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Thursday, February 25, 2021

पीरियड्स में पैड्स का इस्तेमाल छीन सकता है मां बनने का सुख, जानें इसे यूज करने का सही तरीका

मासिक धर्म के दौरान, एक महिला ज्यादातर सैनिटरी पैड पर निर्भर करती है। पैड्स, भारी प्रवाह को अवशोषित करने की क्षमता रखते हैं और इसलिए वे महिलाओं की पहली पसंद होते हैं। लेकिन क्या यही मुश्‍किल दिनों में काम आने वाले सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। यह सवाल कई महिलाओं के मन में चलते हैं, लेकिन हमारी जिंदगी में इसकी जरूरत इतनी बड़ी होती है कि हम चाह तक कर भी इससे होने वाले नुकसान के बारे में नहीं सोच पाते। आज हम आपको बताएंगे कि सैनिटरी पैड का यूज करने से स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या प्रभाव पड़ता है और इससे होने वाले जोखिम को कम करने के लिए इनका सही उपयोग कैसे करें।

सैनिटरी पैड में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए इन्‍हें इस्‍तेमाल करते वक्‍त कुछ जरूरी बातों का हमेशा ध्‍यान रखें, जिससे आपको किसी प्रकार की बीमारी न हो।


पीरियड्स में पैड्स का इस्तेमाल छीन सकता है मां बनने का सुख, जानें इसे यूज करने का सही तरीका

मासिक धर्म के दौरान, एक महिला ज्यादातर सैनिटरी पैड पर निर्भर करती है। पैड्स, भारी प्रवाह को अवशोषित करने की क्षमता रखते हैं और इसलिए वे महिलाओं की पहली पसंद होते हैं। लेकिन क्या यही मुश्‍किल दिनों में काम आने वाले सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। यह सवाल कई महिलाओं के मन में चलते हैं, लेकिन हमारी जिंदगी में इसकी जरूरत इतनी बड़ी होती है कि हम चाह तक कर भी इससे होने वाले नुकसान के बारे में नहीं सोच पाते। आज हम आपको बताएंगे कि सैनिटरी पैड का यूज करने से स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या प्रभाव पड़ता है और इससे होने वाले जोखिम को कम करने के लिए इनका सही उपयोग कैसे करें।



क्या सैनिटरी पैड हानिकारक होते हैं?
क्या सैनिटरी पैड हानिकारक होते हैं?

ज्यादातर, सैनिटरी पैड का उपयोग सुरक्षित माना गया है, हालांकि, कुछ तरह के अध्ययनों में पाया गया है कि सैनिटरी पैड के उपयोग से जननांग का कैंसर (genital cancer) भी हो सकता है। ऐसे पैड जिनमें लंबे समय तक सोखने की क्षमता रहती है, उनमें डाइऑक्सिन और सुपर-अब्सॉर्बेंट पॉलिमर जैसे एजेंटों का उपयोग किया जाता है। डायोक्सिन की प्रकृति शरीर में जमा होने के कारण सर्वाइकल कैंसर या ओवेरियन कैंसर हो सकता है। हर 3-4 घंटे में सैनिटरी पैड को बदलना चाहिए, भले ही वह हैवी पीरियड्स न हो।

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सैनिटरी पैड में पाए जाते हैं ये हानिकारक केमिकल्‍स
सैनिटरी पैड में पाए जाते हैं ये हानिकारक केमिकल्‍स

डाइऑक्सिन: डाइऑक्सिन एक रसायन है, जो सैनिटरी पैड को ब्लीच करने के लिए उपयोग किया जाता है। डाइऑक्सिन शरीर के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है और इससे कई खतरे हो सकते हैं।

कीटनाशक: सेनेटरी पैड बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाली कॉटन में अक्सर कुछ कीटनाशक होते हैं, जो किसानों द्वारा खेती के दौरान उस पर छिड़के जाते थे।

आर्टिफिशियल परफ्यूम: पैड्स को खुशबूदार बनाने के लिए इसमें आर्टिफिशियल परफ्यूम का इस्‍तेमाल किया जाता है। यह रसायन हैं जो सुरक्षित नहीं माने जाते। इसके कारण गर्भ न धारण कर पाने जैसी गंभीर समस्या तक आ जाती है।



सेनेटरी पैड का उपयोग करने के खतरे
सेनेटरी पैड का उपयोग करने के खतरे

ओवरी में कैंसर

बांझपन

हार्मोनल शिथिलता

चकत्ते

योनि में एलर्जी

श्रोणि क्षेत्र में सूजन

पेल्‍विक एरिया में सूजन

थायराइड की खराबी

एंडोमेट्रियम से संबंधित बीमारियां

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सैनिटरी पैड में होता है ब्लीच
सैनिटरी पैड में होता है ब्लीच

सैनिटरी पैड में कॉटन का इस्‍तेमाल भारी मात्रा में किया जाता है। असली में कॉटन गंदी और पीले रंग की होती है। मगर जब इसे पैड में इस्‍तेमाल किया जाता है, तब सबसे पहले इसे ब्‍लीच से चमकदार और सफेद बनाया जाता है। सफेद रंग स्वच्छता से जुड़ा है और हम में से अधिकांश का मानना है कि अगर कुछ सफेद है, तो यह साफ है। पैड के पीछे भी यही सोच है। इस रसायन को यूज करने से लिवर खराब हो सकता है और स्‍किन काली पड़ सकती है। सबसे खराब स्थिति में डाइऑक्सिन, इम्‍मयून समस्‍या, पेल्‍विक की सूजन, हार्मोनल शिथिलता, मधुमेह और ओवरी के कैंसर से जुड़ा हुआ है।



हो सकता है कैंसर
हो सकता है कैंसर

पैड का उपयोग करने से जननांग कैंसर हो सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि एक समय में पैड का उपयोग करने से आपको कैंसर का खतरा होगा, लेकिन जो लोग हर महीने इनका उपयोग कर रहे हैं उन्हें अलर्ट होने की आवश्यकता है। यह मुख्य रूप से उन पैड्स के साथ होता है जिनमें रसायन होते हैं। यह आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और नुकसान पहुंचा सकते हैं।



कीटनाशक का खतरा
कीटनाशक का खतरा

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सैनिटरी पैड ढेर सारे कॉटन से बनाए जाते हैं और किसान रूई की खेती करते हैं। फसलों को कीटों से दूर रखने के लिए उनपर कीटनाशकों का स्‍प्रे किया जाता है। इससे कॉटन भी प्रभावित होते हैं और यह आपके शरीर में रक्तप्रवाह के माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, कॉटन पर फुरान नामक रसायन मौजूद होता है, जो शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता है। यह रसायन महिलाओं में कैंसर, बांझपन, थायरॉयड की खराबी और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।



बांझपन का कारण बन सकते हैं
बांझपन का कारण बन सकते हैं

अधिकांश पैड में रक्त की गंध को नियंत्रित करने के लिए डिओडोरेंट या न्यूट्रलाइजर मिलाए जाते हैं। सुगंधित पैड के साथ जोखिम यह है कि वे आपकी प्रजनन क्षमता पर गलत तरह से असर डालते हैं। आर्टिफिशियल परफ्यूम का इस्‍तेमाल जन्म दोष और भ्रूण के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। त्वचा की जलन पैदा करने के अलावा, यह वेजाइनल यीस्‍ट इंफेक्‍शन और अन्य संक्रमणों के जोखिम को भी बढ़ाते हैं।



सैनिटरी पैड का उपयोग करते समय ध्यान रखें ये बातें
सैनिटरी पैड का उपयोग करते समय ध्यान रखें ये बातें

पीरियड्स के दौरान प्राइवेट पार्ट को सूखा रखें।

अपना पैड हर 5-6 घंटे में बदलें तो बेहतर होगा।

प्रावेट एरिया को साफ रखने के लिए उचित स्वच्छता बनाए रखें।

मूत्र पथ के संक्रमण को रोकने के लिए आपको अपने पीरियड्स के दौरान पर्याप्त पानी पीना चाहिए।

अपने अंडरवियर को नियमित रूप से साफ करें और उन्हें ठीक धूप में सुखाएं ताकि कोई नमी न रहे।

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