देश में इस समय कोरोना का संक्रमण फैला हुआ और ऐसे में बर्ड फ्लू वायरस की मार दोहरा संकट पैदा कर रही है। इससे जुड़े कई सवाल हैं जो हमारे मन में हैं। आइए जानते हैं...
कोरोना वायरस महामारी के बीच अब देश में बर्ड फ्लू ने भी अब देश में दस्तक दे दी है। जिसे लेकर अब लोगों में चिंता बढ़ती जा रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने भी बर्ड फ्लू को लेकर तमाम राज्य सरकारों को सतर्क किया है और इससे बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, केरल और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में तो बर्ड फ्लू की पुष्टी भी चुकी है। हालांकि, अभी तक इससे प्रभावित मरीजों की पुष्टी नहीं हुई है।
विशेषज्ञों ने विदेशी पक्षियों के आने के साथ ही बर्ड फ्लू के जल्द ही फैलने की आशंका जताई जा चुकी है। ऐसे में हर कोई इससे बचाव के तरीके ढूंढ रहा है। बर्ड फ्लू की लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। जैसे बर्ड फ्लू फैलने का कारण, इसके लक्षण क्या हैं और इस वायरस से बचाव के उपाय। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही जरूरी सवालों के जवाब देंगे-
क्या कोविड-19 और बर्ड फ्लू दोनों एक तरह से फैलते हैं..?
देश में इस समय कोरोना का संक्रमण फैला हुआ और ऐसे में बर्ड फ्लू वायरस की मार दोहरा संकट पैदा कर रही है। अगर विशेषज्ञों की राय मानें तो बर्ड फ्लू का एविएन इंफ्ल्यूएंजा भी कोविड की तरह कई समानता रखता है। इसमें में अपने वायरस को म्यूटेट करने की क्षमता होती है जिससे कई नए रूप में यह मानव शरीर को संक्रमित करता है। इस वयारस के म्यूटेशन से पनपा H7N9 वायरस अभी तक सबसे घातक साबित हुआ है।
क्या बर्ड फ्लू के लिए कोई वैक्सीन है..?
H5N1 को रोकने के लिए कई टीके भी विकसित किए गए, लेकिन इनके व्यापक रूप से प्रभावी होने के अभी तक कोई भी प्रमाण नहीं मिले हैं। इसलिए हमारी सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
कैसे फैलता है बर्ड फ्लू?
H5N1 के लगभग सभी केस वायरस से संक्रमित जीवित या मृत पक्षियों के संपर्क में आने से होता है। इसके अलावा बर्ड फ्लू से दूषित वातावरण के संपर्क में आने से भी बर्ड फ्लू का खतरा बना रहता है। हालांकि, यह आसानी से मनुष्यों को संक्रमित नहीं करता, लेकिन इससे सतर्क रहने की काफी जरूरत है क्योंकि यह वायरस काफी खतरनाक और जानलेवा होता है।
बर्ड फ्लू या एविएन फ्लू क्या है?
बर्ड फ्लू एक तरह का इन्फ्लूएंजा वायरस है। जिसके फैलने की सबसे बड़ी वजह है पक्षी। आमतौर पर यह वायरस एक पक्षी से दूसरे पक्षी में फैलता है, जो कि काफी खतरनाक और जानलेवा होता है। इससे होने वाली परेशानियों में सबसे बड़ी परेशानी सांस लेने में दिक्कत का होना है। इसके कई स्ट्रेन होते हैं। लेकिन, H5N1 सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। गंभीर बात यह है कि इससे होने वाली मृत्यु दर 60 प्रतिशत है।
बर्ड फ्लू का इलाज कैसे होता है?
ज्यादातर मामलों में देखा जाए तो मनुष्यों में बर्ड फ्लू एक गंभीर समस्या बनकर उभरता है, जिसका इलाज किसी भी हालत में घर में संभव नहीं है। बर्ड फ्लू होने पर अस्पताल में तुरंत इसका इलाज कराना बेहद जरूरी है। अधिकतम मामलों में आईसीयू की जरूरत होती है। क्योंकि, व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। बर्ड फ्लू के इलाज में आमतौर पर एंटीवायरल ओसेल्टामिविर का इस्तेमाल होता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू से सतर्क रहने और समय पर इसका इलाज लेने के लिए सबसे जरूरी है कि समय पर इसके लक्षण का आप पता लगा लें। बुखार आना, बैचेनी होना, शरीर में दर्द होना, सर्दी और गले में खराश होने जैसी समस्याएं बर्ड फ्लू के शुरुआती लक्षणों में से एक हैं। कई बार पेट में दर्द की समस्या, सीने में दर्द और पेट संबंधी समस्याएं जैसे दस्त की समस्या भी हो सकती है। अगर आपको कुछ ऐसी समस्याएं समझ आती हैं तो अपना टेस्ट जरूर कराएं। गंभीर लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया जैसी समस्या के पीछे का कारण बर्ड फ्लू हो सकता है।
क्या चिकन, पोल्ट्री प्रोडक्ट खाना सेफ है?
अगर पोल्ट्री प्रेडक्ट्स और चिकन को अच्छे से साफ करके पकाया गया है तो यह खाना सेफ है। क्योंकि, हीट में यह वायरस कमजोर पड़ जाता है और काफी हद तक खत्म हो जाता है। आप अपने मीट या अन्य पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस की आंच पर जरूर पकाएं। हीट वायरस को मारने में कारगर होता है। वहीं डबल्यूएचओ के अनुसार, पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को पकाते समय हाईजीन का ख्याल रखना भी काफी जरूरी है। इससे H5N1 के संपर्क में आने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
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