या बनने की तैयारी में होती है। इसलिए उसे कई ऐसे नए न्यूट्रिशन की जरूरत पड़ती है, जो पहले नहीं पड़ी। फोलेट,
प्रेग्नेंसी के लिए बहुत जरूरी है।
40 से 50 की उम्र में
इस
होने वाला रहता है या हो चुका होता है। ऐसे में आयरन की कमी का होना लाजमी है। इस समय मेटाबॉलिज्म भी धीमा हो जाता है तो वजन के बढ़ने की आशंका भी रहती है। इसलिए इस समय कैलोरी पर ध्यान देना बहत जरूरी है। शरीर के सभी अंगों के ठीक तरीके से काम करने के लिए आयरन की जरूरत पड़ती है। बॉडी मॉस और स्किन इलास्टिसिटी को बनाए रखने के लिए प्रोटीन की सही मात्रा भी चाहिए।
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50और इससे ऊपर
इस उम्र की महिलाओं को विटामिन बी-6, विटामिन बी-12 और फोलिक एसिड की जरूरत रहती है। यह बॉडी के नर्वस सिस्टम के काम करने के लिए जरूरी है। अगर बॉडी में इनकी कमी है तो कई हेल्थ संबंधी समस्याएं होने का खतरा रहता है। इसके अलावा, हड्डियों के रख- रखाव के लिए
कैल्शियम और विटामिन की भी जरूरत
रहती है। मेनोपॉज के बाद लिवर मैग्नीशियम को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता तो मैग्नीशियम का हाई इनटेक भी चाहिए।
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