अपनी नियमित दवाइयों को ना लेना जोखिम भरा हो सकता है। लेकिन, जैसे ही कोविड वैक्सीन के बारे में बात आती है, हमारे दिमाग में सवाल घूमने लगता है कि हम उसके साथ कौन सी दवाइयों का सेवन करना चाहिए और कौन सी नहीं
स्टैटिन्स, एंटीकोगुलैंट्स, इम्यूनोसप्रेसेंट्स से लेकर ब्लड शुगर पिल्स, कई बीमारियों से जूझ रहे लोगों को अपनी वाइटल फंक्शनिंग के लिए मेंटेनेंस दवाइयों की नियमित तौर पर जरूरत रहती है। लेकिन COVID वैक्सीन के बाद कुछ खेदजनक बातें भी सामने आई हैं।
खून को पतला करने वाली दवाइयों और डर्मा फिलर्स पर सवाल उठने लगे हैं क्योंकि इन्हें कुछ अनोखे इम्यून प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करते हुए पाया गया है। कुछ स्थितियों या नियमित दवाइयों के लिए प्रीडिस्पोजिशन भी कुछ असामान्य रैशेज और सूजन विकसित कर सकते हैं।
क्या आप COVID- 19 वैक्सीन और दवाइयों को मिक्स कर सकते हैं?
अपनी नियमित दवाइयों को ना लेना जोखिम भरा हो सकता है। लेकिन, जैसे ही हम वैक्सीन के बारे में ज्यादा जानते जा रहे हैं, हमें अपने द्वारा ली जाने वाली दवाइयों को लेकर चिंता भी हो रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या लोग अभी के लिए वैक्सीन लेने से परहेज कर सकते हैं या उसमें देरी कर सकते हैं? इस बारे में हमने कुछ डॉक्टर्स से बात की और पता लगाया कि COVID वैक्सीन के साथ कौन सी दवाइयां लेना सुरक्षित है और कौन सी सुरक्षित नहीं भी हो सकती हैं।
(फोटो साभार: istock by getty images)
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खराब इम्युनिटी वाले लोगों को वैक्सीन जल्द से जल्द लेना चाहिए
कोरोना वायरस खराब इम्युनिटी वाले कुछ लोगों के लिए एक सीधा रास्ता बन सकता है, जो एक जरूरी कारण है कि कोमोरबिडीटी वाले लोगों को एक ही बार में वैक्सीन लगाया जाना चाहिए। फोर्टिस हॉस्पिटल्स मुंबई के डायरेक्टर - क्रिटिकल केयर और महाराष्ट्र के COVID टास्कफोर्स के डॉ. राहुल पंडित के अनुसार, 'COVID मृत्यु दर को धीमा करने के लिए अभी तेजी से प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन जरूरी है। 60 साल से अधिक उम्र के लोग और कोमोरबिडीटी के साथ वाले 45 साल से अधिक उम्र के लोग सबसे ज्यादा जोखिम पर हैं। ये लोग ही मृत्यु दर को बहुत कम तक ले जाएंगे क्योंकि इस समय यह समूह 90% रोगियों का निर्माण करता है, जो बीमारी का शिकार हो रहे हैं।’
क्या दवाइयां COVID वैक्सीन प्रतिक्रिया को बदल सकती हैं?
COVID वैक्सीन इंजेक्शन पर एक मजबूत इम्युनिटी प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए काम करता है। वैक्सीन की प्रभावशीलता कम हो सकती है कि आपकी बॉडी इस पर कितनी अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करती है। कोमोरबिडीटी से जूझ रहे लोगों के लिए कुछ हद तक धीमी इम्यून प्रतिक्रिया एक संभावना हो सकती है। कुछ दवाइयों के इस्तेमाल से बॉडी को ‘बिजी’ बनाया जा सकता है, जिससे वैक्सीन में लंबित इम्यून प्रतिक्रिया हो सकती है। इसलिए, यदि आप आने वाले समय में किसी को COVID वैक्सीन लेने के लिए लिस्ट में डालते हैं तो कुछ दवाइयां और थेरेपीज के बारे में आपको डॉक्टर के साथ दो बार चेक कर लेना चाहिए या फिर आप पहले से ही डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट फिक्स कर लें।
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थायरॉइड की दवाइयां
थायरॉइड एक ऐसी बीमारी है, जो मेटाबॉलिज्म और हार्मोनल फंक्शनिंग को खराब कर देती है। हालांकि, इम्यून सिस्टम का एक हिस्सा जो ऑटोइम्यून थायरॉइड रोग के लिए जिम्मेदार है, वह उस इम्यून सिस्टम से अलग है जो इन्फेक्शन से लड़ने के लिए जिम्मेदार रहता है। इसलिए, थायरॉइड की अधिकतर दवाइयां वैक्सीन को कम प्रभावशाली नहीं बनाती हैं। लेकिन यदि आप स्टेरॉइड्स या इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयां ले रहे हैं तो वैक्सीन लेने से पहले अपने रजिस्टर्ड फिजिशियन से पहले उन्हें चेक करा लेना सही रहेगा।
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अस्थमा और एलर्जिक दवाइयां
COVID- 19 वैक्सीन के साथ एलर्जी के बारे में हमेशा बात की जाती है। क्योंकि यह एक परेशान करने वाले एलर्जिक रिएक्शन एनाफिलेक्सिस के विकास का कारण बन सकता है। हालांकि, डॉ पंडित कहते हैं कि एलर्जी से जूझ रहे अधिकतर लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही दवाइयां COVID- 19 वैक्सीन के इस्तेमाल के साथ सुरक्षित हैं। फूड एलर्जी के अलावा, अस्थमा, एलर्जिक राइनाइटिस और एलर्जिक डर्मेटाइटिस वाले लोगों के लिए वैक्सीन सुरक्षित है। हां, किसी वैक्सीन के लिए एलर्जी वाले लोगों (एनाफिलेक्सिस) को वैक्सीन नहीं लेना चाहिए।
सर्जरी और वाइटल ऑर्गेन डैमेज वाले
अब तक की गई क्लिनिकल स्टडीज ने पाया है कि कॉम्प्लिकेशंस वाले लोग भी सुरक्षित तरीके से COVID- 19 वैक्सीन ले सकते हैं। इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं। कार्डियक परेशानियों, रेनल फेल्यर या लिवर समस्याओं वाले लोग, जिन्हें पहले यह हो चुका है, वे भी अपनी दवाइयों के साथ वैक्सीन ले सकते हैं। हां, जो लोग खून को पतला करने वाली दवाइयां ले रहे हैं, उन्हें वैक्सीन लेने से पहले अपनी दवाइयों को डॉक्टर से जरूर चेक करा लेना चाहिए। जिन्हें वैक्सीन लेने से हफ्ते हर पहले ही हार्ट अटैक हुआ है और जो लोग रिकवरी की प्रक्रिया में हैं, उन्हें वैक्सीनेशन तारीख को स्किप कर देना चाहिए। यदि आप इम्यून सिस्टम के इलाज या सपोर्ट के लिए कोई थेरेप्यूटिक दावा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर से हामी मिलने के बाद ही वैक्सीन के लिए जाएं।
कैंसर देखभाल और इम्यूनोथेरेपी दवाइयां
कैंसर एक इम्यूनोसप्रेसिंग रोग है। इस रोग से ग्रस्त लोगों को अमूमन इम्यूनोसप्रेसेंट्स के हैवी डोसेज दिए जाते हैं, जिससे उनकी बॉडी पर ‘अधूरी’ इम्यूनो प्रतिक्रिया रहती है। या वैक्सीन को बॉडी में इंजेक्ट करने के बाद वे सही तरीके से उसे ऐब्जॉर्ब नहीं कर पाते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की गाइडलाइन के अनुसार, एक्टिव कैंसर वाले, जिनका इलाज शुरू नहीं हुआ है, वे कैंसर सर्वाइवर्स की तरह वैक्सीन ले सकते हैं। जो लोग कीमोथेरेपी पर हैं, उन्हें वैक्सिनेशन से पहले मेडिकल सलाह जरूर लेनी चाहिए।
नवी मुंबई स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स हे इंटरनल मेडिसिन के कंसलटेंट डॉ भरत अग्रवाल के अनुसार, 'इम्यूनोसप्रेसेंट्स बॉडी में अधूरी इम्यून प्रतिक्रिया कर देते हैं, बॉडी की क्षमता को कम कर देते हैं। जो लोग वैक्सीन लेना चाहते हैं, उन्हें कीमोथेरेपी साइकल के बीच पर्याप्त समय लेना चाहिए। अमूमन हम कीमोथेरेपी के बाद चार हफ्ते तक रोगी को वैक्सीन के लिए इन्तजार करने को कहते हैं।' इसी तरह, जिनकी सर्जरी हुई है, उन्हें भी तुरंत वैक्सीन लेने की सलाह नहीं दी जाती है। उन्हें कम से कम दो हफ्ते के लिए इन्तजार करना चाहिए।
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COVID- 19 वैक्सीन और साइकेट्रिक दवाइयां
स्लीप डिसऑर्डर बॉडी की इम्यून प्रतिक्रिया को कम करने के लिए जाना जाता है। जिन्हें गंभीर अवसाद है, उन्हें भी दिक्कत रहती है। इस समय इसके बारे में ज्यादा रिसर्च नहीं किया गया है लेकिन डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि मानसिक रोग से जूझ रहे लोगों को वैक्सीन लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कुछ साइकेट्रिक और साइकोटिक दवाइयां एंटी- इन्फ्लेमेट्री प्रतिक्रिया करती हैं, जो वैक्सीन के लिए सही नहीं हैं। हाई डोज न्यूट्रोपेनिया को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए रोगी के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है। हालांकि, डॉ भरत अग्रवाल कहते हैं कि पर्याप्त सलाह के बाद जोखिम के बावजूद COVID वैक्सीन के फायदे ही ज्यादा हैं।
खून को पतला करने वाली दवाइयों का इस्तेमाल करने वाले लोग
कुछ वैक्सीन मॉडल जैसे कोविडशील्ड और कोवैक्सीन खून को पतला करने वाली दवाइयों का सेवन कर रहे लोगों को अलग से सलाह दे रहे हैं। इस वजह से लोगों के मन में डर बैठ गया है। खून को पतला करने वाली दवाइयां रैश और कुछ मामलों में सूजन का कारण बन सकती हैं, जिन्हें ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है। ब्लीडिंग डिसऑर्डर या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को पहले अपनी दवाइयों की जांच करा लेनी चाहिए। उसके बाद ही वैक्सीन के बारे में सोचना चाहिए। डॉ अग्रवाल कहते हैं, “वारफरीन या एंटीकोएगुलेशन एजेंट्स जैसे खून को पतला करने वाली दवाइयों पर आश्रित रोगियों को इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन का खतरा रहता है। नए एजेंट्स लेने वाले लोग अपने सुबह के डोज को स्किप करके वैक्सीन ले सकते हैं और फिर अगले डोज को ले लें।” डॉ पंडित रोगियों को वैक्सिनेशन के बाद कुछ देखभाल की हिदायत देते हैं। उनके अनुसार, “एंटी- प्लेटलेट्स और एंटी- कोगुलैंटस लेने वाले लोग अपने वैक्सीन को सुरक्षित तरीके से ले सकते हैं। इंजेक्शन वाली जगह पर पर्याप्त कम्प्रेशन थोड़ी ज्यादा देर के लिए और इंजेक्ट करने के लिए महीन सुई लगाना सुनिश्चित करें।
कौन सी दवाइयां जो वैक्सीन से पहले नहीं लेनी चाहिए
COVID वैक्सीन पर अभी भी रिसर्च चल ही रहा है। लेकिन डॉक्टर्स कुछ स्टेरॉयड दवाइयों के साथ इसके जोखिम पर बात कर रहे हैं। क्रॉनिक स्टेरॉइड्स (जैसे थायरॉइड के लिए उपयोग किए जाने वाले) आवश्यकता के अनुसार लिए जा सकते हैं। हालांकि, अन्य थेरेपी (कैंसर, रयुमेटॉइड आर्थराइटिस, एचआईवी) जैसों के लिए नियमित ली जाने वाली दवाइयां और स्टेरॉइड इंजेक्शंस समस्या पैदा कर सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप वैक्सीनेशन के सही तरीके के बारे में जनने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। वैक्सीनेशन से पहले पेन किलर्स से परहेज करना भी जरूरी है क्योंकि ये असामान्य प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकते हैं। डॉ पंडित कहते हैं, “लक्षणों को कम करने के लिए आइबूप्रोफेन या एसप्रिन जैसे पेन किलर लेने के लिए वैक्सीनेशन का इंतजार करें।”
कब आपको वैक्सीनेशन देने वाले को अलर्ट करना चाहिए
COVID से बचने के लिए डॉक्टर्स और स्वास्थ्य संगठन सबके लिए वैक्सीनेशन की सलाह दे रहे हैं। लेकिन वैक्सीन लेने से पहेल वैक्सीनेशन प्रदाता को अपने स्थिति के बारे में बताने से किसी भी तरह के होने वाले दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। यदि आपको निम्न से कोई भी परेशानी है तो वैक्सीन प्रदाता को पहले से बता दें:
यदि कोई एलर्जी है।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर या आप ब्लड थिनर पर हैं।
इम्यूनोकंप्रमाइज्ड हैं या ऐसी दवा पर हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता हो।
प्रेगनेंट हैं या प्रेग्नेंसी की योजना बना रही हैं।
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