अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और देर से नाश्ता करते हैं, तो अब सुबह जल्दी नाश्ता करना शुरू कर दीजिए। एक रिसर्च के अनुसार जो रोगी 8:30 से पहले नाश्ता खत्म कर लेते हैं, उनका ब्लड शुगर स्तर कम रहता है।
शिकागो के नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी बताती है कि जो लोग सुबह 8:30 से पहले खाना शुरू कर देते हैं, उनका ब्लड शुगर स्तर कम रहता है। यही नहीं, उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस भी कम रहता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकता है।
इस स्टडी का नाम इंटरमिटेंट फास्टिंग है, जिसके अनुसार जल्दी खाना शुरू कर देने का संबंध कम ब्लड शुगर स्तर और इंसुलिन रेजिस्टेंस से है। इस स्टडी को इनडोक्राइन सोसायटी की सालाना मीटिंग में वर्चुअल तौर पर पेश किया गया।
पहले भी मिले हैं सबूत
पहले हुई स्टडीज में इस तरह के सबूत मिले हैं, जो यह बताते हैं कि ब्रेकफास्ट छोड़ने और हाई डायबिटीज जोखिम के बीच संबंध है। लेकिन उनमें जल्दी ब्रेकफास्ट और ब्लड शुगर, इंसुलिन रेसिस्टेंस और डायबिटीज के बीच के जोखिम के बारे में कुछ नहीं कहा गया था। शिकागो के नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के एमडी और लीड रिसर्चर मरियम अली कहती हैं, “हमने पाया कि जो लोग दिन में जल्दी खाना शुरू कर देते हैं, उनका ब्लड शुगर स्तर कम रहता है। साथ ही इंसुलिन रेसिस्टेंस भी, भले ही उनका फूड इनटेक 10 घंटे के लिए प्रतिबंधित रहा हो या फूड इनटेक रोजाना 13 घंटों से अधिक के लिए फैला हो।”
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कब होता है इंसुलिन रेजिस्टेंस
इंसुलिन रेजिस्टेंस तब होता है जब बॉडी उस इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं देती है जो पैंक्रियाज बनाता है और ग्लूकोज सेल्स में प्रवेश करने के कम योग्य रहता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस के साथ वाले लोग टाइप 2 डायबिटीज के अधिक जोखिम पर रहते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस और ब्लड शुगर स्तर दोनों किसी व्यक्ति के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है, फूड को आसान घटकों में तोड़ देता है- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट (या शक्कर) और फैट। मेटाबॉलिक डिसऑर्डर जैसे डायबिटीज तब होते हैं जब इन सामान्य प्रक्रियाओं में व्यवधान पैदा हो जाता है।
मेटाबॉलिक डिसऑर्डर
डायबिटीज जैसे
हम इस चिंता को दूर करने में सहायता करने के लिए न्यूट्रिशनल स्ट्रेटेजी की अपनी समझ का विस्तार करना चाहते थे, ऐसा मरियम अली का कहना है। पहले की स्टडीज में पाया गया कि समय प्रतिबंधित भोजन, जो रोजाना के खाने को कम समय के लिए समेकित करता है, ने लगातार मेटाबॉलिक हेल्थ में सुधार का प्रदर्शन किया है, ऐसा उन्होंने नोट किया। उनका समूह यह देखना चाहता था कि दिन में जल्दी खाने से मेटाबॉलिक उपाय प्रभावित होते हैं या नहीं।
विश्लेषण और निष्कर्ष
रिसर्चर्स ने नेशनल हेल्थ और न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे में भाग लेने वाले 10,575 लोगों से डेटा का विश्लेषण किया। उन्होंने भागीदारों को उनके फूड इनटेक की कुल अवधि के आधार पर तीन समूहों में बांटा – 10 घंटे से कम, 10-13 घंटे, 13 घंटे से अधिक। इसके बाद उन्होंने शुरुआती समय के (8:30 बजे सुबह से पहले या बाद में) खाने के आधार पर छह उप समूह बनाए।
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उन्होंने इस डेटा का विश्लेषण यह निर्धारित करने के लिए किया कि खाने की अवधि और समय फास्टिंग ब्लड शुगर स्तर और इंसुलिन रेजिस्टेंस से संबंधित थे या नहीं। फास्टिंग ब्लड शुगर स्तर इंटरवल समूहों के खाने के बीच बहुत अलग नहीं था। खाने के कम इंटरवल अवधि के साथ इंसुलिन रेजिस्टेंस अधिक था, लेकिन 8:30 बजे सुबह से पहले खाने के शुरुआती समय के साथ सभी समूहों में कम था। मरियम ने अंततः कहा, “ये खोज सुझाव देते हैं कि समय, अवधि की बजाय मेटाबॉलिक उपाय से अधिक संबंधित है, और जल्दी खाने की स्ट्रेटेजीज को समर्थित करता है।”
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