वजन न घट पाने के पीछे हार्मोन्स एक बड़ा कारण हैं। खासतौर से पेट के चारों तरफ वजन बढ़ाने के लिए यही जिम्मेदार हैं, जिसे हार्मोनल बैली फैट कहते हैं। इससे जुड़े संकेतों को समझना बहुत जरूरी है, तभी आप अपना बैली फैट कम करने में सफल हो पाएंगे।
आजकल वजन घटाने के लिए लोग नए-नए तरीके तलाश रहे हैं। ये सच है कि वजन कम करना इतना आसान नहीं है, पर इससे भी ज्यादा मुश्किल है बैली फैट यानि पेट की चर्बी घटाना। हालांकि हमें यकीन है कि बैली फैट घटाने के लिए अब तब आपने कई तरह के एक्सपेरीमेंट कर लिए होंगे, लेकिन अगर आप इसका असली कारण जान लें, तो पेट की चर्बी को चुटकियों में कम कर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बैली फैट बढने के पीछे की असल वजह है आपके हार्मोन्स। यह हार्मोन्स आपके तनाव, भूख, मेटाबॉलिज्म यहां तक की सेक्स ड्राइव को भी कंट्रोल करते हैं। ऐसी एक या दो नहीं, बल्कि कई हार्मोनल कंडीशन्स बैली फैट का कारण बन सकती हैं। इसमें थायरॉइड, लैप्टिन,पीसीओएस और मीनोपॉज जैसे हार्मोन्स शामिल हैं।
देखा गया है, अक्सर शरीर का वजन तो कम हो जाता है, लेकिन पेट की चर्बी जैसी की तैसी रहती है। लेकिन रोजमर्रा की जिन्दगी में आपके साथ जरूर ऐसा कुछ घटता है, जो इस बात का संकेत है, कि आपकी हार्मोनल बैली फैट धीरे-धीरे बढ़ रहा है। बस, आपका ध्यान इस तरफ नहीं जाता। तो चलिए आपकी मदद करने के लिए हम यहां ऐसे चार संकेत बता रहे हैं, जो आपको अहसास करा सकते हैं कि अब आपके पेट की चर्बी अब बढऩे लगी है।
तनाव महसूस होना-
व्यस्त दिनचर्या में तनाव होना स्वभाविक है, लेकिन कुछ लोगों को अक्सर तनाव घेरे ही रहता है। यह इस बात का संकेत है कि आपके शरीर से कॉर्टिसॉल निकल रहा है। दरअसल, कॉर्टिसॉल दिमाग और शरीर को तनाव का प्रबंधन करने में मदद करता है। जब कोई व्यक्ति ज्यादा चिंतित रहता है, तो एड्रेनल ग्लैंड्स शरीर की जरूरत की तुलना में ज्यादा कॉर्टिसॉल का उत्पादन शुरू कर देती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और पेट की चर्बी बढऩा शुरू हो जाती है।
भरपेट खाने के बाद भी भूखा महसूस करना-
कई बार भरपेट खाना खाने के बाद भी आप पेट भरा हुआ महसूस नहीं करते। ऐसे में फिर कुछ खाने की इच्छा होती है। अगर आपके साथ अक्सर ऐसा हो रहा है, तो इसका मतलब है कि सेक्स हार्मोन आपके मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स को प्रभावित कर रहे हैं। शरीर में यदि एस्ट्रोजन का स्तर कम हो, तो भी आप भूख का अहसास कर सकते हैं। दरअसल, एस्ट्रोजन लेप्टिन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। ऐसे में लेप्टिन जितना ज्यादा होगा, उतनी समस्या बढ़ती जाएगी। लेप्टिन का स्तर मास्तिष्क को व्यक्ति द्वारा जमा किए गए वसा का संकेत देता है और खाने के बाद भरे हुए पेट का अहसास कराता है।
मीनोपॉज की समस्या-
मीनोपॉज की वजह से महिलाओं के शरीर में कई प्रकार से परिवर्तन होता है। जब एक महिला रजोनिवृत्ति में कदम रखती है, तो एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में कमी आने लगती है। 2014 में हुए एक रिव्यू आर्टिकल के अनुसार, एस्ट्रोजन लेवल कम होने से रजोनिवृत्ति महिलाओं में पेट की चर्बी बढ़ सकती है। 2018 में हुए विश्लेषण के अनुसार हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी पेट की चर्बी यानि बैली फैट को कम करने में कारगार है। इसके अलावा नींद न आने से भी पेट की चर्बी बढऩे की संभावना बनती है।
मीठा खाने की इच्छा करना-
कुछ लोग मीठे के दीवाने होते हैं। वे कितना भी चाहें खुद को मीठा खाने से रोक नहीं पाते। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो इसका सीधा सा मतलब है कि आपका शरीर इंसुलिन रेजिस्टेंस से गुजर रहा है। इससे लेप्टिन के स्तर में कमी आ सकती है। ऐसा होने से आप मीठा खाने की इच्छा को कम नहीं कर पाएंगे और धीरे-धीरे हार्मोनल बैली फैट बढ़ता जाएगा।
किसी भी व्यक्ति की हार्मोनल कमियों और असंतुलन के कारण पेट के आसपास वजन बढ़ जाता है। हार्मोनल बैली फैट वजन का कारण बनने वाली स्थिति अन्य स्वास्थ्य समस्या का कारण भी हो सकती है। कई बार बैली फैट कम न होने की स्थिति में उपचार की जरूरत पड़ सकती है, इसके निदान के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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