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Friday, January 8, 2021

Covid से बचने के लिए शख्‍स पीता था दिन-रात पानी, ओवरडोज से होने वाली थी मौत; जानें पुरुषों को कितना पानी पीना चाहिए

कोरोना वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या ने लोगों को इस संक्रामक वायरस से खुद को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर द‍िया है। काढ़ा पीने से लेकर इम्यून सिस्टम बढ़ाने वाली चीजें खाने तक, लोगों ने संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खों को आजमा डाला है। लेकिन कुछ तो इन सबसे भी बहुत आगे जाकर अपनी ज‍िंदगी को ही खतरे में डालने से भी नहीं चूके। ऐसा ही कुछ एक शख्स के साथ हुआ, ज‍िसने ज्यादा पानी पीकर अपने कोव‍िड-19 के लक्षणों का इलाज करने की कोश‍िश की और अस्पताल पहुंच गया।

कोविड संक्रमण की चपेट में आने के शक में डॉक्टर ने 34 वर्षीय ल्यूक विलियम्स को रोजाना 2 लीटर पानी पीने को कहा। मगर उन्‍होंने पानी का ओवरडोज कर दिया, जिसका खामियाजा उन्‍हें अस्पताल पहुंचकर भुगतना पड़ा।


Covid से बचने के लिए शख्‍स पीता था दिन-रात पानी, ओवरडोज से होने वाली थी मौत; जानें पुरुषों को कितना पानी पीना चाहिए

कोरोना वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या ने लोगों को इस संक्रामक वायरस से खुद को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर द‍िया है। काढ़ा पीने से लेकर इम्यून सिस्टम बढ़ाने वाली चीजें खाने तक, लोगों ने संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खों को आजमा डाला है।

लेकिन कुछ तो इन सबसे भी बहुत आगे जाकर अपनी ज‍िंदगी को ही खतरे में डालने से भी नहीं चूके। ऐसा ही कुछ एक शख्स के साथ हुआ, ज‍िसने ज्यादा पानी पीकर अपने कोव‍िड-19 के लक्षणों का इलाज करने की कोश‍िश की और अस्पताल पहुंच गया।



water (1)
water (1)


​अति किसी भी चीज की बुरी है
​अति किसी भी चीज की बुरी है

लंदन के एक इलाके पेचवे के रहने वाले 34 वर्षीय ल्यूक विलियम्स के कोविड संक्रमण की चपेट में आने के शक में डॉक्टर ने रोजाना 2 लीटर पानी पीने को कहा। लेकिन विलियम्स ने इससे कहीं आगे जाकर पानी की मात्रा डबल कर दी। कोरोना संक्रमण से जल्द छुटकारा पाने के ल‍िए वह रोजाना 5 लीटर त‍क पानी पीने लगा। ज‍िसके चलते वह बाथरूम में बेहोश हो गया और उसे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा।

डॉक्टर ने बताया कि ऐसा ज्यादा पानी पीने के कारण उसे पानी का इनटॉक्सीकेशन हो गया और द‍िमाग में सूजन आ गई। हालांक‍ि उसे महज 2 से 3 दिन आईसीयू में रहने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।



​क्यों ज़रूरी है पानी
​क्यों ज़रूरी है पानी

पानी हमारे जिंदगी में काफी अहम है। हमारे शरीर के 60 प्रतिशत हिस्से का निर्माण पानी से हुआ है, इसलिये शरीर के अंदरूनी फंक्शन को स्ुचारू रूप से चलाने के लिए दिन भर में पर्याप्त पानी बहुत जरूरी है। पानी कोशिकाओं को पोषक तत्व पहुंचाता है, विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन्स) को बाहर निकलता है, तापमान को नियंत्रित रखता है और शरीर को खनिज, विटामिन, अमीनो एसिड, ग्लूकोज और अन्य पदार्थों को एब्जॉर्ब करने देता है। इसल‍िए स्वस्थ और फिट रहने के लिए हर दिन कम-से-कम 2 से 3 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है।



​कितना पानी ज़रूरी और सही
​कितना पानी ज़रूरी और सही

यह जानना जरूरी है कि आपके लिए पूरे दिन में कितना पानी पीना जरूरी है? इस सवाल का जवाब आपकी सेहत और उम्र पर निर्भर करता है। जब आप बहुत ज्यादा पानी पीते हैं, तो आपकी किडनी आसानी से ज्यादा पानी बाहर निकाल सकती है। हालांक‍ि हमारे शरीर के हर अंग के काम करने की एक सीमा होती है। किडनी एक घंटे में एक लीटर पानी ही न‍िकाल सकती है। इसलिए आप कितना पानी पीते हैं ये महत्वपूर्ण है।

अगर आप बहुत ज्यादा पानी पिएंगे तो आपकी किडनी पर दबाब पड़ेगा और वह ठीक से अपना काम नहीं कर पाएगी। थोड़े समय अंतराल में 3 से 4 लीटर पानी पीने से आप हाइपोनाट्रेम‍िया (hyponatremia) का श‍िकार हो सकते हैं। हाइपोनाट्रेम‍िया में शरीर में सोडियम का सामान्य स्तर कम हो जाता है।

2004 में नेशनल एकेडमी ऑफ मेड‍िसन ने 19 से 30 साल की महिलाओं के लिए एक द‍िन में 2.7 लीटर और इसी उम्र के पुरुषों के लिए 3.7 लीटर पानी लेना सही बताया था।



​जब आप जरूरत से ज्यादा पानी पीते हैं तो क्या होता है?
​जब आप जरूरत से ज्यादा पानी पीते हैं तो क्या होता है?

बहुत ज्यादा पानी की वजह से हाइपोनाट्रेमिया की समस्या हो सकती है और ज्यादा हालत बिगड़ने पर वाटर इंटॉक्सीकेशन। हमारे शरीर में ब्लडस्ट्रीम की सहायता से मसल्स नर्वस सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ मात्रा में सोडियम पोटैशियम, क्लोराइड और मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है।

हमारे शरीर को खून के प्रवाह में कुछ मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे सोड‍ियम, पोटैश‍ियम, क्लोराइड और मैग्नीश‍ियम की जरूरत होती है। ज‍िससे शरीर हमारी मसल्स, नर्वस सिस्टम और एस‍िड के बेस लेवल को बनाए रख सके। ज्यादा पानी शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को बिगाड़ देता है।

शरीर में सोडियम की मात्रा कम होने से हाइपोनेट्रिमिया की संभावना बढ़ जाती है जिसके कारण थकान, कमज़ोरी, भ्रम, नींद न आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालत खराब होने पर वाटर पॉइजनिंग या वाटर इनटॉक्स‍िनेशन हो सकता है। इस हालात में शरीर के सोडियम का स्तर बहुत कम हो जाता है।

ब‍िना सोडियम के सेल्स में फ्लूइड का संतुलन बनाए रखने की प्रक्रिया से दिमाग में सूजन हो सकती है। वाटर इंटॉक्सीकेशन (intoxication) कोमा या कभी-कभी मौत का कारण भी बन सकता है।



​वाटर इंटॉक्सीकेशन से किसे ज्यादा खतरा
​वाटर इंटॉक्सीकेशन से किसे ज्यादा खतरा

हमारी किडनी शरीर से एक्स्ट्रा पानी निकालने में सक्षम होती है। लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा पानी पीते हैं तो ये चैलेंजिग हो जाता है। आप संतुलन बनाने की कोश‍िश करें और ए‍क द‍िन में 3.5 लीटर से ज्यादा पानी ना पिएं। जो लोग किडनी से जुड़ी क‍िसी भी तरह की बीमारी से ग्रसित हों, उन्हें इस बारे में खास ख्याल रखना चाहिए।





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