ऐसी कोई भी बीमारी या रोग जो बच्चों और बुजुर्गों को हो सकता है, यह एक गंभीर स्थिति को भी जन्म दे सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चों और बुजुर्गों दोनों की ही इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है, और कमजोर इम्यूनिटी की वजह से ही बीमारी के गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है। मिर्गी भी एक ऐसा ही रोग है जो बच्चों और बुजुर्गों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है।आपको बता दें कि यह रोग नर्वस सिस्टम को ही प्रभावित करता है और उसी से जुड़ा हुआ एक रोग है। आमतौर पर मिर्गी से पीड़ित लोगों को इसके दौरे पड़ते हैं जो हल्के भी हो सकते हैं और गंभीर भी। भारत देश में ही ना जाने कितने ही लोग इस रोग से पीड़ित हैं और उन्हें इस रोग के उपचार और घरेलू उपाय के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं है। इसलिए आज हम आपको मिर्गी की गंभीरता और इसके घरेलू उपाय से रूबरू कराएंगे।क्या आप या आपके घर में किसी व्यक्ति को मिर्गी की बीमारी है। अगर हां तो आप शायद इसकी गंभीरता और परिणाम से भली भांति परिचित होंगे। अगर आप इस रोग के बारे में और इसके घरेलू उपाय के बारे में कुछ नहीं जानते, तो आज आपके पास यह मौका है।

ऐसी कोई भी बीमारी या रोग जो बच्चों और बुजुर्गों को हो सकता है, यह एक गंभीर स्थिति को भी जन्म दे सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चों और बुजुर्गों दोनों की ही इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है, और कमजोर इम्यूनिटी की वजह से ही बीमारी के गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है। मिर्गी भी एक ऐसा ही रोग है जो बच्चों और बुजुर्गों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है।
आपको बता दें कि यह रोग नर्वस सिस्टम को ही प्रभावित करता है और उसी से जुड़ा हुआ एक रोग है। आमतौर पर मिर्गी से पीड़ित लोगों को इसके दौरे पड़ते हैं जो हल्के भी हो सकते हैं और गंभीर भी। भारत देश में ही ना जाने कितने ही लोग इस रोग से पीड़ित हैं और उन्हें इस रोग के उपचार और घरेलू उपाय के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं है। इसलिए आज हम आपको मिर्गी की गंभीरता और इसके घरेलू उपाय से रूबरू कराएंगे।
मिर्गी की गंभीरता और उपचार

मिर्गी एक बहुत ही गंभीर समस्या है, जो नर्वस सिस्टम की आवृत्तियों में बाधा उत्पन्न होने की वजह से पैदा होती है। अगर सही समय पर मिर्गी की समस्या का उपचार ना करवाया जाए तो यह आपके मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा सकती है। आपको बता दें कि मिर्गी रोग के लिए कई तरह की थेरेपी और उपचार प्रक्रिया मौजूद है।
लेकिन इसकी इलाज की प्रक्रिया मरीजों की स्थिति पर ही निर्भर करती है। यही नहीं मिर्गी के रोग से राहत पाने के लिए कुछ साधारण तरीकों या उपाय अपनाए जा सकते हैं, या फिर उपाय उपचार प्रक्रिया के साथ भी आजमाए जा सकते हैं। लेकिन इसके लिए मरीज की स्थिति का पता होना बेहद जरूरी है। अगर आप भी भी मिर्गी से राहत पाने के कुछ घरेलू उपाय आजमाना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं।
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बायोफीडबैक

यह एक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसके जरिए दौरा पड़ने से पहले ही उसके लक्षणों का पता लगाया जा सकता है। यह प्रशिक्षण आमतौर पर उन मरीजों को दिया जाता है जिन पर एंटी मिरडिप्टिक ड्रग्स काम नहीं करता। इस प्रशिक्षण की वजह से आपका दिमाग आसानी से मिर्गी के लक्षणों को पता लगा लेता है।
तनाव लेने से और बिगड़ सकती है हालत

मिर्गी की समस्या से पीड़ित व्यक्ति के लिए तनाव या डिप्रेशन बहुत ज्यादा दिक्कत पैदा कर सकता है। ऐसे में मिर्गी के रोग से पीड़ित व्यक्ति को ऐसी जगह से दूर रहना चाहिए जहां काम का प्रेशर अधिक होता है। इसके अलावा रिलेक्स करने के लिए आराम करना चाहिए। इससे मांसपेशियों को भी आराम मिलता है और मिर्गी का दौरा पड़ने के चांस कम हो जाते हैं। इसके अलावा आप लोग मेडिटेशन, योग, कर सकते हैं। साथ ही एस्सेंसिअल ऑयल्स जैसे लैवेंडर और कैमोमाइल के तेल से मालिश करें।
विटामिन बी 6 की कमी को पूरा करें

अगर आपके शरीर में
की कमी है तो यह समस्या आपको भी हो सकती है। इसे रोकने के लिए या कम करने के लिए विटामिन बी 6 का सेवन करना सही होगा। वहीं इसके अलावा विटामिन ई और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी भी मिर्गी की समस्या को पैदा कर सकती है और बढ़ा सकती है। ऐसे में इन पोषक तत्वों और विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि साधारण आहार से इस कमी को पूरा नहीं किया जा सकता।
जड़ी बूटियों का उपयोग

यह मिर्गी के उपचार या इससे राहत पाने के लिए एक बिल्कुल अलग ही तरीका है। इस रोग से राहत पाने के लिए कुछ हर्ब्स का उपयोग किया जाता है, ताकि दौरा ना पड़े। इसके लिए कैमोमाइल, पैशन फ्लावर, और वैलेरियन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इनके उपयोग से मरीज में जल्दी ही सुधार होने लगता है। हालांकि कुछ लोगों पर इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं। आपको बता दें कि इन हर्ब्स या
की राय खुद एक्सपर्ट देते हैं।
सही आहार और सप्लीमेंट से ठीक हो सकती है ये बीमारी

मिर्गी के उपचार हेतु और इससे जल्दी छुटकारा पाने के लिए एक सही आहार और कुछ दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इस रोग से पीड़ित बच्चों और वयस्कों को दौरे की समस्या कम पैदा हो इसके लिए कीटोजेनिक आहार दिया जाना चाहिए। आपको बता दें कि यह आहार
और कम कार्ब्स वाले होते हैं। इसके अलावा एटकिन्स आहार यानी हाई प्रोटीन डाइट का भी रुख किया जाता है, ताकि इसके लक्षणों को कम किया जा सके। यही नहीं मिर्गी की समस्या के दौरान AEDs का भी सुझाव दिया जाता है।
गांजा

यूं तो गांजा देशभर में पूरी तरह बैन है। लेकिन मेडिकल ट्रीटमेंट के दौरान इसका उपयोग किया जा सकता है। आपको बता दें कि इसके जरिए मिर्गी के मरीजों में बहुत तेजी से सुधार हो सकता है। मिर्गी से पीड़ित रोगियों को सीमित मात्रा में ही इसकी खुराक दी जानी चाहिए। वहीं बच्चों पर इसका उपयोग बहुत ही सीमित होना चाहिए।
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