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Thursday, February 25, 2021

20 मिनट के लिए कीजिए बस ये एक आसन, कमर दर्द होगा झट से गायब

कभी किसी वजह से कमर में तेज दर्द हो जाए तो मुश्किल एक्सरसाइज तो दूर, एक आसन तक भी नहीं होती। अगर आप भी ऐसी स्थिति में फंस गए हैं, तो आपको कटिचक्रासन जरूर ट्राई करना चाहिए। यह एक ऐसा आसन है, जिसे पीठ में दर्द रहते हुए भी आप आसानी से कर सकते हैं। आपका आसन भी हो जाएगा और दर्द में भी आराम मिलेगा।इस आसन को करने से कमर को खिंचाव तो मिलता है ही, बल्कि लचीलापन भी आता है। इस आसन में व्यक्ति को अपनी कमर का उपयोग कर इसे दाईं और बाईं ओर मोड़ना होता है। यह कमर से अनावश्यक वसा को कम करने का बेहतरीन उपचार है। हो सकता है कि कटिचक्रासन को करने में थोड़ा समय लगे, लेकिन इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। वजन कम करने के अलावा डायबिटीज, स्ट्रेस, कब्ज और वेटलॉस में भी ये आसन फायदेमंद है। तो चलिए इस लेख में हम आपको बताएंगे कटिचक्रासन को करने का तरीका और इससे जुड़े लाभों के बारे में।

कटिचक्रासन आसन को करने से कमर दर्द तो दूर होता ही है साथ ही लचीलापन भी आता है। दिन में केवल 20 मिनट यह योग करने से आपके शरीर में जो फायदे होंगे, उन्‍हें देखकर आप खुद भी यकीन नहीं कर पाएंगे।


20 मिनट के लिए कीजिए बस ये एक आसन, कमर दर्द होगा झट से गायब

कभी किसी वजह से कमर में तेज दर्द हो जाए तो मुश्किल एक्सरसाइज तो दूर, एक आसन तक भी नहीं होती। अगर आप भी ऐसी स्थिति में फंस गए हैं, तो आपको कटिचक्रासन जरूर ट्राई करना चाहिए। यह एक ऐसा आसन है, जिसे पीठ में दर्द रहते हुए भी आप आसानी से कर सकते हैं। आपका आसन भी हो जाएगा और दर्द में भी आराम मिलेगा।

इस आसन को करने से कमर को खिंचाव तो मिलता है ही, बल्कि लचीलापन भी आता है। इस आसन में व्यक्ति को अपनी कमर का उपयोग कर इसे दाईं और बाईं ओर मोड़ना होता है। यह कमर से अनावश्यक वसा को कम करने का बेहतरीन उपचार है। हो सकता है कि कटिचक्रासन को करने में थोड़ा समय लगे, लेकिन इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। वजन कम करने के अलावा डायबिटीज, स्ट्रेस, कब्ज और वेटलॉस में भी ये आसन फायदेमंद है। तो चलिए इस लेख में हम आपको बताएंगे कटिचक्रासन को करने का तरीका और इससे जुड़े लाभों के बारे में।



कटिचक्रासन करने की विधि
कटिचक्रासन करने की विधि

सबसे पहले योगा मैट पर बैठें।

इसके बाद दोनों पैरों में लगभग डेढ़ से दो फीट की स्पेस रखकर खड़े हो जाएं।

अब हाथों को आगे की ओर बढ़ाएं। ध्यान रहे हथेलियां एक दूसरे के सामने हों। इस पोजीशन में आपके हाथों और कंधों की दूरी बराबर होनी चाहिए।

सांस अंदर की ओर लें।



अब सांस छोड़ते हुए दाईं ओर पीछे की तरफ घूम जाएं।
अब सांस छोड़ते हुए दाईं ओर पीछे की तरफ घूम जाएं।

जितना हो सके बॉडी को ट्विस्ट करें और बाएं कंधे से पीछे की तरफ देखें।

जहां तक संभव हो, कमर का हिस्सा पूरी तरह से घुमाएं।

इस दौरान आप अपनी कमर में हल्का खिंचाव महसूस करेंगे।

कुछ मिनट तक इसी पोजीशन में बने रहें और फिर सांस लेते हुए वापस सामने की ओर घूम जाएं।



अब फिर सांस अंदर की ओर लें और बॉडी को बाहिने ओर घुमाएं
अब फिर सांस अंदर की ओर लें और बॉडी को बाहिने ओर घुमाएं

ऐसा करते हुए पैरों को एक ही जगह पर रखना होगा।

कुछ सेकंड तक इस पोजीशन को होल्ड करें और फिर सांस छोड़ते हुए सामने की तरफ वापस आ जाएं।

अगर आप योग करने की शुरूआत कर रहे हैं, तो पोजीशन को होल्ड न करते हुए तुरंत सामने की तरफ घूम जाएं।

शुरूआत में आप गति को धीमा रख सकते हैं, लेकिन कमर में लचीलापन आने के बाद आप चाहें तो इसकी स्पीड बढ़ा लें।

जो लोग इस आसन को पहली बार कर रहे हैं, उन्हें 60 से 90 सेकंड तक एक स्थिति में रहने की कोशिश करनी चाहिए।

बेहतर परिणाम के लिए इस आसन को 5 से 10 बार या दो मिनट तक दोनों तरफ करें और फिर सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों को नीचे लाएं।

शुरूआत में इस आसन को करने से पैरों, रीढ़, कंधे, गर्दन और पेट में हल्का दर्द महसूस हो सकता है। लेकिन रोजाना प्रैक्टिस करने से कटिचक्रासन को आसानी से कर लेंगे।



कटिचक्रासन करने के फायदे
कटिचक्रासन करने के फायदे

कटिचक्रासन बैली फैट कम करने का अच्छा उपाय है।

यदि आपको 12 महीने पीठ में दर्द बना रहता है, तो इस आसन को करने से बहुत लाभ मिलेगा। इससे रीढ़ में लचीलापन आएगा।

कटिचक्रासन

ब्लड सकुर्लेशन में सुधार

के लिए जाना जाता है।

अगर एक बार आप कटिचक्रासन करना शुरू कर दें, तो हृदय स्वास्थ्य में सुधार की संभावना बढ़ जाती है।

कटिचक्रासन पाचन स्वास्थ्य में बेहद लाभकारी है।

जिन महिलाओं को गर्भाशय की समस्या रहती है, अगर वे दवाओं से हटकर इस योग को जीवनशैली में शामिल करें तो यह गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की समस्याओं का बेहतरीन उपचार साबित होगा।



कटिचक्रासन करते समय बरतें सावधानियां
कटिचक्रासन करते समय बरतें सावधानियां

यह आसन गर्भावस्था में करने के लिए नहीं बना है। इस दौरान कटिचक्रासन करने से बचें।

रीढ़ में चोट होने की स्थिति में इस आसन से ब्रेक लें।

पेट की सर्जरी के बाद इस आसन को नहीं किया जाना चाहिए।





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