आयुर्वेदिक पौधा पलाश सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसका उपयोग कई रोगों को जड़ से दूर करने के लिए किया जा सकता है। यहां जानें इससे होने वाले फायदों के बारे में।
पलाश का पेड़ भारतभर में पाया जाता है। इसके फूलों को टेसू के फूल के नाम से भी जाना जाता है। पौधे के विभिन्न भागों जैसे फूल, छाल, पत्ती और बीज का उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार यह चर्म रोग, ज्वर, मूत्रावरोध, सिरोसिस, गर्भाधान रोकने और नेत्र ज्योति बढ़ाने सहित कई बीमारियों में लाभदायक है। इसके पत्ते दोना और पत्तल बनाने के काम भी आते हैं।
इसमें रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं, जिसकी वजह से इसे डायरिया, लिवर और अन्य समस्यों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। पलाश के पत्ते का पाउडर लेने से शरीर में ग्लूकोज चयापचय में सुधार करके रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद मिलती है। वहीं, पलाश के काढ़े का उपयोग योनि संक्रमण और मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग होता है। यदि आप चाहते हैं कि आपको अपनी बीमारी के लिए बार-बार डॉक्टर के चक्कर न लगाने पड़ें, तो पलाश के फूलों को अपने जीवन में जरूर शामिल करें। यहां जानें इस औरषधीय गुणों से युक्त पलाश के फूल के फायदे...
पलाश के औषधीय गुण
डायरिया रोधी (छाल)
कृमिनाशक (बीज)
मधुमेह
एंटी-इंफ्लेमेटरी
हेपेटोप्रोटेक्टिव फूल
ऐंटिफंगल
कसैला (पत्ते)
टॉनिक (पत्ते)
ऐपेटाइजर, कामोद्दीपक, रेचक, कृमिनाशक (छाल)
त्वचा रोग
आयुर्वेद के अनुसार, पलाश के बीज का पेस्ट स्किन पर लगाने से एक्जिमा और अन्य त्वचा विकारों जैसे कि खुजली आदि में राहत मिलती है।
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बुखार में पहुंचाए लाभ
बुखार में इम्यूनिटी डाउन हो जाती है, तो पलाश के फूल शरीर में ताकत भरते हैं। बुखार होने पर यारीर में बैक्टीरिया के कारण संक्रमण हो जाता है, जिससे यह फूल काफी हद तक आराम दिलाता है।
खून को साफ करे
गलत खान-पान से जब रक्त दूषित होने लगता है, तब स्किन पर मुंहासे, रैशेज और एलर्जी की समस्या पैदा हो जाती है। खून को साफ करने के लिए पलाश की छाल बड़े काम आती है। यह खून को अंदर से साफ करती है, जिससे स्किन अंदर से ग्लो करती है।
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बवासीर से दिलाए आराम
से गुदा के अंदरूनी हिस्से में या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से जैसे बन जाते हैं, जिनमें से कई बार खून निकलता है और दर्द भी होता है। लेकिन पलाश के फूल इस समस्या से राहत दिला सकते हैं। पलाश के सूखे फूलों के पाउडर में ऐसे खनिज पाए जाते हैं, जो बवासीर के इलाज में काम आ सकते हैं।
डायबिटीज से छुटकारा दिलाए
पलाश में एंटीहाइपरग्लिसेमिक गुण सबसे ज्यादा पाया जाता है, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को और ज्यादा बेहतर करने में मदद करता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलोजी इंफॉर्मेशन) के एक शोध पेपर में बताया गया कि जब लैब में दो हफ्ते तक 200 मिलीग्राम पलाश का उपयोग चूहों पर किया गया, तो उनका उनका शुगर लेवल और सीरम कोलेस्ट्रोल नियंत्रित हो गया।
यौन रोग दूर करे
पलाश यौन कमजोरी को ठीक करने में मदद करता है। इसकी वाजिकरन (कामोत्तेजक) प्रकृति और कषाय गुण के कारण यौन रोग ठीक करने में मदद मिलती है। यही नहीं, जब इसे सही विधि से लिया जाता है तो, यह नाइट्रिक ऑक्साइड और एंड्रोजन के लेवल को बढ़ाने में भी मदद करता है। यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए इसके फूल का चूर्ण रात को दूध और मिश्री के साथ लें।
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